बाड़मेर नगर परिषद की बड़ी कार्यवाही। माणक अस्पताल के पास अतिक्रमण के अवैध दस्तावेज खारिज,
रजिस्ट्री निरस्त के लिए पंजीयक को लिखा।
बाड़मेर बाड़मेर शहर के बीचो बीच माणक हाॅस्पीटल कल्याणपुरा में कुछ लोगो द्वारा नगर परिषद की भूमि पर कुटरचित दस्तावेजों से किए गए अतिक्रमण के सम्बन्ध में गठित जांच कमेटी को रिपोर्ट के आधार पर नगर परिषद की बोर्ड बैठक में समान दस्तावेज निरस्त करते हुए अतिक्रमण हटाने का निर्णय लिया गया। वही उक्त कुटरचित दस्तावेजो के आधार पर अतिक्रमियो द्वारा उप पंजीयन कार्यालय से रजिस्ट्री निरस्त करने के लिये परिषद की और से पत्र लिखने का निर्णय लिया गया।
सभापति उषा जैन ने बताया कि उनके द्वारा माणक हाॅस्पीटल के पास स्थिति विवादित भुखण्ड के सम्बन्ध में जारी तथाकथित भवन अनुज्ञा के दस्तावेजो को विधिवत जांच के लिए कमेटी का गठन उप सभापति चैनसिह भाटी की अध्यक्षता में चार सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया था, जांच कमेटी द्वारा परिषद को सौपी गई रिपोर्ट में बताया गया कि परिषद की किसी भी शाखा द्वारा उक्त भुखण्ड के लिए किसी प्रकार का अनापत्ति प्रमाण पत्र व भवन अनुज्ञा पत्र जारी नही किया। परिषद के किसी भी दस्तावेज में यह दर्ज नही है कि जबकि जारी किए गए तथाकथित अनापत्ति प्रमाण पत्र पर वार्ड, निष्चित स्थान व नाप भी नही लिखा है। यह दस्तावेज कुटरचित फर्जी पाया गया है।
इसी प्रकार गृह कर रजिस्टर में भी उक्त भुखण्ड के सम्बन्ध में कोई नाम दर्ज होना नही पाया गया। उक्त अनापत्ति प्रमाण पत्र और गृह कर विधिसम्मत नही होने से कमेटी ने उक्त दस्तावेजो को सक्षम स्तर पर खारिज करने की सिफारिष की थी जिस पर नगर परिषद की बोर्ड बैठक -6-14 को ये उक्त दस्तावेज खारीज करने का प्रस्ताव सर्व सम्मति से लिया गया।
उन्होने बताया कि इजाजत पत्रावली 352/13-14 की भूरचन्द मालू को जारी होना बताया जबकि इजाजत शाखा प्रभारी द्वारा उक्त पत्रावली 352/13-14 हनुमानराम पुत्र भोमाराम निवासी राजीव नगर के नाम होना पाया गया इस भुखण्ड के सम्बन्ध में कनिष्ठ अभियंता नगर परिषद द्वारा कचरा संग्रहण के लिए आरक्षित होना बताया गया जबकि इस भुखण्ड के आगे वाला भाग कार्यालय द्वारा नीलाम किया गया था। बोर्ड बैठक 14.12.2009 के प्रस्ताव सं. 9 द्वारा भी उक्त विवादित भुखण्ड को कचरा संग्रहण हेतु खाली रखने व आगे के भुखण्ड को नीलाम करने का प्रस्ताव पारित किया गया।
उक्त अनापत्ति प्रमाण पत्र पर कार्यालय के कनिष्ठ अभियंता पुरखाराम के हस्ताक्षर होना पाया गया था। उक्त अभियंता से कमेटी द्वारा की गई पुछताछ में बताया कि उसे गुमराह करके हस्ताक्षर कराए गये। उक्त पत्रावली मोहर लगाकर प्रस्तुत नही की गई। इसी तरह इसी भुखण्ड पर नथमल पुत्र आईदान मल की पत्रावली संख्या 230/70-71 तथा अन्य पत्रावलियो में भी उक्त भुखण्ड नगर परिषद की खाली भूमि होना दर्षाता है।
सभापति ने बताया कि सिविल न्यायाधिष (क ख) बाड़मेर में विचाराधीन प्रकरण संख्या दीवानी विविध 29/14 में पारित आदेष 26.05.2014 में उक्त विवादित का कुटरचित दस्तावेजो के आधार पर भुखण्ड के पत्र में अस्थायी निषेध आज्ञा जारी की गई है।
उन्होने बताया कि उक्त बेचान नामा को निरस्त करने तथा कब्जा प्राप्त करने के लिए सक्षम न्यायालय में कार्यवाही की जा रही है यही उक्त फर्जी दस्तावेजो के आधार पर उप पंजीयन कार्यालय बाड़मेर द्वारा जारी रजिस्ट्री निरस्त करने के लिए लिखा जाएगा।
