शुक्रवार, 14 जुलाई 2017

क्या यह मानवाधिकार है, एक बेटी को पापा के अंतिम संस्कार में शामिल होने का भी हक नहीं दिया- चीनू

क्या यह मानवाधिकार है, एक बेटी को पापा के अंतिम संस्कार में शामिल होने का भी हक नहीं दिया- चीनू


नागौर. आनंदपाल के अंतिम संस्कार को लेकर पुलिस का दावा है कि शव का अंतिम संस्कार आनंदपाल के परिजनों की सहमति से किया गया है वहीं एक ऑडियो में कथित रूप से दुबई में रह रही आनंदपाल की बड़ी बेटी चीनू का कहना है कि उनके पिता का अंतिम संस्कार जबरन किया गया है और उनकी मां, दादी, बहन योगिता, भाई व बुआ को पुलिस ने धक्का देकर मारपीट कर कमरे में बंदकर शव जबरन ले गए। एक मिनट 56 सैकण्ड के ऑडियो में आवाज को कथित रूप से चीनू की बताया जा रहा है। ऑडियो में चीनू कहती है ‘अंतिम संस्कार को लेकर परिवार की सहमति नहीं ली गई। परिवार में मैं भी पापा की बेटी हूं, मेरी सहमति नहीं है, भाई, बहन की सहमति नहीं है तो किसकी सहमति से अंतिम संस्कार किया गया है।’ बिल्कुल पापा के शव को जबरदस्ती लेकर गए। रात को अंतिम संस्कार करने का कौनसा समय होता है। ये लोग रात में अंतिम संस्कार करने लेकर गए। सूरज डूबने के बाद अंतिम संस्कार कर रहे हैं। चीनू कहती है कि शव के अंतिम संस्कार में परिवार के लोग शामिल नहीं हुए। जो भी शामिल हो रहे हैं उनको पुलिस जबरदस्ती शामिल कर रही है। दबाव बनाकर व ट्रॉचर करके अंतिम संस्कार में शामिल किया जा रहा है। ऑडियो में भावुक हुई चीनू कहती है कि क्या यह न्याय है, यह मानवाधिकार है, एक बेटी को उसके पापा के अंतिम संस्कार में शामिल नहीं होने का भी हक नहीं दिया गया सरकार की तरफ से।





गैंगस्टर आनंदपाल की मां निर्मल कंवर व पत्नी राज कंवर की तबीयत बिगड़ी...

गैंगस्टर आनंदपाल की मां निर्मल कंवर व पत्नी राज कंवर की तबीयत बिगड़ी...


नागौर. सांवराद में गुरुवार को आनंदपाल की अन्त्येष्टि के बाद शुक्रवार दोपहर में आनंदपाल की मां निर्मल कंवर व पत्नी राज कंवर की तबीयत बिगड़ी, जिला प्रशासन की अनुमति से लाडनूं से बीसीएमएचओ डॉ. राकेश जैन व अन्य चिकित्सकों ने किया स्वास्थ्य परीक्षण। सांवराद में तीसरे दिन शुक्रवार को भी जारी रहा कफ्र्यू, साढे पांच से साढ़े सात तक दो घंटे दी ढील, गांव में तनाव का माहौल। पुलिस जाब्ते के साथ एएसपी ज्ञानप्रकाश यादव, डिप्टी नरसीलाल मीणा, डीडवाना एसडीएम उत्तम सिंह, लाडनूं तहसीलदार आदू राम, एडीएम छगनलाल गोयल सांवराद में उपस्थित मौजूद है। गौरतलब है कि आनंदपाल के शव का गुरुवार शाम को कुछ रिश्तेदारों की मौजूदगी में पुलिस ने अंतिम संस्कार करवा दिया था। गैंगस्टर आनंदपाल सिंह के एनकाउंटर के 20वें दिन गुरुवार शाम आनंदपाल का अंतिम संस्कार कर दिया गया था। शव को साढ़े छह बजे डी-फ्रिज सहित घर के बाहर बरामदे में रखवाया गया। वहां से शव को डी-फ्रिज सहित मुक्तिधाम ले जाया गया और मुखाग्नि दी गई। अंतिम संस्कार करने के लिए देर रात लगाए गए कफ्र्यू में एक घंटे ढील दी गई। अंतिम संस्कार के दौरान गांव में पुलिस अधिकारियों की मौजूदगी में चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल तैनात रहा।गुरुवार दोपहर प्रशासन ने मानवाधिकार आयोग की ओर से जारी किया गया नोटिस एपी के घर चस्पा कर बताया कि शुक्रवार दोपहर तक या तो परिजन शव का अंतिम संस्कार करें अन्यथा प्रशासन को उसका अंतिम संस्कार कराना पड़ेेगा। इसपर गुरुवार शाम एडीजी अजीतसिंह समेत संभागीय आयुक्त एचएस मीणा, आईजी मालिनी अग्रवाल समेत अन्य ने आनंदपाल के परिजनों से अंतिम संस्कार को लेकर वार्ता की।





पुलिस ने जबरन कराया गैंगस्टर आनंदपाल का अंतिम संस्कार, इलाके में तनाव बरकरार

पुलिस ने जबरन कराया गैंगस्टर आनंदपाल का अंतिम संस्कार, इलाके में तनाव बरकरार

राजस्थान के कुख्यात गैंगस्टर आनंदपाल सिंह का अंतिम संस्कार कर दिया गया. पुलिस प्रशासन ने कड़ी सुरक्षा के बीच आंनदपाल का अंतिम संस्कार कराया. इससे पहले आनंदपाल एनकाउंटर की सीबीआई मांग लेकर राजपूत समाज के लोगों ने जमकर हंगामा किया. बुधवार की रात कई वाहनों में आगजनी भी की गई थी. आनंदपाल के गांव और आस-पास के इलाके में भारी पुलिस बल तैनात है.


जानकारी मिली है कि पुलिस प्रशासन ने आनंदपाल सिंह के परिवार को एक नोटिस देकर कहा था कि अगर उन्होंने उसके शव का अंतिम संस्कार नहीं किया तो मजबूरी में यह काम पुलिस प्रशासन करेगा. इस चेतावनी के बाद गुरुवार को मुक्तिधाम में बीस दिनों बाद राजस्थान पुलिस ने गैंगस्टर आनंदपाल सिंह का जबरन अंतिम संस्कार कर दिया.


पुलिस ने भारी सुरक्षा के बीच आनंदपाल का दाह संस्कार करा दिया

पुलिस ने शाम को पुलिस ने घरवालों को कहा कि अंतिम संस्कार करना होगा और आनंदपाल के बेटे को साथ चलने को कहा मगर बेटा नहीं माना तो पुलिस जबरन उसे साथ ले गई. पुलिस ने गांव के पांच लोगों को भी साथ लिया और उन्हें अंतिम संस्कार में ले आई. इसके अंतिम संस्कार की कार्रवाई पूरी की गई.




सुबह से राजस्थान के जेल डीजी और राजपूत अधिकारी अजीत सिंह को परिवार को दाहसंस्कार करने के लिए राजी करने के लिए लगा रखा था. दिन में ढाई बजे पुलिस ने आनंदपाल के घर पर मानवाधिकार आयोग का नोटिस घर पर चस्पा किया गया था कि आप 24 घंटे के अंदर दाह संस्कार कीजिए. इसके लिए मानवाधिकार ने आनंदपाल के लाश के मानवाधिकार और उसकी प्रतिष्ठा का सवाल बनाया था. मगर चार घंटे बाद ही दाह संस्कार कर दिया गया.




राजस्थान पुलिस के अनुसार गांव में एक घंटे के लिए कर्फ्यू में ढील दी गई थी और दाह संस्कार के लिए एक जगह एकत्रित होने के लिए कहा गया था. सूत्रों के अनुसार आनंदपाल की मां इस बात पर अड़ी थी कि अगर बेटे के एनकाउंटर की जांच सीबीआई से नहीं कराई गई और जबरन दाह संस्कार कराया तो बेटे के साथ वो भी जलेंगी. इस वजह से पुलिस ने पूरे मामले को गुपचुप तरीके से अंजाम दिया.




