वसुंधरा राजे ने जसवंत के खिलाफ पूरी ताकत झोंकी
वसुंधरा के शिकंजे से और मजबूत हो रहे जसवंत। भाजपा कि मुस्किले और बढ़ी
बाड़मेर राज्य कि मुखिया वसुंधरा राजे और बाड़मेर से निर्दलीय प्रत्यासी जसवंत सिंह के बीच मूंछ कि लड़ाई दिलचस्प होती जा रही हें जहां वसुंधरा राजे ने जसवंत लहर को ख़त्म करने के लिए अपने सभी हथियार इस्तेमाल कर करीब दो दर्जन से अधिक भाजपा नेताओ को बाड़मेर में झोंक दिया। वसुंधरा ने जसवंत को रोकने के लिए अपने विधानसभा के भाजपा के हर जाती वर्ग के विधायक को बाड़मेर भेजा। सामाजित और जाती आधारित नेताओ को भेज जसवंत पर हमला बोल जसवंत को कमज़ोर करने का पूरा प्रयास वसुंधरा राजे कर रही हें ,वसुंंधरा अपनी जिद को केंद्रीय नेतृत्व के आगे सही साबित करने के लिए हर दांव पेंच आजमा बाड़मेर सीट कर्नल सोनाराम के खाते में जुड़वाना चाहती हें ,मजे कि बात हें वसुंधरा के इतने दबाव के बाद जसवंत सिंह कमज़ोर पड़ने कि बजाय और अधिक मज़बूत होते जा रहे हें। वसुंधरा राजे के इन प्रयासो से तीसरे नंबर पर चल रहे प्रत्यासी को हो गया वो इन दिनों दूसरे नंबर पर पहुँच भाजपा के कर्नल सोनाराम को तीसरे स्थान पर धकेल दिया हें। भाजपा और कांग्रेस के परंपरागत वोट बेंक में जसवंत सिंह ने जोरदार सेंध लगा दी हें। वसुंधरा राजे के जसवंत सिंह कि खिलाफत करने बाड़मेर आये भूपेंद्र यादव तो बालोतरा से गोयल चंद घंटो के लिए सिणधरी के एक गाँव जाकर चलते बने तो ओंकार सिंह लखावत मीडिआ के सामने जरुर गरजे जसवंत सिंह पर मगर मीडिआ ने उन पर ही सवाल दाग निरुत्तर कलर दिया। ओंकार सिंह को उनके ही चारण समाज ने दो तुक कह दिया कि जसवंत को ही वोट देंगे चाहे कुछ भी हो। वासु देवनानी ने सिंधी समाज के तीस एक लोगो को मंदिर में भाजपा को वोट देने कि कसम दिलाना चाहते थे मगर सिंधी समाज ने देवनानी को जवाब दे दिया। नाई समाज से किशनाराम विधायक को उनके समाज ने आईना दिखा दिया। भाजपा के जितने भी नेता आये सभी ने एक ही बात कही पार्टी का दबाव था आने के लिए। हैम आ गए हमारा काम ख़त्म आपकी मर्जी से वोट देना। आने वाले दिनों में जनार्दन सिंह गहलोत ,गुलाब चंद कटारिया ,ज्योति किरण सहित कई नेता आ रहे हें ,कटारिया जसवंत के पुराने साथी हे उनका समाज पहले से जसवंत के साथ खुलकर आ चुका हें ,पिछले चुनावो में जनार्दन सिंह गहलोत तो उनके समाज ने घास नहीं डाली ,वसुंधरा राजे दबाव बनाए जा रही हें जितना दबाव कार्यकर्ताओ पर पद रहा हे कार्यकर्ता भाजपा से जसवंत के साथ उतनी तेजी से जुड़ रहे हें। जमीनी भाजपा जसवंत के साथ पहले दिन से हें। कुछ कार्यकर्ता पार्टी का दबाव ना आये इसीलिए भाजपा प्रत्यासी के साथ खड़े हें ,बहरहाल जसवंत सिंह का कद दिन ब दिन बढता जा रहा हें ,वसुंधरा राजे द्वारा अपने चहेते राजपूत नेताओ को बाड़मेर भेजने के सारे प्रयास असफल हो गए ,लोकेन्द्र सिंह कालवी ,गजेन्द्र सिंह शेखावत ,राजेंद्र सिंह राठोड ,देवी सिंह भाटी ,गजेन्द्र सिंह खींवसर सहित कोई नेता जसवंत के खिलाफ बाड़मेर आने को तैयार नहीं ,अलबता अल्पसंख्यक मंत्री युनुस खान एक दिवसीय दौरे पर आने कि चर्चा हें।
