ग्लोबल अकेडमी विद्यालय में राजस्थानी रो हेल्लो कार्यक्रम आयोजित
अमेरिका में राजस्थानी को मान भारत में नहीं ..बलाई
बाड़मेर राजस्थानी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग पर भारत सरकार लंबे समय से निर्णय नहीं कर पा रही, वहीं दूसरी ओर अमेरिका ने व्हाइट हाउस के प्रेसिडेंसियल अपॉइंटमेंट्स की प्रक्रिया में इस भाषा को अंतरराष्ट्रीय भाषाओं की सूची में शामिल किया है। इससे न केवल राजस्थानी भाषा का मान बढ़ा है, बल्कि इसके जानकारों के लिए रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए हैं।यह बात राजस्थानी छात्र परिषद् के जिला संयोजक भोम सिंह बलाई ने इंदिरा नगर में ग्लोबल अकेडमी उच्च प्राथमिक विद्यालय में अखिल भारतीय राजस्थानी मान्यता संघर्ष समिति बाड़मेर तथा राजस्थानी छात्र परिषद् के तत्वाधान में आयोजित राजस्थानी रो हेल्लो जन जागरण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही।संभाग उप पाटवी चन्दन सिंह भाटी ,मोटियार परिषद् के जिला सह संयोजक दिग्विजय सिंह चुली , अतिथि के रूप में मौजूद थे .उन्होंने कहा कि गत दिनों व्हाइट हाउस द्वारा विभिन्न पदों के लिए मांगे गए आवेदन में अंतरराष्ट्रीय अनुभव के तहत विभिन्न देशों की क्षेत्रीय भाषाओं के ज्ञान की जानकारी मांगी गई है। इसके तहत आवेदन पत्र के पांचवें खंड में दी गई विभिन्न अंतरराष्ट्रीय भाषाओं में भारत से हिंदी के अलावा मराठी, उड़िया, पंजाबी व राजस्थानी (मायड) सहित अन्य क्षेत्रीय भाषाओं को शामिल किया गया है। यह पहला मौका है जब मारवाड़ी को इस सूची में शामिल किया गया है। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राजस्थानी छात्र परिषद् के जिला अध्यक्ष अशोक सारला ने कहा की राजस्थानी भाषा को मान्यता के लिए चलाए जा रहे अभियान का ही नतीजा हे की ऍन सी आर टी ने भी राजस्थानी को मायद भाषा मान लिया .अभियान की यह बड़ी सफलता हें ,इस अवसर पर गनपत सिंह ने कहा की मायद को संवेधानिक मान्यता मिले इसके लिए पुरजोर प्रयास किये जायेंगे ,उन्होंने कहा की बाड़मेर का अभियान प्रदेश के लिए अनुकरणीय बन गया हें .इस अवसर पर श्रीमती कंचन कंवर ने कहा की राजस्थानी भाषा को मान्यता के लिए मातृत्व शक्ति भी तत्पर हें ,उन्होंने कहा की आम जन में राजस्थानी भाषा की उपयोगिता का प्रचार प्रसार जरुरी हें .इस अवसर पररमेश सिंह इन्दा , दिनेश विश्नोई ,मोहन सिंह ,सन्दू पाल सिंह कोटडा ,ने भी विचार व्यक्त किये .कार्यक्रम के पश्चात् प्रधानमंत्री ,सांसद और गृहमंत्री के नाम पोस्ट पोस्टकार्ड लिख मान्यता की मांग की .
--
जय राजस्थानी
अमेरिका में राजस्थानी को मान भारत में नहीं ..बलाई
बाड़मेर राजस्थानी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग पर भारत सरकार लंबे समय से निर्णय नहीं कर पा रही, वहीं दूसरी ओर अमेरिका ने व्हाइट हाउस के प्रेसिडेंसियल अपॉइंटमेंट्स की प्रक्रिया में इस भाषा को अंतरराष्ट्रीय भाषाओं की सूची में शामिल किया है। इससे न केवल राजस्थानी भाषा का मान बढ़ा है, बल्कि इसके जानकारों के लिए रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए हैं।यह बात राजस्थानी छात्र परिषद् के जिला संयोजक भोम सिंह बलाई ने इंदिरा नगर में ग्लोबल अकेडमी उच्च प्राथमिक विद्यालय में अखिल भारतीय राजस्थानी मान्यता संघर्ष समिति बाड़मेर तथा राजस्थानी छात्र परिषद् के तत्वाधान में आयोजित राजस्थानी रो हेल्लो जन जागरण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही।संभाग उप पाटवी चन्दन सिंह भाटी ,मोटियार परिषद् के जिला सह संयोजक दिग्विजय सिंह चुली , अतिथि के रूप में मौजूद थे .उन्होंने कहा कि गत दिनों व्हाइट हाउस द्वारा विभिन्न पदों के लिए मांगे गए आवेदन में अंतरराष्ट्रीय अनुभव के तहत विभिन्न देशों की क्षेत्रीय भाषाओं के ज्ञान की जानकारी मांगी गई है। इसके तहत आवेदन पत्र के पांचवें खंड में दी गई विभिन्न अंतरराष्ट्रीय भाषाओं में भारत से हिंदी के अलावा मराठी, उड़िया, पंजाबी व राजस्थानी (मायड) सहित अन्य क्षेत्रीय भाषाओं को शामिल किया गया है। यह पहला मौका है जब मारवाड़ी को इस सूची में शामिल किया गया है। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राजस्थानी छात्र परिषद् के जिला अध्यक्ष अशोक सारला ने कहा की राजस्थानी भाषा को मान्यता के लिए चलाए जा रहे अभियान का ही नतीजा हे की ऍन सी आर टी ने भी राजस्थानी को मायद भाषा मान लिया .अभियान की यह बड़ी सफलता हें ,इस अवसर पर गनपत सिंह ने कहा की मायद को संवेधानिक मान्यता मिले इसके लिए पुरजोर प्रयास किये जायेंगे ,उन्होंने कहा की बाड़मेर का अभियान प्रदेश के लिए अनुकरणीय बन गया हें .इस अवसर पर श्रीमती कंचन कंवर ने कहा की राजस्थानी भाषा को मान्यता के लिए मातृत्व शक्ति भी तत्पर हें ,उन्होंने कहा की आम जन में राजस्थानी भाषा की उपयोगिता का प्रचार प्रसार जरुरी हें .इस अवसर पररमेश सिंह इन्दा , दिनेश विश्नोई ,मोहन सिंह ,सन्दू पाल सिंह कोटडा ,ने भी विचार व्यक्त किये .कार्यक्रम के पश्चात् प्रधानमंत्री ,सांसद और गृहमंत्री के नाम पोस्ट पोस्टकार्ड लिख मान्यता की मांग की .
--
जय राजस्थानी