नवी मुंबई।। मुंबई के नवी मुंबई इलाके में अपनी बहू का बलात्कार करने और उसे प्रताड़ित करने के आरोपी ससुर और इस काम में उसका साथ देने वाली उसकी पत्नी को गिरफ्तार कर लिया गया है। नवी मुंबई के बोनकोड़े गांव में रहने वाले 45 वर्षीय देवा परमार ने अपनी ही 21 वर्षीय बहू के साथ बलात्कार किया और बाद में अपनी पत्नी के साथ मिलकर उसे मुंह बंद रखने के लिए मारा-पीटा।
21 वर्षीय पीड़िता का उसके पति ने भी इस मामले में खुलकर साथ दिया और अपने ही माता-पिता के खिलाफ शिकायत दर्ज करने में अपनी पत्नी की मदद की। पीड़िता के पति ने पुलिस को बताया कि उसके घरवालों ने न सिर्फ उसकी पत्नी को बल्कि उसे भी प्रताड़ित किया। उसने बताया, 'जिस दिन मेरी पत्नी के साथ उन्होंने यह सब किया, उस दिन उसने मुझे कुछ भी नहीं बताया। क्योंकि उसे मारा-पीटा गया था और चुप रहने की धमकी दी गई थी। अगले दिन उसे रोते हुए देखकर मैंने जोर देकर पूछा। तब उसने मुझे सारी घटना के बारे में बताया। जब अपने माता-पिता से मैंने इस बारे में पूछना चाहा तो उन्होंने उल्टा मेरी पत्नी पर ही बदचलन होने का आरोप मढ़ दिया। जब मैंने अपने पिता से सच बोलने को कहा, तो उन्होंने और मेरे भाई-बहनों ने मिलकर मुझे भी मारना शुरू कर दिया।'
पीड़िता ने बताया कि जिस दिन यह घटना हुई, वह अपने ससुर के साथ घर में अकेली थी। उसका पति काम पर गया था और सास बाजार चली गई थी। अचानक उसके ससुर ने उसके साथ जोर-जबरदस्ती करनी शुरू कर दी। जब यह सब हो रहा था तब तक उसकी सास भी लौट चुकी थी। अपनी सास से जब उसने मदद मांगी तो उसने बाहर से घर की कुंडी लगा दी।
पड़ोस में रहने वाली एक महिला ने बताया, '30 दिसंबर को पीड़िता के रोने-चीखने की आवाजें सुनाई दी थीं। जब हमने उसकी मदद के लिए जाकर दरवाजा खटखटाया तो काफी देर बाद दरवाजा खोला गया। वह बदहवास हालत में रोती हुई बाहर भागी। हमने उससे पुलिस को बुलाने के लिए कहा तो उसने मना कर दिया। यहां तक कि उसने हमें यह भी बताने से मना कर दिया कि उसके साथ क्या हुआ। 31 दिसंबर को उसे और उसके पति को दोबारा मारा-पीटा गया। तब इन्होंने पुलिस में कम्प्लेंट करने का फैसला लिया।'
पुलिस के मुताबिक जब देवा परमार को भनक लगी कि पुलिस में केस दर्ज किया जा चुका है, वह अपनी पत्नी के साथ गुजरात भाग गया। लेकिन पुलिस ने उन्हें धर दबोचा। कोपरखैराने के पुलिस इंस्पेक्टर मुकुंद हथोटे ने बताया कि 'पुलिस को प्राप्त जानकारी के आधार पर यह साफ है कि आरोपी की पत्नी भी इस वारदात में शामिल थी। इसलिए दोनों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है और उन्हें गिरफ्तार भी कर लिया गया है।' अब पीड़ित पति-पत्नी, उनके पड़ोसियों और रिश्तेदारों के बयान रिकॉर्ड किए जा रहे हैं।
शुक्रवार, 4 जनवरी 2013
अमेरिकी कांग्रेस सदस्य ने ली 'गीता' की शपथ
वाशिंगटन।। अमेरिका में कांग्रेस के लिए निर्वाचित पहली हिंदू तुलसी गैबर्ड ने पवित्र भगवद गीता पर हाथ रखकर पद एवं गोपनीयता की शपथ ली। तुलसी (31) को प्रतिनिधि सभा के स्पीकर जॉन बोहनर ने शपथ दिलाई। तुलसी गीता की शपथ लेने वाली पहली अमेरिकी कांग्रेस सदस्य हैं।
कल शपथ लेने के बाद तुलसी ने कहा, 'मैंने भगवद गीता की अपनी निजी प्रति के साथ शपथ लेने का फैसला किया क्योंकि गीता से ही मुझे जनसेवक नेता बनने का प्रयास करने की प्रेरणा मिली है।'
उन्होंने कहा, 'मेरी जिंदगी की कई कठिन चुनौतियों के दौरान गीता आंतरिक शांति एवं शक्ति का बड़ा सोत रही है। इन चुनौतियों में पश्चिम एशिया संकट के समय मेरी तैनाती भी शामिल है।'तुलसी ने कहा, 'मैं बहुनस्ली, बहुसांस्कृतिक और बहुधर्मीय परिवार में पली-बढ़ी हूं। मेरी मां हिंदू हैं और पिता कैथोलिक है। मैंने किशोरावस्था से ही आध्यात्मिकता के सवालों से जूझना शुरू कर दिया था।'
हवाई से चुनी गई तुलसी ने कहा, 'समय के साथ मुझे यह विश्वास हुआ कि धर्म हमें जीना सिखाने के साथ ही जिंदगी में बड़े लक्ष्य का उद्देश्य देता है।' उनके पिता माइक गैबर्ड हवाई प्रांत के सीनेटर हैं, जबकि मां कैरोल पोर्टर गैबर्ड की शिक्षाविद, एवं उद्यमी हैं।
महज 21 साल की उम्र में तुलसी हवाई की स्थायी विधायिका के लिए चुनी गई थीं। 28 साल की उम, में उन्हें कुवैत आमीर् नेशनल गार्ड की ओर से एक अवार्ड दिया गया। इससे पहले डेमोक्रेटिक पार्टी के राष्ट्रीय सम्मेलन में तुलसी ने प्रतिनिधि सभा की डेमोक्रेट नेता नैंसी पेलोसी की मौजूदगी में संबोधन दिया था।
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