विश्लेषण। . मुख्यमंत्री का तीन दिवसीय दौरा। जन प्रतिनिधियों को ज्यादा वेटेज नही ,अधिकारियो पर किया भरोसा
बाड़मेर अपनी आक्रामक छवि के लिए जानी जाने वाली राज्य की मुखिया महारानी वसुंधरा राजे आपका जिला आपकी सरकार के तहत तीन दिन बाड़मेर शहर में थी ,वेक मुख्यमंत्री के नाते वसुंधरा राजे का दौरा बाड़मेर को कोई खास सौगात पाया ,घोषणाए की जो आवश्यक थी ,बाड़मेर के जन प्रतिनिधियों की चासनी वो पहले से जानती हैं किसी भी नेता को खास वेटेज नही दिया ,सरकारी अधिकारियो पर ज्यादा भरोसा रखा योजनाओ का फीड बेक उनसे ही लिया निरीक्षण में भी किसी नेता को साथ न रखना साफ़ संकेत था की वसुंधरा एक मुख्यमंत्री की तरह कार्य की इच्छा लेके आई ,पार्टी कार्यकर्ताओ और पदाधिकारियों को उन्होंने फीड बेक देने का पूरा मौका दिया जिसमे सब असफल रहे कोई ज्वलंत मुद्दो और विकास योजनाओ पर नही बोल सके कारण बीजेपी के पदाधिकारी या कार्यकर्त्ता विकास योजना के बारे में जानते ही नही ,
मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने पुरे सांसद रामचरण बोहरा को नज़दीक रख बाड़मेर के सांसद कर्नल सोनाराम चौधरी को साफ़ संकेत इशारो इशारो में दे दिए ,कर्नल वसुंधरा राजे से जिस वेटेज की उम्मीद लगाये बैठे थे वो पूरी नही हुई ,पिछले छ माह से वसुंधरा कर्नल को इग्नोर कर रही हैं यह जयपुर के सूत्र बताते हैं ,बाड़मेर के सभी विधायको में कोई विधायक वसुंधरा के समक्ष अपना प्रभाव नही जमा पाया ,नही वसुंधरा ने कोई ज्यादा लगाव किसी विधायक के प्रति दिखाया ,डॉ प्रियंका चौधरी के कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने शिरकर जरूर की मगर संस्थान के लिए कोई घोषणा नही की ,जबकि उम्मीदे थी ,कुछ नेता को बिलकुल फेल हो गए ,छूट भैये नेताओ ने शिव विधायक मानवेन्द्र सिंह के विरोध में बोल मुख्यमंत्री का ध्यान आकर्षण करने का असफल प्रयास किया ,वसुंधरा राजे ने उनकी बाते अनसुनी कर दी ,पुरे यात्रा में तन सिंह चौहान की स्थति ठीक लगी वसुंधरा राजे के साथ उनकी ट्यूनिंग अन्य नेताओ से बेहतर लगी ,वसुंधरा राजे जिलानी जमात के कार्यक्रम में महज तन सिंह के कारण गई ,
वसुंधरा राजे तीन दिन के प्रवास में बाड़मेर कलेक्टर मधुसूदन शर्मा को रखा दो दिन तो काफी खुस थी उनके प्रजेंटेशन से ,तीसरे दिन मेराथन बैठक में शायद कलेक्टर नर्वस हो गए ,उनके द्वारा रात्रि चौपाल जनसुनवाई कार्यक्रम बेहतर तरीके से की जा रहे हैं मगर वो मुख्यमंत्री को जवाब दे पाते राकेश कुमार ने खेल बिगाड़ दिया ,हालाँकि वसुंधरा राजे को बाड़मेर जिले का फीड बेक बेहतर तरीके से दिया ,मुख्यमंत्री बाड़मेर के लॉ एंड आर्डर से काफी नाराज दिखी ,पुलिस अधीक्षक जिले में शानदार कार्य कर रहे हैं मगर वसुंधरा राजे के दौरे के समय धारा 144 के बावजूद धरने प्रदर्शन से खासी नाराज दिखी। बिजली पानी सड़क विभाग तो हमेशा मुख्यमंत्री और नेताओ के टारगेट पे रहता हैं यही विभाग उन्हें वोट दिलाते हैं ,इन विभागों को अच्छे से डांट डपट दिया ,आर यु दी पी नगर परिषद आयुक्त नंबर नही बढ़ा सके ,बिना परमिशन पोस्टर लगाना शहर में आयुक्त पर भारी पद सकता हैं ,आरोग्य योजना अतिरिक्त जिला कलेक्टर पर भारी पड़ने वाली हैं ,बाड़मेर उप खंड अधिकारी को चलता किया जायेगा अगली सूचि में ,कुछ मुद्दो पर कई अधिकारी चपेट में आते लेकिन बच गए बाल बाल ,कुल वसुंधरा राजे का बाड़मेर दौरा एवरेज ही रहा ,दो चार दिन अधिकारियो की साँसे फूली रहेगी ,
