बाड़मेर नरेंद्र मोदी को वोट नहीं दिया तो दलित परिवार का आशियाना उजड़ दिया निर्दयी तहसीलदार ने
बाड़मेर लोकसभा चुनावो में दलित परिवार को नरेंद्र मोदी की पार्टी को वोट नहीं देना महंगा पड़ गया। उसे अपना आशियाना गंवाना पड़ा.दलित परिवार खुले आकाश तले आ गया। दलित परिवार बिलख रहा हैं मगर उसकी सुनाने वाला कोई नहीं।
जिले के बायतु उप खंड के बाटाडू के सिंघोड़िया गाँव में करीब ढाई सौ गौचर भूमि पर बने हैं जिन्हे जिला प्रशासन ने अतिक्रमण चिन्हित कर रखा हैं। इसी बस्ती में ददलित परिवार के अतिरिक्त स्वर्ण जाती के परिवार भी सरकारी भूमि पर बेस हुए हैं। इसी में दलितगणपत मेघवाल का परिवार रहता हैं। दो जून की रोटी को मोहताज़ गणपत ने हल ही में एक एक पाई इकट्ठी कर आशियाना बना बच्चो को छत उपलब्ध कराई थी ,गणपत का परिवार लोक सभा चुनावो में नरेंद्र मोदी की पार्टी के उम्मीदवार की बजाय निर्दलीय जसवंत सिंह के प्रचार में था ,जिसके चलते स्थानित जान प्रतिनिधियों का दबाव था की इस दलित परिवार को गांव से बहार करे ,जान प्रतिनिधियों के दबाव के आगे झुकते हुए बायतु तहसीलदार महावीर जैन ने मंगलवार को निर्दयता पूर्वक गणपत का माकन बुलडोजर चला के तोड़ दिया जबकि अतिक्रमण की जद में ढाई सौ परिवार अन्य जातियों के हैं मगर तहसीलदार ने किसी का अतिक्रमण नहीं हटाया सीधे सीधे गणपत का क़ानूनी नोटिस दिए तुरंत फुरन्त तोड़ दिया ,दलित परिवार अपना आशियाना टूटते देख रोता बिलखता रहा मगर निर्दयी तहसीलदार राजनितिक दबाव के आगे बेबस था। में तहसीलदार महावीर जैन से बातचीत में की गणपत के परिवार ने नया अतिक्रमण किया था ,इसीलिए आज हटा दिया ,जब उनसे पूछा की इसी गौचर में ढाई सौ परिवार अतिक्रमी हे उन्हें क्यों नहीं हटाया ,उनका कहना था की सभी को नोटिस दिए हैं। राजनीती दखल की जब उनसे बात की तो हड़बड़ा गए और फोन बंद कर दिया ,इधर दलित परिवार से मुख्यमंत्री ,जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंप कर उन्हें न्याय दिलाने की मांग की हैं।
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