पोलियो के खिलाफ अंतिम लड़ाई’’
20 से 22 जनवरी और 24 से 26 फरवरी को चलेगा अभियान
बाडमेर। दो भले ही पोलियो मुक्त घोशित हो गया हो, लेकिन अभी भी वायरस की आांका है। इसलिए हमें सावचेत रहते हुए पोलियो अभियान को सफल बनाने की कोाि करनी होगी। यह पोलियो की खिलाफ निर्णायक और अंतिम लड़ाई साबित होगी। जिला स्वास्थ्य भवन में आयोजित एक दिवसीय पोलिया की जिला टास्क फोर्स की बैठक में वक्ताओं ने उक्त अहम विचार रखते हुए अभियान के प्रति गंभीरता जताई। अतिरिक्त जिला कलेक्टर अरूण पुरोहित की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में सीएमएचओ डॉ. जितेंद्रसिंह, आरसीएचओ डॉ. एमएल मौर्य, डब्ल्यूएचओ के एसएमओ डॉ. समाधान सहित बीसीएमओ, जिलास्तरीय अधिकारीगण एवं अन्य चिकित्सक मौजूद थे।
जिला आईईसी समन्वयक विनोद बिनोई ने बताया कि आगामी 20 से 22 जनवरी और 24 से 26 फरवरी को दो चरणों में चलने वाले पोलियो अभियान को लेकर जिला टास्क फोर्स की बैठक हुई। जिसमें अभियान को सफल बनाने के लिए कई मुद्दों पर चर्चा की गई। एडीएम अरूण पुरोहित ने कहा कि पोलियो अभियान राश्ट्रीय कार्यक्रम है, इसलिए राश्ट्र एवं समाज हित को देखते हुए सभी समस्याओं को दरकिनार कर इसे सफल बनाएं। राज्यस्तरीय प्रिक्षक डॉ. समाधान ने विगत वशोर्ं के तथ्यात्मक आंकड़े प्रस्तुत करते हुए उन्होंने बताया कि हमें इस बार पूरी सतर्कता के साथ अभियान सफल बनाना होगा। हाई रिस्क एरियों को चिन्हित करते हुए घरघर जाकर बच्चों को पिलानी होगी, ताकि कोई भी बच्चा दवा से छूट न सके। यदि इस बार अभियान को गंभीरता से नहीं लिया गया तो विगत वशोर्ं में की गई मेहनत जाया चली जाएगी। इस बार विोशतः झुग्गीझोंपड़ियों, निर्माण स्थल, माईग्रेट एरिया और भट्टा आदि पर ध्यान देना होगा, क्योंकि अक्सर इन्हीं स्थलों पर बच्चे दवा से वंचित रह जाते हैं।
पाकिस्तान से खतरा !
हमारे प्रतिद्वंद्धी और पड़ोसी दो पाकिस्तान से पोलियो वायरस आने की पूरीपूरी संभावना रहती है, लिहाजा इसी दो से हमें मुख्य खतरा है। सीमावर्ती क्षेत्र होने की वजह से बाडमेर जिले सहित जोधपुर संभाग में वायरस का खतरा है, क्योंकि यहां अक्सर पड़ोसी दो से लोगों का आनाजाना रहता है। यही वजह है कि मुनाबावघोघरापार पर नियमित पोलियो बूथ स्थापित किया गया है, जहां प्रत्येक भानिवार को थार एक्सप्रेस के यात्रियों को पोलियो दवा पिलाई जाती है।
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पंजीकरण करवाएं, आयुश पद्धति का लाभ उठाएं
जिले में पहला विल आयुश चिकित्सा िविर 11 को
बाडमेर। आयुश पद्धति पर आधारित जिले में पहली बार लगने जा रहे स्वास्थ्य विभाग के आयुश चिकित्सा, जांच एवं जागरूकता िविर को लेकर विभाग द्वारा पंजीकरण भाुरू किया गया है। वरिश्ठ नागरिकों (बुजुर्गों) एवं महिलाओं के लिए लगने वाले इस िविर के लिए सोमवार से गुरूवार तक पंजीकरण किया जाएगा। पंजीकरण जिला स्वास्थ्य भवन में स्थित कमरा नंबर 22 में जिला आयुश अधिकारी डॉ. अनिल झा दोपहर दो बजे से भाम पांच बजे तक करेंगे। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. जितेंद्रसिंह ने बताया कि एनआरएचएम के सूचना, िक्षा एवं संचार (आईईसी) अनुभाग, केयर्न इंडिया एवं हेल्पेज इंडिया के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस िविर का उद्घाटन 11 जनवरी को प्रातः 11 बजे जिला प्रमुख मदनकौर करेंगी। िविर में आने वाले सभी वरिश्ठ नागरिकों एवं महिलाओं की आयुश चिकित्सकों द्वारा विभिन्न जांच कर दवाएं दी जाएंगी। विभाग की ओर से दोनों ही सुविधाएं नि:ाुल्क उपलब्ध करवाई जाएंगी। वहीं उन्हें परामार दिया जाएगा और बीमारियों के प्रति जागरूक भी किया जाएगा। इस दौरान आमजन के लिए आईईसी प्रदार्नी भी लगाई जाएगी, जिसमें सरकार की विभिन्न योजनाओं एवं स्वास्थ्य सेवाओं की जानकारी दी जाएगी।
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खसरा अभियान 28 जनवरी से
नौ माह से दस वशर तक के बच्चों का होगा टीकाकरण, तीन चरणों में चलेगा अभियान
बाडमेर। खसरा अभियान को लेकर जिला स्वास्थ्य भवन में एडीएम अरूण पुरोहित की अध्यक्षता में जिला टास्क फोर्स की अहम बैठक हुई। जिसमें आगामी 28 जनवरी से जिले में भाुरू होने जा रहे खसरा अभियान को सफल बनाने के लिए विस्तार से चर्चा हुई। बैठक में सीएमएचओ डॉ. जितेंद्रसिंह, आरसीएचओ डॉ. एमएल मौर्य, डॉ. समाधान सहित पूरे जिले के सभी बीसीएमओ एवं चिकित्सक मौजूद थे। उल्लेखनीय है कि अभियान के दौरान तीन चरण चलेंगे, जिसमें पहले चरण में सात दिवस तक स्कूलों में खसरे का टीका लगाया जाएगा। दूसरें चरण में उन स्थानों पर टीकाकरण होगा, जो बच्चें स्कूल में टीकाकरण से वंचित रह जाएंगे। तीसरे चरण में दूरदराज व हाईरिस्क एरिया को चिन्हित कर वहां पर टीकाकरण होगा।