सोमवार, 27 जुलाई 2020

रायसिंहनगर/श्रीगंगानगर 5वीं पास युवक ने यू ट्यूब पर सीखा तरीका, नाेट छाप चलाता रहा, 82 हजार की नकली करंसी बरामद की

अपराध:5वीं पास युवक ने यू ट्यूब पर सीखा तरीका, नाेट छाप चलाता रहा, 82 हजार की नकली करंसी बरामद की

नकली नाेट छापकर बाजार में चलाने वाले एक युवक काे 82 हजार रुपए मूल्य के नकली नाेटाें सहित गिरफ्तार किया गया है। हालांकि पकड़े गए युवक का भाई पुलिस काे चकमा देकर भाग छूटा। यह कार्रवाई मुकलावा पुलिस द्वारा शनिवार आधी रात काे डाबला हैड पर की गई। मुकलावा थाना के कांस्टेबल कालूराम की रिपाेर्ट पर आरोपी बारांवाली निवासी कुलविंदरसिंह पुत्र बलदेवसिंह रायसिख व फरार हुए उसके भाई जसविंद्रसिंह के खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 489 ए, 489 बी 489सी व 489 में नाेडल थाना काेतवाली में मामला दर्ज किया गया।

जांच अधिकारी एसएचओ जयसिंह जाखड़ ने आराेपी काे अदालत में पेशकर पूछताछ के लिए तीन दिन के रिमांड पर लिया है। गिरफ्तार किया गया आराेपी शातिर दिमाग है। वह पांचवीं कक्षा तक ही पढ़ा हुआ है और खुद ही घर पर ही नाेट छापकर बाजार में असली की तरह चला देता था।

एसएचओ जाखड़ ने बताया कि कांस्टेबल कालूराम को मुखबिर से शनिवार रात को सूचना मिली कि कुलविंद्र सिंह व जसविंद्र सिंह पुत्र बलदेव सिंह रायसिख एक बाइक के साथ डाबला हैड पर बैठे हैं। दाेनाें के पास भारतीय मुद्रा के नकली नोट हैं। वे धोखाधड़ी कर इन नाेटाें काे असली के रूप में चलाने की फिराक में हैं।

सूचना मिलने पर थाना प्रभारी जयसिंह ने मय पुलिस स्टाफ डाबला हैड पर पहुंचकर कुलविंद्र सिंह की तलाशी ली जबकि उसका भाई जसविंद्रसिंह रात में अंधेेरे का लाभ उठाकर भागने में कामयाब हाे गया। पकड़े गए कुलविंद्र सिंह पास से 500 के 114, 200 रुपए के 123 नोट व 100 के 4 जाली नोट मिले। उसे 82 हजार रुपए भारतीय मुद्रा के जाली नाेट सहित गिरफ्तार किया गया है।


प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि आराेपी 5वीं तक ही पढ़ा हुआ है। उसकी शिक्षा भले ही कम है लेकिन शातिर बहुत अधिक है। उसने बताया है कि लाॅकडाउन के कारण काम नहीं था इसलिए घर में कैद थे और खाली बैठे थे। घर खर्च और अन्य निजी जरूरताें के लिए राेजाना ही रुपए चाहिए थे।

बाहर निकलने पर लाॅकडाउन में पाबंदी थी इसलिए दिनभर साेशल मीडिया पर समय बीत रहा था। एक दिन बैठे बैठे उसने यू-ट्यूब पर नकली नाेट बनाने का तरीका खाेजा। यह बेहद आसान था और कम खर्च पर ही शुरू हाे सकता था। इसलिए इसे अपने घर पर ही प्रयाेग के ताैर पर करके देखा और सफल रहा।

इस पर उसने अपने भाई काे साथ शामिल किया और नकली नाेट छापने का काम शुरू कर दिया। छापेमारी के दाैरान फरार हुए उसके भाई जसविंद्रसिंह के पास 50 हजार रुपए मूल्य के नकली नाेट थे। उसे भी मुकदमे में नामजद किया गया है।

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