उन्होने बताया कि गृह कर अभिलेख प्रमाण पत्र क्रमांक सं. 5671/16.04.2013 को भी निरस्त किया गया है।
उक्त भूमि पर नगर परिषद अपना कब्जा लेने के लिये सक्षम स्तर पर कार्यवाही कर रही है।
सभापति उषा जैन ने बताया कि उनके द्वारा माणक हाॅस्पीटल के पास स्थिति विवादित भुखण्ड के सम्बन्ध में जारी तथाकथित भवन अनुज्ञा के दस्तावेजो को विधिवत जांच के लिए कमेटी का गठन उप सभापति चैनसिह भाटी की अध्यक्षता में चार सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया था, जांच कमेटी द्वारा परिषद को सौपी गई रिपोर्ट में बताया गया कि परिषद की किसी भी शाखा द्वारा उक्त भुखण्ड के लिए किसी प्रकार का अनापत्ति प्रमाण पत्र व भवन अनुज्ञा पत्र जारी नही किया। परिषद के किसी भी दस्तावेज में यह दर्ज नही है कि जबकि जारी किए गए तथाकथित अनापत्ति प्रमाण पत्र पर वार्ड, निष्चित स्थान व नाप भी नही लिखा है। यह दस्तावेज कुटरचित फर्जी पाया गया है।
इसी प्रकार गृह कर रजिस्टर में भी उक्त भुखण्ड के सम्बन्ध में कोई नाम दर्ज होना नही पाया गया। उक्त अनापत्ति प्रमाण पत्र और गृह कर विधिसम्मत नही होने से कमेटी ने उक्त दस्तावेजो को सक्षम स्तर पर खारिज करने की सिफारिष की थी जिस पर नगर परिषद की बोर्ड बैठक -6-14 को ये उक्त दस्तावेज खारीज करने का प्रस्ताव सर्व सम्मति से लिया गया।
उन्होने बताया कि इजाजत पत्रावली 352/13-14 की भूरचन्द मालू को जारी होना बताया जबकि इजाजत शाखा प्रभारी द्वारा उक्त पत्रावली 352/13-14 हनुमानराम पुत्र भोमाराम निवासी राजीव नगर के नाम होना पाया गया इस भुखण्ड के सम्बन्ध में कनिष्ठ अभियंता नगर परिषद द्वारा कचरा संग्रहण के लिए आरक्षित होना बताया गया जबकि इस भुखण्ड के आगे वाला भाग कार्यालय द्वारा नीलाम किया गया था। बोर्ड बैठक 14.12.2009 के प्रस्ताव सं. 9 द्वारा भी उक्त विवादित भुखण्ड को कचरा संग्रहण हेतु खाली रखने व आगे के भुखण्ड को नीलाम करने का प्रस्ताव पारित किया गया।
उक्त अनापत्ति प्रमाण पत्र पर कार्यालय के कनिष्ठ अभियंता पुरखाराम के हस्ताक्षर होना पाया गया था। उक्त अभियंता से कमेटी द्वारा की गई पुछताछ में बताया कि उसे गुमराह करके हस्ताक्षर कराए गये। उक्त पत्रावली मोहर लगाकर प्रस्तुत नही की गई। इसी तरह इसी भुखण्ड पर नथमल पुत्र आईदान मल की पत्रावली संख्या 230/70-71 तथा अन्य पत्रावलियो में भी उक्त भुखण्ड नगर परिषद की खाली भूमि होना दर्षाता है।
सभापति ने बताया कि सिविल न्यायाधिष (क ख) बाड़मेर में विचाराधीन प्रकरण संख्या दीवानी विविध 29/14 में पारित आदेष 26.05.2014 में उक्त विवादित का कुटरचित दस्तावेजो के आधार पर भुखण्ड के पत्र में अस्थायी निषेध आज्ञा जारी की गई है।
उन्होने बताया कि उक्त बेचान नामा को निरस्त करने तथा कब्जा प्राप्त करने के लिए सक्षम न्यायालय में कार्यवाही की जा रही है यही उक्त फर्जी दस्तावेजो के आधार पर उप पंजीयन कार्यालय बाड़मेर द्वारा जारी रजिस्ट्री निरस्त करने के लिए लिखा जाएगा।
उन्होने बताया कि गृह कर अभिलेख प्रमाण पत्र क्रमांक सं. 5671/16.04.2013 को भी निरस्त किया गया है।
उक्त भूमि पर नगर परिषद अपना कब्जा लेने के लिये सक्षम स्तर पर कार्यवाही कर रही है।
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