तनाव को देखते हुए आनंदपाल की शव यात्रा में भारी सुरक्षा बल तैनात किया गया था. बताते चलें कि नागौर में हालात अभी भी तनावपूर्ण बने हुए हैं. इससे पहले बुधवार की रात राजपूतों की गुस्साई भीड़ ने नागौर में पुलिस पर हमला कर दिया था. इस हमले में कई पुलिसकर्मी घायल हो गए जबकि पुलिस ने भीड़ को खदेड़ने के लिए कई राउंड फायरिंग भी की थी.




उधर, गांव में अब भी तनावपूर्ण माहौल है. मीडिया को गांव में घुसने की इजाजत नहीं दी गई. दाह संस्कार देखने की इजाजत भी मीडिया को नहीं मिली. डीजी जेल अजीत कुमार सिंह ने कहा कि दाह संस्कार के दृश्य मीडिया को दे दिए जाएंगे. इस बीच राजपूतों ने भी इसे सरकार की दमनकारी नीति बताते हुए अपनी अगली रणनीति शुक्रवार को बनाने का ऐलान किया है

बाड़मेर रात 10 बजे कलेक्टर ने देखे शहर में पानी निकासी के हालात


रात 10 बजे कलेक्टर ने देखे शहर में पानी निकासी के हालात


गुरुवारशाम शुरू हुई बारिश के रात दस बजे बंद होने के बाद शहर में पानी के भराव वाले स्थानों और इलाकों का दौरा किया। शहर के फेल ड्रेनेज सिस्टम को सुधारने के लिए कलेक्टर प्रयास कर रहे हैं। जिला कलेक्टर शिवप्रसाद मदान नकाते गुरुवार रात 10 बजे जब बारिश थम गई तो नगर परिषद के आयुक्त श्रवण विश्नोई, एसडीएम चेतन त्रिपाठी, पटवारी ओमप्रकाश के साथ शहर के निरीक्षण पर निकल पड़े। कलेक्टर ने शास्त्रीनगर, चामुंडा मंदिर, विष्णु कॉलोनी, गांधीनगर, रीको, कृषि उपज मंडी, शहीद चौराहा, अहिंसा सर्किल, कलेक्टर कार्यालय का निरीक्षण किया। इस दौरान पानी निकासी के इंतजाम और प्लानिंग को लेकर अधिकारियों काे आवश्यक निर्देश दिए। शहीद चौराहे पर पानी निकासी के लिए सिणधरी रोड के दोनों ओर नाले बनाने और हाइवे के नीचे से पानी निकासी की व्यवस्था को लेकर निर्देश दिए गए। कृषि उपज मंडी के सामने बंद पड़े नाले को खोलने और रीको के अंदर से पानी निकासी की व्यवस्था किए जाने को लेकर भी आवश्यक निर्देश दिए। इस दौरान शहीद चौराहे पर रात में भी जेसीबी लगाकर बरसाती पानी को नाले में डालने का काम शुरू करवाया। कलेक्टर ने आयुक्त को ड्रेनेज सिस्टम को लेकर पूरा मास्टर प्लान तैयार किए जाने के निर्देश दिए।

गंभीर लापरवाही पर बाड़मेर बीसीएमएचओ को चार्जशीट, सेड़वा में रिश्वत लेने वाले ऑपरेटर को हटाने के निर्देश



गंभीर लापरवाही पर बाड़मेर बीसीएमएचओ को चार्जशीट, सेड़वा में रिश्वत लेने वाले ऑपरेटर को हटाने के निर्देश

गंभीर लापरवाही पर बाड़मेर बीसीएमएचओ को चार्जशीट, सेड़वा में रिश्वत लेने वाले ऑपरेटर को हटाने के निर्देश 
4.30 घंटे चली जनसुनवाई में पहली बार सर्वाधिक 200 प्रकरण दर्ज, 50 % शिकायतें राजस्व विभाग की 
 बाड़मेर
तहसीलपंचायत समिति स्तर के अफसरों की लापरवाही का नतीजा है कि कलेक्टर की जिला स्तरीय सुनवाई में फरियादियों की फेहरिस्त लगातार बढ़ रही है। गुरुवार को कलेक्ट्री के अटल सेवा केंद्र में हुई जनसुनवाई में सर्वाधिक 200 परिवाद दर्ज हुए। स्वास्थ्य सेवाओं में गंभीर अनियमितताओं का मामला प्रकाश में आने पर कलेक्टर ने बाड़मेर बीसीएमएचओ को चार्जशीट के आदेश दिए। सुनवाई में पंचायत समिति सेड़वा के कंप्यूटर ऑपरेटरों की ओर से काम की एवज में रिश्वत लेने का मामला सामने आया। इस पर कलेक्टर ने वीडियो कांफ्रेंस से सेड़वा बीडीओ को इस मामले की जांच कर तीन दिन में ऑपरेटर को हटाने के निर्देश दिए। ग्राम सेवा सहकारी समितियों के माध्यम से ऋण वितरण में गड़बड़ियों की शिकायतों को लेकर सीसीबी को संबंधित व्यवस्थापकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने को कहा गया। सुबह 10.30 बजे शुरू हुई सुनवाई शाम 4 बजे तक जारी रही। इस दौरान अधिकांश प्रकरण अतिक्रमण,पानी,बिजली, सड़क से जुड़े शामिल थे।
कलेक्ट्री स्थित अटल सेवा केंद्र में सुबह 10.30 बजे कलेक्टर शिवप्रसाद मदान नकाते ने सुनवाई शुरू की। सुबह से सेवा केंद्र में फरियादियों के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया। दोपहर तक अटल सेवा केंद्र में सैकड़ों लोग पहुंच गए। परिवेदनाओं की सुनवाई में अधिकांश मामले राजस्व पंचायतीराज विभाग से जुड़े होने पर कलेक्टर ने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से अफसरों को जमकर फटकार लगाई। अफसरों को कहा कि ये लोग तहसील पंचायत समिति स्तर की शिकायतों का निस्तारण नहीं होने पर जिला मुख्यालय पहुंच रहे हैं। इस तरह के मामलों को गंभीरता से लेंवे। इस दौरान बाड़मेर विधायक मेवाराम जैन, एसपी डॉ.गगनदीप सिंगला,जिला परिषद सीईओ एम.एल.नेहरा, एडीएम ओ.पी.बिश्नोई,भूमि अवाप्ति अधिकारी अशोक सांगवान आदि मौजूद थे।
आमजन की परिवेदनाएं लिखने के निर्देश | जनसुनवाई में आने वाले ग्रामीणों को अगली बार होने वाली जन सुनवाई के दौरान जिला प्रशासन की ओर से अटल सेवा केन्द्र में उनकी परिवेदनाएं लिखने की भी व्यवस्था की जाएगी। कलक्टर शिवप्रसाद मदन नकाते ने आगामी जन सुनवाई के दौरान इसकी व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश एडीएम ओ.पी.बिश्नोई को दिए है।
सुनवाई में 50 फीसदी शिकायतें तो सिर्फ राजस्व विभाग की | कलेक्टरकी सुनवाई में 50 फीसदी मामले राजस्व विभाग से जुड़े हैं। जमीन की पैमाइश,सरकारी जमीन पर अतिक्रमण की शिकायतें दर्ज की गई। तहसीलदार स्तर की शिकायतों का निस्तारण नहीं होने से फरियादी बार-बार सुनवाई में पहुंच रहे हैं। इस मामले को कलेक्टर ने गंभीरता से लेते हुए वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से राजस्व अधिकारियों को फटकार लगाते हुए त्वरित निस्तारण के निर्देश दिए। सेड़वा में गोचर भूमि से अतिक्रमण,पचपदरा में सीमा ज्ञान, बलाई गांव में गोचर भूमि से अतिक्रमण हटाने की शिकायतें दर्ज की गई।
बाड़मेर.जनसुनवाई में समस्याएं सुनते कलेक्टर। 