कई अधिकारियो पर गाज गिर सकती हैं ,
बाड़मेर अपनी आक्रामक छवि के लिए जानी जाने वाली राज्य की मुखिया महारानी वसुंधरा राजे आपका जिला आपकी सरकार के तहत तीन दिन बाड़मेर शहर में थी ,वेक मुख्यमंत्री के नाते वसुंधरा राजे का दौरा बाड़मेर को कोई खास सौगात पाया ,घोषणाए की जो आवश्यक थी ,बाड़मेर के जन प्रतिनिधियों की चासनी वो पहले से जानती हैं किसी भी नेता को खास वेटेज नही दिया ,सरकारी अधिकारियो पर ज्यादा भरोसा रखा योजनाओ का फीड बेक उनसे ही लिया निरीक्षण में भी किसी नेता को साथ न रखना साफ़ संकेत था की वसुंधरा एक मुख्यमंत्री की तरह कार्य की इच्छा लेके आई ,पार्टी कार्यकर्ताओ और पदाधिकारियों को उन्होंने फीड बेक देने का पूरा मौका दिया जिसमे सब असफल रहे कोई ज्वलंत मुद्दो और विकास योजनाओ पर नही बोल सके कारण बीजेपी के पदाधिकारी या कार्यकर्त्ता विकास योजना के बारे में जानते ही नही ,
मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने पुरे सांसद रामचरण बोहरा को नज़दीक रख बाड़मेर के सांसद कर्नल सोनाराम चौधरी को साफ़ संकेत इशारो इशारो में दे दिए ,कर्नल वसुंधरा राजे से जिस वेटेज की उम्मीद लगाये बैठे थे वो पूरी नही हुई ,पिछले छ माह से वसुंधरा कर्नल को इग्नोर कर रही हैं यह जयपुर के सूत्र बताते हैं ,बाड़मेर के सभी विधायको में कोई विधायक वसुंधरा के समक्ष अपना प्रभाव नही जमा पाया ,नही वसुंधरा ने कोई ज्यादा लगाव किसी विधायक के प्रति दिखाया ,डॉ प्रियंका चौधरी के कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने शिरकर जरूर की मगर संस्थान के लिए कोई घोषणा नही की ,जबकि उम्मीदे थी ,कुछ नेता को बिलकुल फेल हो गए ,छूट भैये नेताओ ने शिव विधायक मानवेन्द्र सिंह के विरोध में बोल मुख्यमंत्री का ध्यान आकर्षण करने का असफल प्रयास किया ,वसुंधरा राजे ने उनकी बाते अनसुनी कर दी ,पुरे यात्रा में तन सिंह चौहान की स्थति ठीक लगी वसुंधरा राजे के साथ उनकी ट्यूनिंग अन्य नेताओ से बेहतर लगी ,वसुंधरा राजे जिलानी जमात के कार्यक्रम में महज तन सिंह के कारण गई ,
वसुंधरा राजे तीन दिन के प्रवास में बाड़मेर कलेक्टर मधुसूदन शर्मा को रखा दो दिन तो काफी खुस थी उनके प्रजेंटेशन से ,तीसरे दिन मेराथन बैठक में शायद कलेक्टर नर्वस हो गए ,उनके द्वारा रात्रि चौपाल जनसुनवाई कार्यक्रम बेहतर तरीके से की जा रहे हैं मगर वो मुख्यमंत्री को जवाब दे पाते राकेश कुमार ने खेल बिगाड़ दिया ,हालाँकि वसुंधरा राजे को बाड़मेर जिले का फीड बेक बेहतर तरीके से दिया ,मुख्यमंत्री बाड़मेर के लॉ एंड आर्डर से काफी नाराज दिखी ,पुलिस अधीक्षक जिले में शानदार कार्य कर रहे हैं मगर वसुंधरा राजे के दौरे के समय धारा 144 के बावजूद धरने प्रदर्शन से खासी नाराज दिखी। बिजली पानी सड़क विभाग तो हमेशा मुख्यमंत्री और नेताओ के टारगेट पे रहता हैं यही विभाग उन्हें वोट दिलाते हैं ,इन विभागों को अच्छे से डांट डपट दिया ,आर यु दी पी नगर परिषद आयुक्त नंबर नही बढ़ा सके ,बिना परमिशन पोस्टर लगाना शहर में आयुक्त पर भारी पद सकता हैं ,आरोग्य योजना अतिरिक्त जिला कलेक्टर पर भारी पड़ने वाली हैं ,बाड़मेर उप खंड अधिकारी को चलता किया जायेगा अगली सूचि में ,कुछ मुद्दो पर कई अधिकारी चपेट में आते लेकिन बच गए बाल बाल ,कुल वसुंधरा राजे का बाड़मेर दौरा एवरेज ही रहा ,दो चार दिन अधिकारियो की साँसे फूली रहेगी ,
कई अधिकारियो पर गाज गिर सकती हैं ,
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