बाडमेर*जिला प्रशासन की सराहनीय और सार्थक पहल,धन्यवाद का पात्र है प्रशासन*
*जिला कलेक्टर हिमांशु गुप्ता और सीईओ मोहनदान रतनू का आभार*
बाडमेर जिला प्रशासन की पनुठी पहल,प्रथम चरण मंे होगा 64 बेरियांे का जीर्णोद्वार, 52 लाख की स्वीकृति जारी*
-बाड़मेर जिला प्रशासन की पहल,बेरियों का होगा जीर्णाेद्वार
बाड़मेर, 12 जून। बाड़मेर जिले की रामसर पंचायत समिति की चार ग्राम पंचायतांे मंे प्रथम चरण के तहत 64 बेरियांे का जीर्णाेद्वार होगा। इसके लिए 52.06 लाख की वित्तीय स्वीकृति जारी की गई है। उल्लेखनीय है कि *कुछ समय पूर्व जिला कलक्टर हिमांशु गुप्ता ने अनूठी पहल करते हुए बेरियांे का सर्वे करवाने के साथ इनके जीर्णाेद्वार की कार्य योजना बनाने के निर्देश दिए थे।*
*अतिरिक्त जिला कार्यक्रम समन्वयक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी मोहनदान रतनू* ने बताया कि रामसर पंचायत समिति की ग्राम पंचायत सजन का पार मंे 36, बबुगुलेरिया मंे 12, देरासर मंे 1, रामसर मंे 15 बेरियांे के जीर्णाेद्वार के लिए 52.06 लाख की प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति जारी की गई है। उन्हांेने बताया कि बाड़मेर जिले मंे जिला कलक्टर के निर्देशानुसार 1790 बेरियांे को चिन्हित किया गया हैं। इसमंे से 432 बेरियांे का इस्तेमाल ग्रामीणांे की ओर से जल स्त्रोत के रूप मंे किया जा रहा हैं। मनरेगा मंे परंपरागत जलस्त्रोत बेरियांे के जीर्णोद्वार की विस्तृत कार्य योजना तैयार की गई है। उन्हांेने बताया कि जीर्णाेद्वार के तहत इन बेरियांे मंे जमा हो चुकी मिटटी यथा गाद निकालने का कार्य करवाया जाएगा। इनके ऊपर बेसमंेट का निर्माण कराने के साथ घिरनी लगाई जाएगी। ताकि ग्रामीणांे को बाल्टी से पानी निकालने मंे सहुलियत हो। उल्लेखनीय है कि बाड़मेर जिले की शिव, गडरारोड़, सेड़वा, धनाउ समेत कुछ अन्य पंचायत समितियांे के कई गांवांे मंे ग्रामीण पानी के लिए परंपरागत जल स्त्रोतांे बेरियांे पर निर्भर है। आमतौर पर इसमंे भूमिगत जल नहीं होता, लेकिन रिस-रिसकर सेजे का पानी का एकत्रित होता है। इसमंे कई बेरियांे मंे 15 से 20 मटकी तो कुछ मंे इससे अधिक मात्रा मंे पानी उपलब्ध हो जाता है। इसमंे पानी समाप्त होने के 3-4 घंटे बाद वापिस सेजे का पानी रिसकर एकत्रित हो जाता है।
*जिला कलेक्टर हिमांशु गुप्ता और सीईओ मोहनदान रतनू का आभार*
बाडमेर जिला प्रशासन की पनुठी पहल,प्रथम चरण मंे होगा 64 बेरियांे का जीर्णोद्वार, 52 लाख की स्वीकृति जारी*
-बाड़मेर जिला प्रशासन की पहल,बेरियों का होगा जीर्णाेद्वार
बाड़मेर, 12 जून। बाड़मेर जिले की रामसर पंचायत समिति की चार ग्राम पंचायतांे मंे प्रथम चरण के तहत 64 बेरियांे का जीर्णाेद्वार होगा। इसके लिए 52.06 लाख की वित्तीय स्वीकृति जारी की गई है। उल्लेखनीय है कि *कुछ समय पूर्व जिला कलक्टर हिमांशु गुप्ता ने अनूठी पहल करते हुए बेरियांे का सर्वे करवाने के साथ इनके जीर्णाेद्वार की कार्य योजना बनाने के निर्देश दिए थे।*
*अतिरिक्त जिला कार्यक्रम समन्वयक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी मोहनदान रतनू* ने बताया कि रामसर पंचायत समिति की ग्राम पंचायत सजन का पार मंे 36, बबुगुलेरिया मंे 12, देरासर मंे 1, रामसर मंे 15 बेरियांे के जीर्णाेद्वार के लिए 52.06 लाख की प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति जारी की गई है। उन्हांेने बताया कि बाड़मेर जिले मंे जिला कलक्टर के निर्देशानुसार 1790 बेरियांे को चिन्हित किया गया हैं। इसमंे से 432 बेरियांे का इस्तेमाल ग्रामीणांे की ओर से जल स्त्रोत के रूप मंे किया जा रहा हैं। मनरेगा मंे परंपरागत जलस्त्रोत बेरियांे के जीर्णोद्वार की विस्तृत कार्य योजना तैयार की गई है। उन्हांेने बताया कि जीर्णाेद्वार के तहत इन बेरियांे मंे जमा हो चुकी मिटटी यथा गाद निकालने का कार्य करवाया जाएगा। इनके ऊपर बेसमंेट का निर्माण कराने के साथ घिरनी लगाई जाएगी। ताकि ग्रामीणांे को बाल्टी से पानी निकालने मंे सहुलियत हो। उल्लेखनीय है कि बाड़मेर जिले की शिव, गडरारोड़, सेड़वा, धनाउ समेत कुछ अन्य पंचायत समितियांे के कई गांवांे मंे ग्रामीण पानी के लिए परंपरागत जल स्त्रोतांे बेरियांे पर निर्भर है। आमतौर पर इसमंे भूमिगत जल नहीं होता, लेकिन रिस-रिसकर सेजे का पानी का एकत्रित होता है। इसमंे कई बेरियांे मंे 15 से 20 मटकी तो कुछ मंे इससे अधिक मात्रा मंे पानी उपलब्ध हो जाता है। इसमंे पानी समाप्त होने के 3-4 घंटे बाद वापिस सेजे का पानी रिसकर एकत्रित हो जाता है।
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