गुरुवार, 13 जुलाई 2017

एक एपिसोड हुआ खत्म आनंदपाल का हुआ अंतिम संस्कार

एक एपिसोड हुआ खत्म  आनंदपाल 19 दिन बाद हुआ का हुआ अंतिम संस्कार 

अन्कॉउंटर में मारे गए आनंदपाल का आज अंतिम संस्कार आखिर हो गया ,पुलिस महकमे के साथ साथ राज्य सरकार ने भी राहत की साँस ली ,आनंदपाल के अंतिम संस्कार के दौरान  सांवराद में लगे कर्फ्यू में एक घंटे की ढील दी गयी थी ,ताकि गांव के लोग शव यात्रा में शामिल हो सके ,जानकारी के अनुसार मानव अधिकार आयोग ने कल रत चौबीस घंटे में आनंदपाल के शव का अंतिम संस्कार करवाने के आदेश राज्य सरकार को दिए थे जिसके चलते आज दिन में पुलिस विभाग के आला अधिकारियो के साथ जिला पुलिस अधीक्षक परिस देशमुख ,जिला कलेक्टर सहित कई अधिकारी पहुंचे ,आनंदपाल के परिजनों से वार्ता कर उन्हें शव के अंतिम संस्कार के लिए तैयार किया ,गैंगस्टर आनंदपालसिंह एनकाउण्टर प्रकरण की सीबीआई जांच सहित अन्य मांगों को लेकर 19 दिन बाद आयोग के आदेश पर आखिर 20वें दिन गुरुवार शाम निकग के रिश्तेदारों की उपस्थिति में शव का  अंतिम संस्कार कर दिया गया। 

सूत्रों के अनुसार आनंदपाल मां, पत्नी, बेटी योगिता सहित अन्य परिजनों ने उनकी मांगें माने बिना अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया। परिजनों ने आनंदपाल के बेटे को भी अंतिम संस्कार में नहीं भेजा। बताया जा रहा है कि आनंदपाल के मामा मोहनसिंह, अमरसिंह, मामा के बेटे रणजीतसिंह व मौसी के बेटे गजेन्द्रसिंह को समझाइश कर अंतिम संस्कार के लिए तैयार किया गया। इसके बाद गांव व रिश्तेदारी के करीब 40-50 लोगों की उपस्थिति में अंतिम संस्कार कर दिया। एपी के चाचा ने मुखाग्नि दी।  बुधवार को श्रद्धांजलि सभा के बाद हुए उपद्रव के बाद बिगड़ी स्थिति एवं मानवाधिकार आयोग के नोटिस  पर पुलिस के दबाव के चलते देर शाम आनन-फानन में पुलिस-प्रशासन की उपस्थिति में अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान कफ्र्य में एक घंटे की ढील भी दी गई तथा पुलिस की ओर से गांव मुनादी भी कराई गई कि यदि कोई ग्रामीण चाहे तो अंतिम संस्कार में शामिल हो सकता है। बावजूद इसके अंतिम संस्कार में गिने-चुने लोग ही शामिल हुए। इस दौरान पुलिस ने मीडियाकर्मियों को भी सांवराद में प्रवेश नहीं करने दिया। 

परिजनों की मांगों को लेकर अलग-अलग बातें सामने आईं। सूत्रों के अनुसार राजपूत समाज से जुड़े पुलिस के आला अधिकारी ने मध्यस्ता करते हुए परिजनों को इस बात के लिए राजी किया कि यदि वे सीबीआई जांच की मांग को लेकर सरकार के समक्ष आवेदन पेश करेंगे तो उनकी मांग पर गंभीरता से गौर किया जाएगा। वहीं पुलिस के एक बड़े अधिकारी ने जयपुर में मीडिया को बयान दिया कि परिजन बिना शर्त अंतिम संस्कार के लिए राजी हो गए। इससे पहले पुलिस ने मानवाधिकार आयोग की ओर से दिए गए नोटिस के आधार पर गुरुवार दोपहर करीब २ बजे परिजनों को नोटिस जारी करते हुए २४ घंटे में अंतिम संस्कार करने का अल्टीमेटम दिया।

आनंदपाल एनकाउंटरः नागौर में तनाव जारी, सरकार ने CBI जांच की मांग ठुकराई

आनंदपाल एनकाउंटरः नागौर में तनाव जारी, सरकार ने CBI जांच की मांग ठुकराई


जयपुर / नागौर। पुलिस मुठभेड़ में मारे गये कुख्यात अपराधी आनंदपालसिंह के पैतृक गांव सांवराद में कर्फ्यू के बावजूद हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं। वहीं दूसरी ओर सरकार ने इस प्रकरण की जांच सीबीआई से करवाने की मांग सिरे से खारिज कर दी है।

सरकार ने कहा है कि मानवाधिकार आयोग के आदेश के अनुसार आनंदपाल सिंह के शव का चौबीस घंटे के अंदर परिजनों ने अंतिम संस्कार नहीं किया तो सरकार अपने स्तर पर अंतिम संस्कार की प्रक्रिया शुरू करेगी। सांवराद में बुधवार को हुंकार रैली के दौरान हुई हिंसा में गोली चलने से एक व्यक्ति की मौत हो गई। इससे पहले पुलिस के साथ संघर्ष में 24 पुलिसकर्मियों सहित 32 लोग घायल हो गए हैं। घायलों में नागौर के पुलिस अधीक्षक पारिस देशमुख और उनका अंगरक्षक भी शामिल हैं। घायलों में से एक पुलिसकर्मी की हालत नाजुक बताई जा रही है।


आनंदपाल सिंह के लिए चित्र परिणाम

सरकार ने खारिज की आनंदपाल सिंह की मौत की सीबीआई जांच की मांग
राजस्थान के गृहमंत्री गुलाब चंद कटारिया ने गुरुवार को जयपुर में संवाददाताओं से बातचीत करते हुए मृतक आंनदपाल सिंह के परिजनों और राजपूत समाज के कई संगठनों की ओर से इस मामले की सीबीआई जांच की मांग को खारिज करते हुए कहा, मैं अपने पुलिस के खिलाफ ही जांच के आदेश कैसे दे सकता हूं और वह कोर्ट (अदालत) जाएं, यदि अदालत आदेश देगा तो उसका पालन की जाएगा।

आनंदपाल का अंतिम संस्कार नहीं किया तो सरकार शुरू करेगी अपनी प्रक्रिया
गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि पुलिस मुठभेड़ में मारे गये आनंदपाल सिंह के शव का अंतिम संस्कार करवाने के संबंध में मानवाधिकार आयोग की ओर से प्राप्त आदेश के तामिल हेतु पुलिस अधिकारियों को भेजा गया है। परिजनों को यह आदेश सौंपने के बाद यदि तय समय सीमा में अंतिम संस्कार नहीं किया गया तो, सरकार अपनी ओर से प्रक्रिया शुरू कर देगी। कटारिया ने कहा कि बुधवार की घटना में 24 पुलिसकर्मियों सहित 32 लोग घायल हुए हैं। घायल पुलिसकर्मियों में एक की हालत नाजुक है। अब तक 150-200 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, और गिरफ्तारियां संभव हैं।

हिंसा में एक व्यक्ति की मौत
उन्होंने कहा, आयोजकों ने शांतिपूर्ण श्रद्धाजंलि कार्यक्रम करने की बात कही थी, लेकिन उन्होंने उसे हिंसक बना दिया। उनका ध्यान इस मामले में कांग्रेस के एक युवा नेता की ओर दिलाये जाने पर कहा कि वोटों की राजनीति ने सभी मयार्दाओं को तिलाजंलि दे दी है, अपराधी, बदमाश की कोई जाति नहीं होती। जिसने अपराध किया है उसे सजा मिलेगी, सरकार इसमें कोई रियायत नहीं करेगी।

कटारिया ने कहा कि सांवराद में हुई हिंसा में मारे गये व्यक्ति की पहचान हरियाणा के लाल चंद के रूप में हुई है। लाल चंद वहां कैसे पहुंचा इसकी जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने अपराध किया है उनके खिलाफ कानून के तहत कार्रवाई होगी, सरकार किसी को नहीं बख्शेगी।

राजस्थान के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक एन आर के रेड्डी के अनुसार लाल चंद की मौत पुलिस गोली से नहीं हुई है। पुलिस ने पूरे घटनाक्रम में कोई गोली नहीं चलाई है। उन्होंने कहा, रैली में आए लोगों ने अचानक उत्तेजित होकर पुलिस पर पथराव किया जिसमें नागौर के पुलिस अधीक्षक पारिस देशमुख, आईपीएस अधिकारी मोनिका सेन सहित 24 चौबीस पुलिसकर्मी घायल हुए हैं।

