मेवाड़ के पूर्व राजपरिवार के सदस्य अरविंद सिंह का निधन:महाराणा प्रताप के वंशज थे, लंबे समय से बीमार चल रहे थे
मेवाड़ के पूर्व राजपरिवार के सदस्य अरविंद सिंह का निधन:महाराणा प्रताप के वंशज थे, लंबे समय से बीमार चल रहे थे
उदयपुर के पूर्व राजपरिवार के सदस्य अरविंद सिंह मेवाड़ (80) का निधन हो गया। वे लंबे समय से बीमार थे। सिटी पैलेस के शंभू निवास में वे रहते थे और यहीं उनका इलाज भी हो रहा था।
महाराणा प्रताप के वंशज अरविंद सिंह मेवाड़ के पिता भागवत सिंह मेवाड़ और माता सुशीला कुमारी मेवाड़ थे। उनके बड़े भाई महेन्द्र सिंह मेवाड़ का निधन पिछले साल 10 नवंबर 2024 को हुआ था।
अरविंद सिंह मेवाड़ की पार्थिव देह के अंतिम दर्शन सोमवार को सुबह 7 बजे से सिटी पैलेस में होंगे। इसके बाद अंतिम यात्रा सुबह 11 बजे से निकलेगी। उनकी अंतिम यात्रा शंभू पैलेस से शुरू होकर बड़ी पोल, जगदीश चौक, घंटाघर, बड़ा बाजार, देहली गेट से होकर महासतिया पहुंचेगी।
इसके बाद से पूर्व राजपरिवार फिर से चर्चाओं में आ गया था। बड़े भाई के बेटे महेंद्र सिंह मेवाड़ की राजतिलक की रस्म के बाद जब वे धूणी दर्शन करने सिटी पैलेस पहुंचे तो वहां के गेट बंद कर दिए गए।
इसके बाद कई दिन तक विवाद चला। आखिर में प्रशासन की समझाइश के बाद महेंद्र सिंह मेवाड़ ने सिटी पैलेस के अंदर कुछ लोगों के साथ धूणी दर्शन किए। दरअसल, दोनों भाइयों के परिवार के बीच करीब चार दशक से प्रॉपर्टी विवाद चल रहा है।
पूर्व महाराणा भगवत सिंह ने साल 1963 से लेकर 1983 तक पूर्व राजपरिवार की कई प्रॉपर्टी को लीज पर दे दिया था। पिता के इसी फैसले से नाराज होकर बड़े बेटे महेंद्र सिंह मेवाड़ ने उन पर कोर्ट में सूट (केस) फाइल कर दिया।
महेंद्र सिंह ने कोर्ट में कहा कि रूल ऑफ प्रोइमोजेनीचर प्रथा को छोड़कर पैतृक संपत्तियों को सब में बराबर बांटा जाए। दरअसल, रूल ऑफ प्राइमोजेनीचर आजादी के बाद लागू हुआ था, इसका मतलब था कि जो परिवार का बड़ा बेटा होगा, वो राजा बनेगा।
स्टेट की सारी संपत्ति उसी के पास होगी। अपने बेटे द्वारा केस फाइल करने से भगवत सिंह नाराज हो गए। भगवत सिंह ने बेटे के केस पर कोर्ट में जवाब दिया कि इन सभी प्रॉपर्टी का हिस्सा नहीं हो सकता।
ये इम्पोर्टेबल एस्टेट यानी अविभाज्य है। भगवत सिंह ने 15 मई 1984 को अपनी वसीयत में संपत्तियों का एग्जीक्यूटर छोटे बेटे अरविंद सिंह मेवाड़ को बना दिया।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें