कवास में मिला बेंटोनाइट का भंडार
जांच के लिए मेटेरियल को जोधपुर प्रयोगशाला में भिजवाया, जैसलमेर के मोहनगढ़ क्षेत्र में भी मिनरल्स खोजने के लिए होगा सर्वे
बाड़मेर कवास लंबे समय से एफसीआई अरावली जिप्सम एंड मिनरल्स के पास लीज पर रही जमीन में लीज अवधि समाप्त होने के बाद खनन विभाग कवास की जमीन में बेंटोनाइट (गुणवक्ता युक्त मेट) के विशाल भंडार खोजने में कामयाबी मिली हैं।
कवास और उतरलाई की करीब 840 हेक्टेयर जमीन में उच्च क्वालिटी का बेंटोनाइट एफसीआई अरावली जिप्सम एंड मिनरल्स की टीम ने खोजा है। इससे पहले यहां जिप्सम का खनन किया जाता था। बेंटोनाइट खनन का काम शुरू होने के बाद सरकार को भी अच्छी खासी राजस्व आय की प्राप्ति होगी। फैगमिल के सीएमडी डॉ. एसके दास के नेतृत्व में कई दिनों से चल रहे सर्वे के बाद यह सफलता हाथ लगी हैं। फिलहाल 20 से 40 मीटर तक खोदने के बाद बेंटोनाइट के भंडार मिल रहे हैं। इससे यह संकेत मिल रहे हैं कि भविष्य में यहां के लोगों को रोजगार मिलेगा। बेंटोनाइट के भंडार मिलने के बाद यहां के लोगों के साथ-साथ सरकार को भी अच्छी खासी आय होगी। कवास, बांदरा, भीलों की ढाणी सहित उतरलाई के आसपास की जमीन पर भी इसके भंडार मिल सकते हैं। खुदाई के दौरान टीम को मिले नमूने उच्च क्वालिटी के पाए गए। बीकानेर की एक बेंटोनाइट कंपनी के सर्वेयर संजीव सिंह की माने तो कवास और आसपास के इलाकों की 840 हेक्टेयर जमीन पर सर्वे में खुदाई के दौरान जो नमूने प्राप्त किए। उन्हें जोधपुर प्रयोगशाला में गुणवत्ता जांच के लिए भेजा गया। लेकिन प्रारंभिक तौर पर इसकी जांच में यह गुणवतायुक्त पाया गया है। इसके बाद टीम जैसलमेर के मोहनगढ़ क्षेत्र में भी इस तरह के मिनरल्स को खोजने के लिए सर्वे करेगी। ज्ञातव्य है कि बाड़मेर के कवास में जिप्सम के भी है प्रचुर भंडार है।