पुलिस ने उन्हें तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे और लाठीचार्ज किया। सूत्रों के अनुसार, उन्मादी पुलिस अधीक्षक के अंगरक्षक की एके 47 और एक अन्य पुलिसकर्मी की रिवाल्वर छीन कर फरार हो गये। रेड्डी ने बताया कि हालात तनावपूर्ण, लेकिन नियंत्रण में हैं। स्थानीय हालात को देखते हुए प्रभावित क्षेत्रों में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है।

उक्त रैली श्रीराजपूत करणी सेना और अन्य राजपूत संगठनों ने पुलिस मुठभेड़ में 24 जून को मारे गये कुख्यात अपराधी आनंदपाल सिंह के प्रकरण की सीबीआई से जांच करवाये जाने समेत चार सूत्रीय मांग को लेकर बुलायी गयी थी। आनंदपाल सिंह का शव उसके पैतृक गांव सांवराद में रखा हुआ है, परिजन मांगे पूरी होने के बाद ही अंतिम संस्कार करने की बात पर अड़े हुए हैं।

वहीं सांवराद में मौजूदा हालात के कारण रेल और बस सेवाएं प्रभावित हुई हैं। रेलवे के प्रवक्ता कमल जोशी के अनुसार गाड़ी संख्या 74851 रतनगढ़-सरदारशहर और सरदारशहर-रतनगढ़ एक्स्रप्रेस का संचालन आगामी आदेश तक रद्द कर दिया गया है। जोधपुर हिसार एक्स्प्रेस को आंशिक रूप से रद्द कर दिया गया है।

रोडवेज प्रवक्ता सुधीर भाटी के अनुसार कल नागौर, बीकानेर, झुंझुनू और सीकर जिले में बस सेवाओं का संचालन प्रभावित हुआ था लेकिन गुरुवार को सांवराद इलाके से गुजरने वाली बसों को छोड़कर शेष मार्ग पर बसों का संचालन सामान्य हो गया है।

सांवराद से जयपुर के रास्ते सील, राज्य मानवाधिकार आयोग ने कहा- 24 घंटे के भीतर हाे आनन्दपाल का अंतिम संस्कार



सांवराद से जयपुर के रास्ते सील, राज्य मानवाधिकार आयोग ने कहा- 24 घंटे के भीतर हाे आनन्दपाल का अंतिम संस्कार



जयपुर / आनन्दपाल के अंतिम संस्कार को लेकर जारी तनाव के बीच राज्य मानवाधिकार आयोग ने 24 घंटे के भीतर उसका अंतिम संस्कार कराने को कहा है। आयोग ने कहा है कि परिवार वाले अंतिम संस्कार नहीं कराएं, तो सरकार जिम्मेदारी निभाए। बुधवार को आदेश की कॉपी मुख्य सचिव व प्रमुख गृह सचिव को देकर 20 जुलाई तक पालना रिपोर्ट मांगी है। परिवार ने नोटिस के बावजूद अंतिम संस्कार नहीं कराया है, एेसे में सरकार को आगे आना चाहिए। आयोग अध्यक्ष प्रकाश टाटिया ने स्वप्रेरणा से दर्ज प्रकरण में यह आदेश दिया है।

आयोग के तर्क

🔵 अंतिम क्रिया के अतिरिक्त अन्य किसी भी कार्य के लिए मृत शरीर को रखा नहीं जा सकता, क्योंकि मानव शरीर कोई बाजार में बिकने वाली वस्तु नहीं है।




जिस तरह जीवित व्यक्ति को बंधक नहीं बनाया जा सकता, उसी तरह मृत का तत्काल अंतिम संस्कार नहीं करना व उसे कब्जे में रखना कानूनन, सामाजिक मान्यता व शालीनता के खिलाफ है। मृत शरीर से दुर्गंध के साथ ही चमड़ी उतरने लगी थी। फिर भी अंतिम संस्कार नहीं करा रहा है तो यह सरकार का दायित्व है। यह सुप्रीम कोर्ट पहले ही निर्देश दे चुका है।

🔵कोख में आते ही मानव अधिकार जन्म ले लेते हैं, उसी तरह मृत्यु के बाद भी मानवाधिकार रहता है। कोई भी इसके लिए स्वयं संघर्ष नहीं कर सकता। एेसे में उसके परिजन और सगे सम्बन्धी या सामाजिक संस्था मृतक का अंतिम संस्कार करा सकती हैं। वे भी नहीं कराएं तो सरकार को जिम्मेदारी उठानी चाहिए।

🔵आयोग ने इस मामले में पिछले दिनों भी स्वप्रेरणा से प्रसंज्ञान लिया था। साथ ही मौताणे को लेकर राज्य सरकार से जवाब मांगा था। गृह विभाग से पूछा था कि अंतिम संस्कार नहीं कराने के मामलों पर सरकार की क्या नीति है?

🔴रैली में कहा...उखाड़ेंगे पटरी, रोकेंगे हाइवे

कुख्यात अपराधी आनंदपाल के एनकाउंटर की सीबीआई जांच सहित परिजनों की मांगों को लेकर बुधवार को सांवराद में आयोजित हुंकार रैली व श्रद्धांजलि सभा में राजपूत एवं रावणा राजपूत समाज के लोग हजारों की संख्या में एकत्र हुए। इस मौके पर राजपूत समाज के नेता लोकेन्द्र सिंह कालवी के नेतृत्व में मौजूद लोगों ने सीबीआई जांच व परिजनों की अन्य मांगों का समर्थन किया। साथ ही आनन्दपाल सिंह एनकाउंटर को साजिश करार देते हुए इसे सुनियोजित हत्या करार दिया। उन्होंने कहा कि आनन्दपाल सिंह समर्पण करने को तैयार था, लेकिन सरकार की शह पर पुलिस ने उसे विश्वास में लेकर मारा है। उन्होंने कहा कि इस मामले को लेकर सरकार गंभीर नहीं है। इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।

🔴सिपाहियों को जलाने का किया प्रयास

अपराधी आनंदपाल की श्रद्धांजलि सभा के बाद बुधवार रात सांवराद में हालात बेकाबू हो गए। उपद्रवी भीड़ ने रात करीब आठ बजे सांवराद रेलवे स्टेशन पर पटरियां उखाड़ दी। कुछ पुलिसकर्मियों को कमरे में बंद कर आग लगाने का प्रयास किया। सांवराद में उपद्रवियों को पुलिस ने काबू करने का प्रयास किया तो वह और उग्र हो गए। इस दौरान झड़प में हुए घायलों को जयपुर रैफर किया गया। रास्ते में एक घायल लालचंद ने दम तोड़ दिया। इस बीच उपद्रवियों ने पुलिस अधीक्षक पारिस देशमुख की कार पर हमला करके उसमें आग लगा दी। साथ ही उनके गनमैन की एके 47 राइफल छीनकर भाग गए।साथ ही आईपीएस मोनिका सैन को घेर लिया। उनके गनमैन ने भीड़ को काबू करने का प्रयास किया तो उपद्रवी उसकी भी पिस्तौल छीनकर ले गए। दरअसल श्रद्धांजलि सभा में शामिल भीड़ के कुछ लोग दिनभर राज्य सरकार के जवाब के इंतजार में बैठे रहे। शाम को वह सांवराद रेलवे स्टेशन की तरफ बढ़ गए। वहां पहुंचकर उन्होंने पटरियों पर कब्जा कर लिया। मौके पर मौजूद आरपीएफ एवं पुलिस के जवानों ने उन्हें समझाकर हटाने का प्रयास किया। इसमें दोनों पक्षों के बीच झड़प के बाद हालात बिगड़ गए।

🔴सांवराद से जयपुर के रास्ते सील

सांवराद में हालात बिगडऩे के बाद जयपुर में भी सतर्कता बढ़ा दी गई है। वहां से जयपुर आने वाले मार्गों पर पुलिस जाप्ता तैनात कर दिया है। प्रदर्शनकारियों को राजधानी में घुसने से रोकने के लिए सभी थानों और लाइन का अतिरिक्त जाप्ता तैनात किया गया है। नागौर व चूरू से आने वाले वाहनों की विशेष निगरानी जारी है।

