किशोरी के बलात्कार की हुई थी कोशिश
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले के निघासन में नाबालिग लड़की की हत्या के मामले में खुलासा हुआ है कि पुलिस के एक कांस्टेबल ने उससे दुष्कर्म की कोशिश की थी। बलात्कार में नाकाम होने पर उसने उसकी हत्या कर दी और दो अन्य कांस्टेबल ने हत्या के सबूत मिटा दिए। सीबीसीआईडी ने राज्य सरकार को सौंपी अपनी प्रारम्भिक जांच रिपोर्ट में यह दावा किया है।
मुख्यमंत्री मायावती ने थाने में एक पेड़ से लड़की के लटका पाए जाने के बाद मामले की जांच सीबीसीआईडी को सौंपी थी और एक सप्ताह में रिपोर्ट देने का निर्देश दिया था। इस रिपोर्ट को शुक्रवार को इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ में पेश किया जाएगा जो इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपने के लिए दायर जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही है।
प्रारम्भिक रिपोर्ट के अनुसार सीबीसीआईडी ने सिपाही के कमरे से खून सना बिस्तर और चादर भी बरामद किया है। इसी कमरे में नाबालिग लड़की सोनम की हत्या की गई थी। बिस्तर और चादर में लगा खून पीडित लड़की का ही है इसका पता लगाने के लिए फारेंसिक जांच के लिए भेजा गया है। गौरतलब है कि इस मामले में निघासन थाने के प्रभारी समेत नौ पुलिस वालों को निलंबित किया जा चुका है।
सीबीसीआईडी सूत्रों ने बताया कि पीडिता के शव का पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरो, युवती के भाई और मां के बयान के अनुसार पिछली दस जून को विनय कुमार सिंह नामक सिपाही युवती को जबरदस्ती अपने कमरे में ले गया और उसके साथ बलात्कार का प्रयास किया।
इस पर लड़की ने शोर मचाया और इस बात को गांव वालों को बताने की धमकी दी तो सिपाही ने उसकी हत्या कर दी। लखीमपुर खीरी के पुलिस अधीक्षक अमित चन्द्रा ने कहा कि इस मामले में अभी तक सिर्फ एक सिपाही रामचन्द्र को गिरफ्तार किया गया है जबकि सबूत मिटाने वाले दोनों सिपाही समेत अन्य पुलिसकर्मी वाले फरार हैं। उन्होंने कहा कि निलंबन के बाद सभी को रिजर्व पुलिस लाइन में रिपोर्ट करनी थी लेकिन सभी पुलिस वाले फरार हो गए हैं। सीबीसीआईडी अब इलेक्ट्रानिक सर्विलांस के जरिए इन फरार पुलिसकर्मियों का पता लगाने का प्रयास कर रही है। इसके अलावा उनके गृह जिलों में भी पुलिस टीम भेजी गई है।
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लखनऊ। उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले के निघासन में नाबालिग लड़की की हत्या के मामले में खुलासा हुआ है कि पुलिस के एक कांस्टेबल ने उससे दुष्कर्म की कोशिश की थी। बलात्कार में नाकाम होने पर उसने उसकी हत्या कर दी और दो अन्य कांस्टेबल ने हत्या के सबूत मिटा दिए। सीबीसीआईडी ने राज्य सरकार को सौंपी अपनी प्रारम्भिक जांच रिपोर्ट में यह दावा किया है।
मुख्यमंत्री मायावती ने थाने में एक पेड़ से लड़की के लटका पाए जाने के बाद मामले की जांच सीबीसीआईडी को सौंपी थी और एक सप्ताह में रिपोर्ट देने का निर्देश दिया था। इस रिपोर्ट को शुक्रवार को इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ में पेश किया जाएगा जो इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपने के लिए दायर जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही है।
प्रारम्भिक रिपोर्ट के अनुसार सीबीसीआईडी ने सिपाही के कमरे से खून सना बिस्तर और चादर भी बरामद किया है। इसी कमरे में नाबालिग लड़की सोनम की हत्या की गई थी। बिस्तर और चादर में लगा खून पीडित लड़की का ही है इसका पता लगाने के लिए फारेंसिक जांच के लिए भेजा गया है। गौरतलब है कि इस मामले में निघासन थाने के प्रभारी समेत नौ पुलिस वालों को निलंबित किया जा चुका है।
सीबीसीआईडी सूत्रों ने बताया कि पीडिता के शव का पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरो, युवती के भाई और मां के बयान के अनुसार पिछली दस जून को विनय कुमार सिंह नामक सिपाही युवती को जबरदस्ती अपने कमरे में ले गया और उसके साथ बलात्कार का प्रयास किया।
इस पर लड़की ने शोर मचाया और इस बात को गांव वालों को बताने की धमकी दी तो सिपाही ने उसकी हत्या कर दी। लखीमपुर खीरी के पुलिस अधीक्षक अमित चन्द्रा ने कहा कि इस मामले में अभी तक सिर्फ एक सिपाही रामचन्द्र को गिरफ्तार किया गया है जबकि सबूत मिटाने वाले दोनों सिपाही समेत अन्य पुलिसकर्मी वाले फरार हैं। उन्होंने कहा कि निलंबन के बाद सभी को रिजर्व पुलिस लाइन में रिपोर्ट करनी थी लेकिन सभी पुलिस वाले फरार हो गए हैं। सीबीसीआईडी अब इलेक्ट्रानिक सर्विलांस के जरिए इन फरार पुलिसकर्मियों का पता लगाने का प्रयास कर रही है। इसके अलावा उनके गृह जिलों में भी पुलिस टीम भेजी गई है।
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