वसुंधरा राजे केदबाव बढ़ने के साथ जसवंत और उनके कार्यकर्ता दुगुने जोश के साथ हर रोज मैदान में उतर रहे हें। जसवंत को मिल रहा छतीस कौम का समर्थन जसवंत कि कहानी खुद बयान कर रहा हें। वसुंधरा के दबाव के कारन भाजपा प्रत्यासी मुस्किल में आ गए हें। जाट मतदाताओ के भरोसे जीत कि आस लगे बेठे कर्नल सोनाराम के खिलाफ अन्य जातियो ने माहौल बनाना शुरू कर दिया। जिसका फायदा हरीश चौधरी को मिलता साफ़ नज़र आ रहा हें।
वसुंधरा के शिकंजे से और मजबूत हो रहे जसवंत। भाजपा कि मुस्किले और बढ़ी
बाड़मेर राज्य कि मुखिया वसुंधरा राजे और बाड़मेर से निर्दलीय प्रत्यासी जसवंत सिंह के बीच मूंछ कि लड़ाई दिलचस्प होती जा रही हें जहां वसुंधरा राजे ने जसवंत लहर को ख़त्म करने के लिए अपने सभी हथियार इस्तेमाल कर करीब दो दर्जन से अधिक भाजपा नेताओ को बाड़मेर में झोंक दिया। वसुंधरा ने जसवंत को रोकने के लिए अपने विधानसभा के भाजपा के हर जाती वर्ग के विधायक को बाड़मेर भेजा। सामाजित और जाती आधारित नेताओ को भेज जसवंत पर हमला बोल जसवंत को कमज़ोर करने का पूरा प्रयास वसुंधरा राजे कर रही हें ,वसुंंधरा अपनी जिद को केंद्रीय नेतृत्व के आगे सही साबित करने के लिए हर दांव पेंच आजमा बाड़मेर सीट कर्नल सोनाराम के खाते में जुड़वाना चाहती हें ,मजे कि बात हें वसुंधरा के इतने दबाव के बाद जसवंत सिंह कमज़ोर पड़ने कि बजाय और अधिक मज़बूत होते जा रहे हें। वसुंधरा राजे के इन प्रयासो से तीसरे नंबर पर चल रहे प्रत्यासी को हो गया वो इन दिनों दूसरे नंबर पर पहुँच भाजपा के कर्नल सोनाराम को तीसरे स्थान पर धकेल दिया हें। भाजपा और कांग्रेस के परंपरागत वोट बेंक में जसवंत सिंह ने जोरदार सेंध लगा दी हें। वसुंधरा राजे के जसवंत सिंह कि खिलाफत करने बाड़मेर आये भूपेंद्र यादव तो बालोतरा से गोयल चंद घंटो के लिए सिणधरी के एक गाँव जाकर चलते बने तो ओंकार सिंह लखावत मीडिआ के सामने जरुर गरजे जसवंत सिंह पर मगर मीडिआ ने उन पर ही सवाल दाग निरुत्तर कलर दिया। ओंकार सिंह को उनके ही चारण समाज ने दो तुक कह दिया कि जसवंत को ही वोट देंगे चाहे कुछ भी हो। वासु देवनानी ने सिंधी समाज के तीस एक लोगो को मंदिर में भाजपा को वोट देने कि कसम दिलाना चाहते थे मगर सिंधी समाज ने देवनानी को जवाब दे दिया। नाई समाज से किशनाराम विधायक को उनके समाज ने आईना दिखा दिया। भाजपा के जितने भी नेता आये सभी ने एक ही बात कही पार्टी का दबाव था आने के लिए। हैम आ गए हमारा काम ख़त्म आपकी मर्जी से वोट देना। आने वाले दिनों में जनार्दन सिंह गहलोत ,गुलाब चंद कटारिया ,ज्योति किरण सहित कई नेता आ रहे हें ,कटारिया जसवंत के पुराने साथी हे उनका समाज पहले से जसवंत के साथ खुलकर आ चुका हें ,पिछले चुनावो में जनार्दन सिंह गहलोत तो उनके समाज ने घास नहीं डाली ,वसुंधरा राजे दबाव बनाए जा रही हें जितना दबाव कार्यकर्ताओ पर पद रहा हे