🔴गृहमंत्री और डीजीपी ने की मीटिंग

गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया ने देर रात पुलिस महानिदेशक मनोज भट्ट को अपने दफ्तर में बुलाया। वहां अन्य अधिकारियों के साथ चर्चा के बाद हालात से निपटने की रणनीति बनाई गई। दूसरी और राज्य के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था) एन आर के रेड्डी के अनुसार श्रीकरणी राजपूत सेना द्वारा आयोजित कार रैली में आए लोगों पर उस समय लाठीचार्ज करना पड़ा जब उत्तेजित प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव करना शुरू कर दिया। पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़कर भीड़ को तितर-बितर करने का प्रयास किया लेकिन वह हिंसा पर उतारू होने लगे, जिसके चलते पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा।

उन्होंने बताया कि झड़प में घायल हुए लोगों में नागौर पुलिस अधीक्षक पारिस देशमुख समेत कई पुलिसकर्मी शामिल हैं। अन्य घायल प्रदर्शनकारी हैं। घायल पुलिसर्किमयों में से दो को नाजुक हालत में जयपुर के अस्पताल भेजा गया है जबकि शेष को नागौर के नजदीक अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। दो पुलिसकर्मी अभी लापता हैं जिनकी तेजी से तलाश की जा रही है।

सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के पांच दशक से ज्यादा के इतिहास में ‘कॉम्बेट ऑफिसर’ बनने वाली पहली महिला

सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के पांच दशक से ज्यादा के इतिहास में ‘कॉम्बेट ऑफिसर’ बनने वाली पहली महिला  ।



कुछ उपलब्धियां ऐसी होती हैं, जो हासिल करने वाले के अपने जीवन में ‘मील का पत्थर’ तो होती ही हैं, दूसरे लाखों लोगों के लिए प्रेरणा का सबब भी बनती हैं। 25 वर्षीया तनुश्री पारीक की उपलब्धि भी कुछ ऐसी ही है। वह सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के पांच दशक से ज्यादा के इतिहास में ‘कॉम्बेट ऑफिसर’ बनने वाली पहली महिला हैं। ‘कॉम्बेट ऑफिसर’ यानी वह भारतीय सीमा की रक्षा में प्रत्यक्ष योगदान देंगी और जरूरत पड़ी तो आमने-सामने दुश्मनों से दो-दो हाथ भी करेंगी।
परंपरागत रूप से सेना और अद्र्धसैनिक बलों में महिलाओं को फील्ड में ड्यूटी पर नहीं रखा जाता, लेकिन पिछले कुछ सालों से नियमों में बदलाव कर महिलाओं को फील्ड में तैनात किया जाने लगा है। अभी कुछ माह पहले ही 2016 में भारतीय वायुसेना ने तीन महिलाओं को पहली बार जेट फाइटर पायलट के रूप में चुना था। राजस्थान के बीकानेर की तनुश्री पारीक ने भी इस सिलसिले को आगे बढ़ाते हुए इतिहास रचा है। वर्तमान में ढाई लाख से ज्यादा क्षमता वाले सीमा सुरक्षा बल की स्थापना 1965 में हुई थी, लेकिन यहां महिलाओं को ‘ऑपरेशन ड्यूटी’ के लिए आवेदन करने की अनुमति 2013 में दी गई है। चार चरणों की कठिन भर्ती प्रक्रिया का सामना करने के बाद तनुश्री 2014 में बीएसएफ की पहली ‘महिला असिस्टेंट कमांडेंट’ के रूप में चुनी गईं। अपने साथ प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले 67 प्रशिक्षु अधिकारियों की पासिंग आउट परेड का नेतृत्व भी 25 वर्षीया तनुश्री ने ही किया था।


उपलब्धि का रोमांच
अपनी इस उपलब्धि से उत्साहित तनुश्री का कहना था, ‘मैं इतनी रोमांचित थी कि परेड के लिए मैंने खुद को दुगने उत्साह के साथ तैयार किया। मुझे लगता है कि लड़कियों को कठिन कार्यों में सक्रिय रूप से हिस्सा लेने का समय आ गया है।’ उनकी पहली तैनाती पंजाब में भारत-पाकिस्तान सीमा पर होने वाली है। तनुश्री ने आज इस मुकाम तक पहुंचने के लिए बहुत कड़ी मेहनत की है। 13 माह की बेहद कड़ी ट्रेनिंग के दौरान उन्होंने युद्ध कौशल, खुफिया सूचनाएं जुटाने और सीमा की सुरक्षा से जुड़े दूसरे कार्यों का प्रशिक्षण हासिल किया। अपनी टे्रनिंग के दौरान अपनी असाधारण उपलब्धियों के लिए उन्होंने ‘ड्रिल’, ‘ऑलराउंड बेस्ट ट्रेनी’ और ‘पब्लिक स्पीकिंग’ के तीन पुरस्कार भी हासिल किए।
बीएसएफ के इतिहास में पहली महिला कॉम्बेट ऑफिसर बन कर इतिहास रचने वाली तनुश्री करीब तीन माह पहले अपने गृहनगर बीकानेर पहुंची तो उनका भव्य स्वागत हुआ, जो स्वाभाविक ही है। तनुश्री शुरू से ही मेधावी थीं। उन्होंने बीकानेर के गवर्नमेंट इंजीनियर कॉलेज से इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की है। उसके बाद उन्होंने ‘इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय’ (इग्नू) से ‘रूरल डेवलपमेंट’ में स्नातकोत्तर की पढ़ाई की। उन्होंने सिविल सर्विसेज की तैयारी भी की और प्रारंभिक परीक्षा में सफलता हासिल की, हालांकि मेन्स में सफल नहीं हो सकीं।


ऐसे शुरू हुआ वर्दी से प्यार
बीएसएफ या दूसरे सैन्य बलों में जाने की बात मन में पहली बार कब आई? इस सवाल पर तनुश्री का कहना था कि शुरू में वह उन आम बच्चों की तरह ही थीं, जो हर चीज में हिस्सा लेते हैं। वह कहती हैं, ‘बीएसएफ या सैन्य बल में जाना है, इसकी कोई योजना पहले से मेरे मन में नहीं थी। जब मैं कॉलेज में थी, मैंने एनसीसी ज्वाइन किया था। उस समय मैंने प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी शुरू की, तो मन में वर्दी के प्रति आकर्षण पैदा हुआ।’


कोई भी लक्ष्य पाना नहीं है मुश्किल
तनुश्री का मानना है कि अगर जिंदगी में कोई लक्ष्य निर्धारित कर लें और उसे हासिल करने के लिए पूरी तरह जुट जाएं तो असंभव कुछ नहीं हैं। उनका कहना है, ‘मेरा मानना है कि किसी पर निर्भर मत होइए। अपनी जिंदगी में अपना मुकाम हासिल करके आदमी को जो खुशी होती है, उससे एक अलग प्रकार का आत्मविश्वास आता है।’ उनका मानना है कि सैन्य बलों में जाने से जीवन में अनुशासन आता है। इसमें कोई संदेह नहीं कि आज तनुश्री भारत की बहुत सारी युवतियों के लिए रोल मॉडल बन चुकी हैं। बीएसएफ में तनुश्री पारीक जैसी महिलाओं के जाने से सीमा की सुरक्षा में दिन-रात तैनात इस सैन्य बल की क्षमताओं में निश्चित रूप से इजाफा होगा।

डॉ. ललित के पंवार ने राजस्थान इन्स्टीट्यूट ऑफ लीडरशिप डवलपमेंट स्किल यूनिवर्सिटी के प्रथम कुलपति का कार्यभार सम्भाला

डॉ. ललित के पंवार ने राजस्थान इन्स्टीट्यूट ऑफ लीडरशिप 

डवलपमेंट स्किल यूनिवर्सिटी के प्रथम कुलपति का कार्यभार सम्भाला



 भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी रहे राजस्थान लोक सेवा आयोग के पूर्व अध्यक्ष डॉ. ललित के पंवार ने बुधवार को राजस्थान इन्स्टीट्यूट ऑफ लीडरशिप डवलपमेंट स्किल यूनिवर्सिटी के प्रथम कुलपति का कार्यभार संभाल लिया। डॉ. पंवार 10 जुलाई 2017 को राजस्थान लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष पद से सेवानिवृत हुए हैं। डॉ. पंवार ने 10 अगस्त 2015 को यह पद संभाला था। सन् 1979 बैच के आईएएस अधिकारी डॉ. पंवार आईटीडीसी, आरटीडीसी के अध्यक्ष, राज्य व भारत सरकार में पर्यटन सचिव सहित अनेक विभागों के प्रमुख रहे हैं। लंबे समय तक निदेशक माध्यमिक शिक्षा के रूप में अभूतपूर्व कार्य किया। डीपीआर के अतिरिक्त साढ़े तीन साल तक कलक्टर जैसलमेर रहे। संभागीय आयुक्त जोधपुर भी रहे। बाड़मेर जिले के छोटे से गाँव के रहने वाले डॉ. पंवार पर्यटन में पीएचडी है और दुनिया के अधिकांश देशों में राजस्थान व भारत के पर्यटन को पंहुचाया है।

आनंदपाल के गांव में हिंसा के बाद कर्फ्यू, रद्द की गईं सभी ट्रेने*

आनंदपाल के गांव में हिंसा के बाद कर्फ्यू, रद्द की गईं सभी ट्रेने*


पुलिस एनकाउंटर में मारे गए गैंगस्टर आनंदपाल के सांवराद गांव में बुधवार को राजपूतों ने मामले की सीबीआई जांच कराने सहित चार मांगों को लेकर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया था, जोकि हिंसक हो गई थी.

