बाडमेर विश्व शांति यात्रा पर पाकिस्तान जा रहे बौद्ध भिक्षुओं के जत्थे को आगे की यात्रा से अनुमति के अभाव में रोका*
*बाडमेर पश्चिमी सरहद बाडमेर जिले के मुनाबाव पाकिस्तान सड़क मार्ग से पाकिस्तान जाने रविवार को बाडमेर पहुंचे 12 बौद्ध बिक्षुओं के जत्थे को प्रतिबंधित क्षेत्र में जाने से बाडमेर ग्रामीण पुलिस ने सक्षम अनुमति के अभाव में रोक दिया।।तथा उन्हें आगे की यात्रा के लिए अनुमति मिलने तक रोक बाडमेर एक निजी होटल में ले आये जंहा उनसे पुलिस पूछताछ कर रही है।।
पुलिस उप अधीक्षक विजय सिंह ने बताया कि थाईलैंड से 12 बौद्ध भिक्षुओं का एक जत्था रविवार शाम बाडमेर पहुंचा था जो विश्व शांति यात्रा के लिए विश्व भ्रमण पर निकला।।ये जत्था बाडमेर जिले के सरहदी मुनाबाव खोखरापार सड़क मार्ग से पाकिस्तान जाने के लिए सोमवार सुबह पैदल मुनाबाव रास्ते के लिए निकले।।चूंकि इनके पास प्रतिबंधित क्षेत्र और पाकिस्तान सड़क मार्ग यात्रा के लिए किसी स्तर की अनुमति नहीं थी।।इसलिए इस जत्थे को ग्रामीण पुलिस थाना अधिकारी दीप सिंह द्वारा जसाई फांटे पर रोक इन्हें वापस बाडमेर ले आये।।उन्हें फिलहाल एक निजी होटल में ठहराया गया है।जंहा पुलिस उनसे पूछताछ कर रही है।।उनके पास पाकिस्तान जाने के लिए कोई अनुमति नही है।।उनके द्वारा अनुमति लेने की प्रक्रिया करने तथा अनुमति मिलने तक उन्हें आगे की यात्रा के लिए रोक दिया गया है।।
कौन है बौद्ध भिक्षु
12 बौद्ध भिक्षुओं ने बाड़मेर जिला मुख्यालय पर रविवार को प्रवेश किया। विश्व शांति की कामना को लेकर पदयात्रा पर निकला यह जत्था थाईलैंड से म्यांमार होते हुए बाड़मेर पहुंचा है। इस जत्थे का दावा है कि वह मुनाबाव होते हुए पाकिस्तान में प्रवेश करेगा। जबकि जिला प्रशासन सहित अन्य एजेंसियों के पास इस संबंध में गृह मंत्रालय का अब तक कोई आदेश नहीं आया है। यदि ऐसा होता है तो मुनाबाव स्थित भारत-पाक बॉर्डर तीसरी बार खोला जाएगा।
जानकारी के मुताबिक विश्व में शांति के लिए अपने पहले पड़ाव थाईलैंड से अमेरिका के नौ हजार किलोमीटर की पदयात्रा के बाद अब थाईलैंड से फ्रांस तक करीब 10 हजार से ज्यादा किलाेमीटर की पदयात्रा को लेकर 11 थाई नागरिकों और 1 कैनेडियन बौद्ध भिक्षुओं का जत्था बाड़मेर पहुंचा। जत्था के मुखिया पा सुथाम नाती धोम मांग के नेतृत्व में 11 सदस्य वाॅक फोर पीस के लिए विश्व की पदयात्रा पर निकले हैं।
*बाडमेर पश्चिमी सरहद बाडमेर जिले के मुनाबाव पाकिस्तान सड़क मार्ग से पाकिस्तान जाने रविवार को बाडमेर पहुंचे 12 बौद्ध बिक्षुओं के जत्थे को प्रतिबंधित क्षेत्र में जाने से बाडमेर ग्रामीण पुलिस ने सक्षम अनुमति के अभाव में रोक दिया।।तथा उन्हें आगे की यात्रा के लिए अनुमति मिलने तक रोक बाडमेर एक निजी होटल में ले आये जंहा उनसे पुलिस पूछताछ कर रही है।।
पुलिस उप अधीक्षक विजय सिंह ने बताया कि थाईलैंड से 12 बौद्ध भिक्षुओं का एक जत्था रविवार शाम बाडमेर पहुंचा था जो विश्व शांति यात्रा के लिए विश्व भ्रमण पर निकला।।ये जत्था बाडमेर जिले के सरहदी मुनाबाव खोखरापार सड़क मार्ग से पाकिस्तान जाने के लिए सोमवार सुबह पैदल मुनाबाव रास्ते के लिए निकले।।चूंकि इनके पास प्रतिबंधित क्षेत्र और पाकिस्तान सड़क मार्ग यात्रा के लिए किसी स्तर की अनुमति नहीं थी।।इसलिए इस जत्थे को ग्रामीण पुलिस थाना अधिकारी दीप सिंह द्वारा जसाई फांटे पर रोक इन्हें वापस बाडमेर ले आये।।उन्हें फिलहाल एक निजी होटल में ठहराया गया है।जंहा पुलिस उनसे पूछताछ कर रही है।।उनके पास पाकिस्तान जाने के लिए कोई अनुमति नही है।।उनके द्वारा अनुमति लेने की प्रक्रिया करने तथा अनुमति मिलने तक उन्हें आगे की यात्रा के लिए रोक दिया गया है।।
कौन है बौद्ध भिक्षु
12 बौद्ध भिक्षुओं ने बाड़मेर जिला मुख्यालय पर रविवार को प्रवेश किया। विश्व शांति की कामना को लेकर पदयात्रा पर निकला यह जत्था थाईलैंड से म्यांमार होते हुए बाड़मेर पहुंचा है। इस जत्थे का दावा है कि वह मुनाबाव होते हुए पाकिस्तान में प्रवेश करेगा। जबकि जिला प्रशासन सहित अन्य एजेंसियों के पास इस संबंध में गृह मंत्रालय का अब तक कोई आदेश नहीं आया है। यदि ऐसा होता है तो मुनाबाव स्थित भारत-पाक बॉर्डर तीसरी बार खोला जाएगा।
जानकारी के मुताबिक विश्व में शांति के लिए अपने पहले पड़ाव थाईलैंड से अमेरिका के नौ हजार किलोमीटर की पदयात्रा के बाद अब थाईलैंड से फ्रांस तक करीब 10 हजार से ज्यादा किलाेमीटर की पदयात्रा को लेकर 11 थाई नागरिकों और 1 कैनेडियन बौद्ध भिक्षुओं का जत्था बाड़मेर पहुंचा। जत्था के मुखिया पा सुथाम नाती धोम मांग के नेतृत्व में 11 सदस्य वाॅक फोर पीस के लिए विश्व की पदयात्रा पर निकले हैं।
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