सोमवार, 7 नवंबर 2016

बाड़मेर बदलेंगे कांग्रेस के राजनीती हालात।।बदलेंगे उम्मीदवार पुराने चेहरों से होगी तौबा।।कसरत जारी।

बाड़मेर बदलेंगे कांग्रेस के राजनीती हालात।।बदलेंगे उम्मीदवार पुराने चेहरों से होगी तौबा।।कसरत जारी।


बाड़मेर हालाँकि विधानसभा चुनावों में कोई डेढ़ साल का वक़्त बाकी हैं।मगर पश्चिमी राजस्थान के सरहदी जिलो बाड़मेर जैसलमेर में कांग्रेस जबर्दस्त मसक्कत कर रही हैं।प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट ने वर्तमान नेताओ की धरातल रिपोर्ट बारीकी से अपने विश्वशनीय नेता के जरिये मांगी हैं ।मोटे तौर पर गोपनीय रिपोर्ट से सामने आया की जैसलमेर के कारण इन दोनों जिलो के जातिगत उम्मीदवारों में फेरबदल तय हैं।जैसलमेर में पिछले उम्मीदवार रूपाराम धनदे को सामान्य सीट से उतारना लगभग तय हैं।।कांग्रेस रूपाराम धनदे पे फिर भरोसा कर सकती हैं। यह गोपनीय रिपॉर्ट बताती हैं। शिव विधानसभा से पिछले उम्मीदवार को बदलने की जरुरत बताई।हालांकि उन्हें विनिंग उम्मीदवार माना गया हैं पर उनकी निष्ठा पर सवालिया निशान की।खबर है जिसके चलते इस क्षेत्र में सचिन की टीम में युवा को मौका देने की संभावना हैं।।चोहटन से पिछले उम्मीदवार को बदलने की आवश्यकता बताई हैं। जनाधार और लोमप्रियता में कमी मुख्य कारण माना जा रहा हैं। गुड़ामालानी से नया चेहरा होगा ।यह चेहरा राजनितिक समीक्षकों को भी चोंकायेगा।।बायतु से वरिष्ठ नेता के चुनाव लड़ने की खबर हैं। यहाँ से कई नाम सामने आये हैं मगर सचिन पायलट बायतु से उम्मीदवार अभी तय कर चुके हैं ऐसा प्रतीत होता हैं। सबसे ज्यादा घमासान इसी सीट पे होने की सम्भावना बनी थी ।अगर सब कुछ ठीक रहा तो सचिन अपनी पसंद के उम्मीदवार को ही उतरेंगे।।पचपदरा में भी पिछले उम्मीदवार का बदलना तय माना जा रहा हैं। इस सीट पर कांग्रेस को जैन उम्मीदवार दे कर जिले के समीकरण बिठाने की बात कही गयी हैं।इस सीट पर दो नाम सामने आये हैं।जिसमे वरिष्ठ जैन नेता की संभावना बलवती हैं। सिवाना से भी उम्मीदवार बदला जाएगा ।ऐसी संभावनाए व्यक्त की गयी हैं।यहाँ राजपुरोहित या कलबी को उतरने की संभावना हैं। बाड़मेर में सबसे बड़ा घमासान होने की संभावना हैं। यहाँ उम्मीदवार बदलने की सौ फीसदी संभावनाए हैं। बताया गया हैं कि कांग्रेस इस बार इस सीट पर नया प्रयोग करने के मूड में हैं।यदि यह प्रयोग होता हैं तो कांग्रेस के लिए लड़ाई आसान होगी।।जैसलमेर के पोकरण से फ़क़ीर परिवार की टिकट राजनीती हलको में तय मानी जा रही हैं।मगर यहाँ बात फिर बिश्वश्नियता की आ रही हैं।सचिन पायलट कोई कसार अपने विश्वशनीय उमीदवार उतरने में नही रखना चाहते।।पोकरण में बदलाव की संभावना कम हैं।मगर विश्वश्नियता पुख्ता कर फैसला होगा।।इस बार कांग्रेस जातीय समीकरणों पे ज्यादा जोर देगी।।इसके लिए कई महीनो से मशक्कत की जा रही हैं। सूत्रानुसार बीजेपी की आपसी फुट का पूरा फायदा कांग्रेस कैसे ले सकती हैं ज्यादा जोर इसी पे दिया गया हैं।हालाँकि अभी कई सर्वे होने हे।कई रिपोर्ट्स जायेगी।मगर इतना तय हैं विधानसभा के बादशाह बदलेंगे।

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