सभा के दौरान संघर्ष समिति और प्रशासनिक अधिकारियों में कई दौर की वार्ता विफल रही. इस दौरान भाड़काऊ भाषण भी दिए जाते रहे थे और शाम होते-होत भीड़ आक्रामक हो गई. भीड़ ने कई जगह पथराव व आगजनी की.

वहीं भीड़ ने मौके पर तैनात पुलिस के जवान की राइफल छीन को छीन लिया और रेल की पटरियों को भी उखाड़ दिया. इसके अलावा स्टेशन पर भी तोड़फोड़ की गई है. इसके बाद पुलिस ने जवाबी कार्रवाई में गोलियां चलाईं. पूरे घटनाक्रम में 21 पुलिसकर्मी और 7 युवक घायल हुए हैं. वहीं गोली लगने से रोहतक निवासी लालचंद की मौत हो गई है.

*सभी रेलगाड़ियां रद्द*

इस घटना के बाद रेलवे ट्रेक को पूर्णतः बंद कर रखा गया है. सभी गाड़ियों को रद्द कर दिया गया है. यह जोधपुर-हिसार रेलवे लाइन है. इसके अलावा सांवराद गांव में कर्फ्यू लगा दिया गया है और अब वहां भीड़ खत्म हो गई है. साथ ही भारी संख्या में पुलिस जाब्ता मौजूद है

गैगस्टर आनन्द पाल मामला पुलिस अफसरों पर हमला, हथियार लूटकर भागे उपद्रवी,सावंरदा रेलवे स्टेशन को आग लगाई



गैगस्टर आनन्द पाल मामला  पुलिस अफसरों पर हमला, हथियार लूटकर भागे उपद्रवी,सावंरदा रेलवे स्टेशन को आग लगाई

नागौर./ सांवराद में गैंगस्टर आनंदपालसिंह की श्रद्धांजलि सभा में शामिल होने पहुंचे युवकों ने बुधवार शाम को जमकर उत्पात मचाया। सभा के दौरान ही हजारों की संख्या में उपद्रवी युवक सांवराद रेलवे स्टेशन पहुंच गए तथा वहां पहुंचकर रेलवे पटरियां उखाड़ दी। इसकी सूचना मिलने पर नागौर एसपी परिस देशमुख, आईपीएस प्रशिक्षु मोनिका पुलिस बल के साथ रेलवे स्टेशन पहुंचे, जहां पहुंचते ही उत्पाती युवकों ने पुलिस अधिकारियों पर हमला कर दिया। एसपी के गनमैन ने बीच-बचाव करने का प्रयास किया, लेकिन युवकों ने गनमैन के साथ गंभीर मारपीट कर दी तथा महिला पुलिस अधिकारी के साथ अभद्रता की।

सूत्रों के अनुसार युवकों ने एसपी के साथ भी धक्का-मुक्की की। इस दौरान उपद्रवी युवक पुलिस पर हावी हो गए तथा गनमैन की एके-47, तीन पिस्तौल, तीन वायरलैस सेट लूटकर भाग गए। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने अपने कदम पीछे कर लिए, पीछे से उपद्रवी युवकों ने एक पुलिस अधिकारी की गाड़ी को जला दिया। देर रात युवकों ने सांवराद के रेलवे स्टेशन को भी आग लगा दी। यह भी जानकारी में आया है कि पुलिस के कुछ जवान लापता हैं, जिन्हें उपद्रवी अपने साथ ले गए।

नागौर में मचाया उत्पात, दो दर्जन से अधिक गिरफ्तार

सांवराद में बुधवार को आयोजित श्रद्धांजलि सभा में भाग लेकर वापस लौटते समय नागौर शहर के विजय वल्लभ चौराहे पर युवकों ने काफी उत्पात मचाया। इसकी जानकारी मिलने पुलिस अधिकारी मय जाब्ता मौके पर पहुंचे तथा युवकों से समझाइश कर रवाना होने के लिए कहा, लेकिन वे नहीं माने। इस पर पुलिस ने करीब दो दर्जन से अधिक युवकों को हिरासत में लिया तथा गाडि़यां जब्त कर ली। उधर, सांवराद में पुलिस जवानों से एके-47 एवं पिस्तौल लूटने की सूचना मिलने पर पुलिस ने जिलेभर में वायरलैस मैसेज करवाकर बाहर जाने वाले हर वाहन की जांच शुरू कर दी।नागौर में युवकों द्वारा उत्पात मचाने तथा पुलिस द्वारा युवकों को हिरासत में लेने की जानकारी मिलने पर एडीएम सीआर झाझडिया, एएसपी राजकुमार चौधरी, एसडीएम परसाराम टाक, कोतवाली थानाधिकारी नंदराम भादू सहित अन्य पुलिस अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए। पुलिस देर रात तक डीडवाना व लाडनूं की ओर से आने वाले वाहनों की जांच कर रही थी।

एक घायल की मौत

सांवराद रेलवे स्टेशन पर पुलिस व उपद्रवी युवकों के बीच हुई झड़प में घायल एक युवक की इलाज के लिए जयपुर ले जाते समय रास्ते में मौत हो गई, जबकि दो घायलों को जयपुर के अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस व रेलवे पुलिस के कुल १६ जवान घायल हुए हैं, जिनका डीडवाना में उपचार चल रहा है। जानकारी के अनुसार पुलिस व उत्पाती युवकों की झड़प में घायल लालचंद को डीडवाना के अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां स्थिति गंभीर होने पर उसे जयपुर रेफर किया गया, जयपुर ले जाते समय रास्ते में लालचंद ने दम तोड़ दिया। अन्य घायल महेन्द्रसिंह व विक्रमसिंह को जयपुर के अस्पताल में भर्ती कराया गया है। एक अन्य एक अन्य घायल नंदसिंह का डीडवाना में उपचार चल रहा है। घायल युवकों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उन पर फायरिंग की। उधर, पुलिस अधिकारियों का कहना है कि पुलिस की ओर से फायरिंग नहीं की गई।

ये पुलिसकर्मी हुए घायल

पुलिस पक्ष की ओर से जोधपुर आरपीएफ के मनीष कुमार, डीडवाना जीआरपी के कांस्टेबल वीरेन्द्रसिंह, मेड़ता रोड आरपीएफ निरीक्षक हरिङ्क्षसह, जोधपुर आरपीएफ के कांस्टेबल भगवानाराम, बलवानसिंह, निहालसिंह गुर्जर, हैड कांस्टेबल अजीज, बतराम मीणा, जीआरपी मेड़ता रोड के एसएचओ अनोपसिंह, जोधपुर आरपीएफ के अशोक कुमार सैनी, जयपुर आरएसी के हैड कांस्टेबल सुरेश कुमार, नागौर एसपी के गनमैन महावीर, नागौर पुलिस का कांस्टेबल पुरखाराम, आरएसी जयपुर के हैड कांस्टेबल भंवरलाल, आरपीएफ अजमेर के कांस्टेबल शंकर रावत एवं आरएसी जयपुर के कांस्टेबल जयसिंह घायल हो गए।

बुधवार, 12 जुलाई 2017

बिग ब्रेकिंग सांवराद में हालत बिगड़े ,फायरिंग में दो की मौत ,पंद्रह घायल ,एस पी पर हमला

