*बाडमेर पिछले सभापति के कार्यकाल से सबक लेकर तय करना होगा सभापति विधायक को*
*विकास की सोच और निर्णय क्षमता लेने वाला हो सभापति*
*बाडमेर न्यूज़ ट्रैक*
*बाडमेर विधायक मेवाराम जैन का यह बयान बाडमेर के लोग भूले नही है की मेने निकृष्ट व्यक्ति को सभापति बनाया ।बाडमेर की जनता मुझे माफ़ करे।।अब चूंकि तीसरी बार कांग्रेस का बोर्ड बनने जा रहा है।।
इस बार भी सभापति के चयन की जिम्मेदारी विधायक मेवाराम जैन पे रहेगी।पिछले दो बोर्डो में उनके लोग ही सभापति बने।उषा जैन और लूणकरण बोथरा।।उषा जैन का कार्यकाल कोई विशेष राहत देने वाला नही रहा।विधायक और जैन के बीच छतीस का आंकड़ा रहा।मसलन शहर का विकास अवरुद्ध हुआ फिर आये विधायक के खास माने जाने वाले लूणकरण बोथरा।।इनकी नकारात्मक कार्यशैली ने शहर का भट्टा बिठा दिया।पार्षदों से लेकर आयुक्त, परिषद कर्मचारी तक दुखी हो गए।मगर पांच सालों में विधायक ने न पार्षदों की सुनी न पब्लिक की।।विधायक चाहते तो सभापति की नकारात्मक कार्यशैली को लेकर उन्हें हटा सकते थे।मगर गुरु चेले का प्रेम था कि बोथरा जी ने पांच साल का कार्यकाल पूरा किया।।विधायक को अंत मे कहना पड़ा कि मेरे से गलती हो गई जो ऐसे निकृष्ट व्यक्ति को सभापति बनाया।।खैर अब तीसरा अवसर आन पड़ा है सभापति का फिर विधायक के खास माने जाने वाले दावेदारों की सूची में सबसे ऊपर है।।फिर योग्यता कोई मायने रखेगी या नही यह आने वाला वक़्त बताएगा। विधायक शहर का विकास और जनता की समस्याओं का सकारात्मक निराकरण चाहते है तो उन्हें दबंग,निर्णय लेने की क्षमता वाला,साफ सुथरी छवि,सकारात्मक सोच वाले योग्य व्यक्ति को जजिम्मेदारी देनी चाहिए।।विधायक राजनीति में परिपक्व है।।चाणक्य नीति और चलते है।।अब्दुल हादी और वृद्धि चंद जैन सरीखे नेताओ की राजनीति के समकक्ष अभी वे नहीं पहुंचे मगर उनके आसपास जरूर है।।राजनीति सोच के साथ उन्हें बाडमेर की जनता की भावनाओ का भी ख्याल रखना होगा।यस मेन को सभापति बनाने से अच्छा होगा इस बार बाडमेर को विकास पुरुष सभापति के रूप में दे।साथ ही सभापति को कार्य करने की भी छूट दे।।ताकि जनता का कार्य आसानी से हो।।नगर परिषद में दलाली प्रथा भी खत्म करनी होगी।जो गिरोह लम्बे समय से नगर परिषद में भरष्टाचार की जड़े जमाए बेठे है उनसे भी मुक्ति दिलानी होगी ताकि कार्मिक अपना काम सही तरीके से करे। नगर परिषद बाडमेर राजस्थान भर में भरस्टाचार को लेकर बदनाम है।।इस दागी छवि से भी मुक्ति दिलानी होगी।साथ ही अद्धिकारियो पर काम थोपने की परिपाटी बन्द करनी होगी।।यह जनता की आवाज़ है बाकी निर्णय विधायक को करना है कि जनता को कैसा सभापति देना है।
*विकास की सोच और निर्णय क्षमता लेने वाला हो सभापति*
*बाडमेर न्यूज़ ट्रैक*
*बाडमेर विधायक मेवाराम जैन का यह बयान बाडमेर के लोग भूले नही है की मेने निकृष्ट व्यक्ति को सभापति बनाया ।बाडमेर की जनता मुझे माफ़ करे।।अब चूंकि तीसरी बार कांग्रेस का बोर्ड बनने जा रहा है।।
इस बार भी सभापति के चयन की जिम्मेदारी विधायक मेवाराम जैन पे रहेगी।पिछले दो बोर्डो में उनके लोग ही सभापति बने।उषा जैन और लूणकरण बोथरा।।उषा जैन का कार्यकाल कोई विशेष राहत देने वाला नही रहा।विधायक और जैन के बीच छतीस का आंकड़ा रहा।मसलन शहर का विकास अवरुद्ध हुआ फिर आये विधायक के खास माने जाने वाले लूणकरण बोथरा।।इनकी नकारात्मक कार्यशैली ने शहर का भट्टा बिठा दिया।पार्षदों से लेकर आयुक्त, परिषद कर्मचारी तक दुखी हो गए।मगर पांच सालों में विधायक ने न पार्षदों की सुनी न पब्लिक की।।विधायक चाहते तो सभापति की नकारात्मक कार्यशैली को लेकर उन्हें हटा सकते थे।मगर गुरु चेले का प्रेम था कि बोथरा जी ने पांच साल का कार्यकाल पूरा किया।।विधायक को अंत मे कहना पड़ा कि मेरे से गलती हो गई जो ऐसे निकृष्ट व्यक्ति को सभापति बनाया।।खैर अब तीसरा अवसर आन पड़ा है सभापति का फिर विधायक के खास माने जाने वाले दावेदारों की सूची में सबसे ऊपर है।।फिर योग्यता कोई मायने रखेगी या नही यह आने वाला वक़्त बताएगा। विधायक शहर का विकास और जनता की समस्याओं का सकारात्मक निराकरण चाहते है तो उन्हें दबंग,निर्णय लेने की क्षमता वाला,साफ सुथरी छवि,सकारात्मक सोच वाले योग्य व्यक्ति को जजिम्मेदारी देनी चाहिए।।विधायक राजनीति में परिपक्व है।।चाणक्य नीति और चलते है।।अब्दुल हादी और वृद्धि चंद जैन सरीखे नेताओ की राजनीति के समकक्ष अभी वे नहीं पहुंचे मगर उनके आसपास जरूर है।।राजनीति सोच के साथ उन्हें बाडमेर की जनता की भावनाओ का भी ख्याल रखना होगा।यस मेन को सभापति बनाने से अच्छा होगा इस बार बाडमेर को विकास पुरुष सभापति के रूप में दे।साथ ही सभापति को कार्य करने की भी छूट दे।।ताकि जनता का कार्य आसानी से हो।।नगर परिषद में दलाली प्रथा भी खत्म करनी होगी।जो गिरोह लम्बे समय से नगर परिषद में भरष्टाचार की जड़े जमाए बेठे है उनसे भी मुक्ति दिलानी होगी ताकि कार्मिक अपना काम सही तरीके से करे। नगर परिषद बाडमेर राजस्थान भर में भरस्टाचार को लेकर बदनाम है।।इस दागी छवि से भी मुक्ति दिलानी होगी।साथ ही अद्धिकारियो पर काम थोपने की परिपाटी बन्द करनी होगी।।यह जनता की आवाज़ है बाकी निर्णय विधायक को करना है कि जनता को कैसा सभापति देना है।
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