कार्यकर्ता भाजपा से जसवंत के साथ उतनी तेजी से जुड़ रहे हें। जमीनी भाजपा जसवंत के साथ पहले दिन से हें। कुछ कार्यकर्ता पार्टी का दबाव ना आये इसीलिए भाजपा प्रत्यासी के साथ खड़े हें ,बहरहाल जसवंत सिंह का कद दिन ब दिन बढता जा रहा हें ,वसुंधरा राजे द्वारा अपने चहेते राजपूत नेताओ को बाड़मेर भेजने के सारे प्रयास असफल हो गए ,लोकेन्द्र सिंह कालवी ,गजेन्द्र सिंह शेखावत ,राजेंद्र सिंह राठोड ,देवी सिंह भाटी ,गजेन्द्र सिंह खींवसर सहित कोई नेता जसवंत के खिलाफ बाड़मेर आने को तैयार नहीं ,अलबता अल्पसंख्यक मंत्री युनुस खान एक दिवसीय दौरे पर आने कि चर्चा हें।
वसुंधरा राजे केदबाव बढ़ने के साथ जसवंत और उनके कार्यकर्ता दुगुने जोश के साथ हर रोज मैदान में उतर रहे हें। जसवंत को मिल रहा छतीस कौम का समर्थन जसवंत कि कहानी खुद बयान कर रहा हें। वसुंधरा के दबाव के कारन भाजपा प्रत्यासी मुस्किल में आ गए हें। जाट मतदाताओ के भरोसे जीत कि आस लगे बेठे कर्नल सोनाराम के खिलाफ अन्य जातियो ने माहौल बनाना शुरू कर दिया। जिसका फायदा हरीश चौधरी को मिलता साफ़ नज़र आ रहा हें।
बाड़मेर में राजनीति अभी परवान पर है कुछ महानुभव
जवाब देंहटाएंआजीवन दिल्ली में बेठे रहे कभी बाड़मेर याद
नहीं आया मोदी लहर के चलते बाड़मेर याद आ
गया और बाड़मेर से चुनाव लड़ने का मानस
बना लिया पार्टी में टिकिट नही दियां तो 30 साल
जिस पार्टी के साथ रहे उसी पार्टी से बगावत कर
दी और निर्दलीय चुनाव लड़ रहे है ! पिचले कुछ
वर्षो के शांत बाड़मेर में जातिवाद का जहर घोलने लग
गए ! जातिवादी जहर तो ठीक है लेकिन दुश्मन देश से
भी हाथ मिलाने की जुगत में लग गये अरे
हिंदुस्तानियो शर्म आनी चाहिए जिस देश में जवानो के
सर कलम दिए उस देश से सहयोग लोगे ये
कभी सोचा भी नही था! ये लोग पार्टी तो क्या देश के
भी गद्दार हो गए ! शर्म आनी चाहिए दुश्मन देश से
वोट के लिए सहयोग लेने के लिए ! जो वतन
का नहीं वो अपना क्या हो सकता ह
बिना टिकट के लड़ने वाले मोदी लहर की बदौलत चुनाव नहीं अपने दम पर लड़ रहे है और दम ना होता तो मोदी लहर से डर चुनाव नहीं लड़ते !
हटाएंदूसरा मोदी लहर का फायदा तो दलबदलू सोनाराम उठाना चाह रहा है, जो विधायक नहीं बन सका वो मोदी के बहाने संसद में जाना चाहता है !!
Tu rajput to nhi ho sakta, dub mro joraver singh
जवाब देंहटाएंअरे झूठी खबर लिखते समय तेरा दिल व मन नहीँ काँपता होगा क्योँकि जसवन्त को टिकट राजनाथ व वसुंधरा (दोनोँ राजपुत) ने नहीँ दिया फिर भी तुम जातिवाद का जहर अपने स्वार्थ के लिए व जसवन्त के लिए लोगोँ को भ्रमित कर रहे हो यही हमारा क्षत्रिय धर्म हैँ क्या? वाह रे वाह ...Hukam singh Sodha (शिव)
जवाब देंहटाएं@ हुकुम सिंह जी सोढा
जवाब देंहटाएंखबर लिखने वालों के क्षत्रिय धर्म पर अंगुली उठाने से पहले अपने क्षात्र धर्म पर नजर डाल लें ! कि आप जसवंत सा का विरोध कर कौनसा क्षात्र धर्म निभा रहे है !
साथ ही जानकारी अपडेट करलें- वसुंधरा का सिंधिया घराना राजपूत नहीं है !!