बिग ब्रेकिंग  सांवराद में हालत बिगड़े ,फायरिंग में दो की मौत ,पंद्रह घायल ,एस पी पर हमला 
Video : राजपूत हुए उग्र, आनंदपाल एनकाउण्टर की सीबीआई जांच नहीं हुई तो उखाड़ेंगे पटरियां, रोकेंगे ट्रेन-हाईवे
नागौर गैंगस्टर आनंदपाल को श्रद्धांजलि देने पहुंचे लोगो के आक्रोश के बाद फायरिंग से हालत तनावपूर्ण हो गए ,भीड़ ने पहले रेल की पटरिया उखेड़ी ,फिर रेलवे स्टेशन को आग लगा दी ,पुलिस ने रोकने का प्रयास किया श पुलिस अधीक्षक पेरिस देशमुख की गाड़ी पर हमला कर दिया जिससे हालत बिगड़ गए ,पुलिस कर्मियों और प्रदर्शनकारीय आमने सामने , आमने सामने की फायरिंग में दो की मौत हो गयी जिसमे एक पुलिसकर्मी शामिल हैं ,पंद्रह से  पुलिसकर्मी घायल हो  डीडवाना रेफर किया ,बिगड़े हालत को काबू में लाने के प्रयास जारी हैं मगर अपीलों का कोई असर नहीं हो रहा 

आनंदपाल के गांव में हुई श्रद्धांजलि सभा, रास्ता रोकने वालों को पुलिस ने खदेड़ा

आनंदपाल के गांव में हुई श्रद्धांजलि सभा, रास्ता रोकने वालों को पुलिस ने खदेड़ा
आनंदपाल के गांव में हुई श्रद्धांजलि सभा, रास्ता रोकने वालों को पुलिस ने खदेड़ा

सांवराद। गैंगस्टर आनंदपालसिंह के गांव सांवराद में बुधवार को हजारों लोग पहुंचे। सांवराद में हो रही श्रद्धांजलि सभा में राजस्थान व आस-पास के राज्यों से रावणा राजपूत व राजपूत समाज के लोगों का आना दोपहर तक जारी रहा। वहां करीब पांच हजार वाहन पहुंच गए थे। पुलिस किसी भी वाहन को बिना तलाशी गांव में घुसने नहीं दिया। वहीं कुछ लोगों ने टायर जला कर रास्ता जाम किया तथा पथराव किया तो पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़ उन्हें खदेड़ा। जानिए और इस बारे में ...




- नागौर में धारा 144 के बावजूद सांवराद में करीब 60 हजार लोग जुटे। शाम तक करीब 20 हजार लोग लौट चुके थे। कुछ लोगों ने टायर जलाकर रास्ता जाम करने की कोशिश की तो पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़ उन्हें खदेड़ दिया।

- नागौर में इंटरनेट सुविधाएं 12 जुलाई तक बंद हैं। जिले में 16 नाकों पर वाहनों की जांच होती रही। पूरे जिले में जगह-जगह नाकाबंदी जारी रही। सभी वाहनों की तलाशी तथा हर गतिविधि की वीडियोग्राफी की जाती रही।

- रावणा राजपूत और राजपूत समाज के संयुक्त तत्वावधान में बनी संयुक्त संघर्ष समिति की ओर से गांव में श्रद्धांजलि सभा की गई। उधर, समाज के लोग गांव में ही धरने पर बैठे रहे।आनंदपाल के एनकाउंटर के 18वें दिन भी उसके शव का अंतिम संस्कार नहीं हो पाया। परिजन सात मांगों पर फैसला होने तक अंत्येष्टि नहीं करने पर अड़े हैं।

ड्राेन कैमरों से रखी नजर

- सांवराद में सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त रहे। पुलिस सांवराद में कई ड्रोन कैमरों से नजर रखी। हर व्यक्ति व वाहन वालों से पूछताछ के बाद ही सांवराद में एंट्री दी गई। सभी गतिविधियों की वीडियोग्राफी की गई।

- कानून व्यवस्था बिगड़ने से बचाने के लिए 6 एएसपी, 14 डीएसपी, नागौर जिले के सभी थानों के थानाधिकारी, जिले के बाहर से 21 थानाधिकारी तैनात रहे। आरएसी, एसटीएफ और क्यूआरटी के 2500 जवान अन्य जिलों से भी अतिरिक्त जाब्ता सांवराद, डीडवाना लाडनूं क्षेत्र में लगाया गया है। सादा वर्दी में भी पुलिसकर्मी तैनात किए गए।

- वहीं डाक्टरों की भी टीम भी तैनात रही।

राजस्थान अनुसूचित जाति आयोग के उपाध्यक्ष 19 को ब्यावर आएंगे

राजस्थान अनुसूचित जाति आयोग के उपाध्यक्ष 19 को ब्यावर आएंगे
अजमेर, 12 जुलाई। राजस्थान अनुसूचित जाति आयोग के उपाध्यक्ष श्री वीकेश खोलिया आगामी 19 जुलाई बुधवार को प्रातः 10 बजे जयपुर से ब्यावर पहुंचेंगे। वे यहां उपखण्ड कार्यालय सभागार में जनसुनवाई करेंगे तथा सायं 4 बजे जयपुर के लिए प्रस्थान कर जाएंगे।


खण्ड स्तरीय बैंकर्स समिति की बैठकों का कार्यक्रम तय
अजमेर, 12 जुलाई। अजमेर जिले की वित्तीय वर्ष 2017-18 की प्रथम तिमाही की खण्ड स्तरीय बैंकर्स समिति एवं वसूली समिति की बैठकों का कार्यक्रम निर्धारित कर दिया गया है।
लिड बैंक अधिकारी श्री आर.सी टेलर ने बताया कि यह बैठके 21 जुलाई को पंचायम समिति श्रीनगर में होगी। जबकि 24 को अरांई में, 25 को पीसांगन में, 26 को मसूदा में, 27 को नगर परिषद किशनगढ़ में, 28 को पंचायत समिति सरवाड़ में, 31 को केकड़ी में, एक अगस्त को भिनाय में, 2 को जवाजा मंे तथा 3 अगस्त को अग्रणी बैंक कार्यालय अजमेर में आयोजित की जाएगी।


सतर्कता समिति की बैठक 13 जुलाई को अजमेर, 12 जुलाई। जिला जन अभियोग एवं सतर्कता समिति की बैठक जिला कलक्टर श्री गौरव गोयल की अध्यक्षता में गुरूवार 13 जुलाई को प्रातः 11 बजे कलेक्ट्रेट स्थित अटल सेवा केन्द्र में आयोजित होगी।
अतिरिक्त जिला कलक्टर श्री किशोर कुमार ने बताया कि इस बैठक में तहसील, उपखण्ड एवं जिला स्तरीय प्रकरणों में द्वितीय अपील अधिकारी के रूप में प्रकरणों की सुनवाई की जाएगी। जिलेवासी अपनी समस्याओं के संबंध में प्रार्थना पत्रा मौके पर भी प्रस्तुत कर सकते है।


राजस्व लोक अदालत अभियान न्याय आपके द्वार 2017 7 ग्राम पंचायतों में 13 जुलाई को लगेंगे शिविर
अजमेर, 12 जुलाई। जिले में राजस्व लोक अदालत अभियान: न्याय आपके द्वारा 2017 के तहत गुरूवार 13 जुलाई को ग्राम पंचायतों में शिविरों का आयोजन किया जाएगा।
जिला कलक्टर श्री गौरव गोयल ने बताया कि यह शिविर गुरूवार 13 जुलाई को घूघरा, राजोसी, पीसांगन, शाहपुरा बीचडली, दादिाया, खवास एवं झाक में आयोजित होगा।




जिला आपदा प्रबंधन की बैठक 17 को अजमेर, 12 जुलाई। जिला आपदा प्रबंधन योजना वर्ष 2017 के संबंध में एक आवश्यक बैठक आगामी 17 जुलाई को प्रातः 10.30 बजे कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित की जाएगी। जिला कलक्टर ने समस्त विभाग के अधिकारियों को वांछित सूचना के साथ बैठक में उपस्थित होने के निर्देश दिए।


उच्च, तकनीकी एवं संस्कृत शिक्षा मंत्राी 13 को अजमेर में अजमेर, 12 जुलाई। उच्च, तकनीकी एवं संस्कृत शिक्षा मंत्राी श्रीमती किरण माहेश्वरी 13 जुलाई को प्रातः 8.30 बजे लोहागल गांव में राजकीय आचार्य संस्कृत महाविद्यालय के भवन के शिलान्यास समारोह में भाग लेंगी। कार्यक्रम के पश्चात जयपुर के लिए प्रस्थान कर जाएंगी।




सामूहिक विवाह के लिए सक्षम अधिकारी नियुक्तएडीएम सिटी व संबंधित उपखण्ड अधिकारी से लेनी होगी अनुमति
अजमेर, 12 जुलाई। जिला मजिस्ट्रेट श्री गौरव गोयल ने अजमेर जिले में होने वाले सामूहिक विवाहों की अनुमति के लिए सक्षम अधिकारी नियुक्त किए है। किसी भी संस्था द्वारा सामूहिक विवाह का आयोजन किए जाने से पूर्व इन अधिकारियों से अनुमति लेना अनिवार्य है।
जिला मजिस्ट्रेट श्री गौरव गोयल ने बताया कि महिला अधिकारिता विभाग की अधीसूचना के तहत राजस्थान सामूहिक विवाह एवं अनुदान नियम 2017 गठित किए गए है। विभिन्न समाजों द्वारा अधिकृत संस्थाओं को सामूहिक विवाह करने से पूर्व सक्षम अधिकारियों की अनुमति लेना अनिवार्य है। इसके तहत अजमेर शहर में अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट (शहर) तथा विभिन्न उपखण्डों में संबंधित उपखण्ड मजिस्ट्रेट को सक्षम अधिकारी अधिकृत किया गया है।
उन्होंने बताया कि विभिन्न संस्थाओं को राजस्थान सामूहिक विवाह एवं अनुदान नियम के तहत कम से कम 10 एवं अधिकतम 500 जोड़ों का विवाह करने से पूर्व सक्षम अधिकारी से अनुमति लेना आवश्यक है। इसके लिए विवाह आयोजन की तिथि से 15 दिन पूर्व आवेदन करना होगा। सामूहिक विवाह में वह ही विवाह मान्य होंगे जिनमें लड़के की आयु 21 और लड़की की आयु 18 वर्ष से अधिक होगी। जन्म तिथि के लिए विभिन्न दस्तावेज मान्य किए गए है। विवाह स्थल, वहां उपलब्ध सुविधाएं, आपातकालीन स्थितियों से निपटने के उपकरण, इसी तरह अन्य नियमों का भी पालन करना होगा।


कलेक्ट्रेट में एक शाम कुंजबिहारी के नाम भजन संध्या 14 को अजमेर, 12 जुलाई। जिला कलेक्ट्रेट में एक शाम कुंज बिहारी के नाम भजन संध्या का आयोजन शुक्रवार 14 जुलाई को शाम 7.30 बजे किया जाएगा। जिला कलेक्ट्रेट स्टाफ के अनुसार इसमें विख्यात भजन गायक श्री अशोक तोषनीवाल अपनी प्रस्तुति देंगे। कार्यक्रम की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। कार्यक्रम की शुरूआत विधिवत पूजा अर्चना से होगी।

6.5 करोड़ की लागत से बनेगा संस्कृत काॅलेज भवन, 13 को होगा शिलान्यास अजमेर, 12 जुलाई। अजमेर में लम्बे समय से चली आ रही संस्कृत काॅलेज के नए भवन की कमी आखिरकार पूरी होने वाली है। काॅलेज का नया भवन लोहागल रोड पर 6.54 करोड़ रूपए की लागत से तैयार करवाया जाएगा। नए भवन का शिलान्यास गुरूवार 13 जुलाई को प्रातः 8.30 बजे जनाना अस्पताल लोहागल रोड पर होगा।
राजकीय आचार्य संस्कृत महाविद्यालय प्रशासन के अनुसार कार्यक्रम की मुख्य अतिथि उच्च एवं संस्कृत शिक्षा मंत्राी श्रीमती किरण माहेश्वरी, अध्यक्ष शिक्षा राज्यमंत्राी श्री वासुदेव देवनानी एवं विशिष्ट अतिथि संस्कृत शिक्षा निदेशक श्री विमल कुमार जैन होंगे।

राजकीय छात्रावासों में प्रवेश के लिए 15 जुलाई तक आॅनलाइन आवेदन आमंत्रित अजमेर, 12 जुलाई। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के अधीन जिले में संचालित छात्रावासों में नये शैक्षणिक सत्रा 2017-18 में प्रवेश के लिए 15 जुलाई तक आवेदन पत्रा आॅनलाइन आमंत्रित किए गए है। जिले में विभाग के अधीन राजकीय अम्बेडकर छात्रावास सुभाषनगर अजमेर, गगवाना, किशनगढ, रूपनगढ, अराई, सरवाड, सावर, साॅपला, प्रान्हेडा, केकडी, पीसागंन, पुष्कर, मसूदा, विजयनगर, ब्यावर, भिनाय, राजकीय देवनारायण कन्या छात्रावास कायड(अजमेर), राजकीय देवनारायण छात्रावास मसूदा, भिनाय, राजकीय सावित्राीबाई फूले कन्या छात्रावास पुष्कर रोड अजमेर, राजकीय महाविधालय स्तरीय महिला छात्रावास पुष्कर रोड अजमेर एवं हरिभाउ उपाध्याय अनुदानित कन्या छात्रावास हटूण्डी संचालित है।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के उप निदेशक श्री संजय सावलानी ने बताया कि छात्रावासों में पूर्व में आवासरत विद्यार्थी जो गत कक्षा में उत्र्तीण हो गये है उन्हंे पृथक से आवेदन करने की आवश्यकता नहीं होगी। इन विद्यार्थियों को सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के पोर्टल एसजेएमएस डाॅट राजस्थान डाॅट जीओवी डाॅट इन पर केवल उत्र्तीण के दस्तावेज की रूप में अंक तालिका की प्रति अपलोड करनी होगी। नये छात्रा-छात्राओं के लिए 20 मई से आॅनलाईन आवेदन पोर्टल पर आवेदन करने की सुविधा प्रदान की गई है। इन छात्रावासों में वर्तमान में रिक्त सीटो के लिए विभाग द्वारा प्रवेश की संशोधित अन्तिम तिथि 15 जुलाई निर्धारित की गयी है। अतः इच्छुक छात्रा-छात्राएं छात्रावास से रिक्त स्थानो पर प्रवेश के लिए आॅनलाईन पोर्टल पर आवेदन कर विभाग के छात्रावासों में प्रवेश लेकर योजना का लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
उन्होंने बताया कि पोर्टल पर प्राप्त आॅनलाईन आवेदनो पर नियमानुसार पात्रा छात्रों को छात्रावास मेें प्रवेश दिये जाने की कार्यवाही की जायेगी। छात्रावासों में प्रवेश के लिए ई-मित्रा कियोस्क, साईबर केफे, निजी इंटरनेट के माध्यम से आॅनलाईन आवेदन करना अनिवार्य है। आॅनलाईन आवेदन पत्रा पेपरलेस होंगे। आवेदक द्वारा आवेदन पत्रा के साथ वांछित स्वप्रमाणित दस्तावेज स्कैन कर अपलोड करना होगा। अधिक जानकारी के लिए विभाग के जिला कार्यालय अथवा संबंधित छात्रावासों से विस्तृत जानकारी प्राप्त कर सकते है।
उन्होंने बताया कि इसके अलावा कक्षा 11 व 12 में अध्ययनरत छात्रा यदि जयपुर एवं कोटा की कोचिंग संस्थाओं में प्रवेश लेकर, विभाग के जयपुर व कोटा में संचालित छात्रावासों मे प्रवेश लेने की स्थिति में उन्हे विभाग की मुख्यमंत्राी निःशुल्क कोचिंग योजना के अन्तर्गत आईआईटी, मेडिकल, लाॅ एवं आईआईएम जैसे राष्ट्रीय स्तर के पाठयक्रमों में प्रवेश के लिए परीक्षा की कोचिंग में नियमानुसार चयन किया जाकर निशुल्क कोचिंग भी उपलब्ध करायी जायेगी।