राजस्थानी भाषा की मान्यता के लिए आगे आया बाड़मेर शहर
ढोल थाली संकल्प रैली में उमड़ा जन समूह , अब तो मान्यता दो
बाड़मेर अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति बाड़मेर द्वारा राजस्थान विधानसभा से राजस्थानी भाषा को मान्यता सम्बंधित संकल्प प्रस्ताव पारित करने के दस साल पर आयोजित राजस्थानी संकल्प पखवाड़े के तहत बुधवार को जगाते रहो बजाते रहो ढोल थाली संकल्प रैली का आयोजन गाँधी चौक से राजस्थानी भाषा के वरिष्ट साहित्यकार मेघुदान चारण ,अन्तराष्ट्रीय लोक खान ,और राजस्थानी कवी महादान सिंह भादरेश के नेतृत्व में किया गया। रैली को मेघुदान चारण ,डॉ लक्ष्मी नारायण जोशी।,ने हरी झंडी दिखाकर गांधी चौक से रवाना किया। रैली में सेकड़ो की तादाद में राजस्थानी भाषा प्रेमियों ने शिरकत की। राजस्थानी भाषा को संवेधानिक मान्यता दिलाने के क्रम में राज्य सरकार को जगाने तथा उन्हें संकल्प प्रस्ताव की याद दिलाने के उद्देश्य से आयोजित इस रैली को बाड़मेर की जनता ने अभूतपूर्व सहयोग कर सफल बनाया। रैली मई मानो बाड़मेर शहर उमड़ पडा हो। ढोल की थाप और थाली की तनकर बार बार सरकार को चेता रही थी। रैली में बाड़मेर शहर सहित आस पास के गाँवो से कार्यकर्ता भी सम्मिलित हुए। मायद भाषा के प्रति बाड़मेर की जनता ने जो उत्साह दिखाया वो काबिल इ तारीफ था। रेल्ली कोतवाली थाना ,मल्लिनाथ छात्रावास होते हुए अहिंसा चौराहा ,सब्जी मंदी ,विवेकानंद चौराहा से होकर जिला कलेक्टर कार्यालय पहुंची। जहां ढोल के धमाको और थाली की टंकारो ने जिला प्रशासन की नींद उड़ा दी। राजस्थानी भाषा प्रेमियों में राजस्थानी भाषा को मान्यता दो ,अब मायड भाषा का अपमान हमें दो हमारा अधिकार ,सुन ल्यो नेता सगळा डंके री चोट पैली भाषा पाछे वोट जैसे नारों से कलेक्ट्रेट परिसर गुंजायमान कर दिया। बजाता रेवो जगाता रेवो ढोल थाली रेल्ली का मल्लिनाथ छात्रावास और अहिंसा चौराहे पर बाड़मेर के नागरिको ने स्वागत किया। पुरे तीन घंटे तक चली इस रैली ने बाड़मेर की जनता को जहा राजस्थानी भाषा के प्रति जागरूक किया वाही राज सरकार को चेताया की अब राजस्थानी भाषा की मान्यता में देरी उनके लिए ठीक नहीं। रैली में संभाग उप पाटवी चन्दन सिंह भाटी ,रिडमल सिंह दांता ,डिंगल भाषा के वरिष्ट कवी मेघुदान चारण ,राजस्थानी के साहित्यकार महादान सिंह भादरेश ,अन्तराष्ट्रीय लोक गायक फकीरा खान मांगनियार ,तगदान चारण दुदा बेरी ,इन्दर प्रकाश पुरोहित ,डॉ लक्ष्मी नारायण जोशी ,राजेंद्र सिंह भियांड ,नरेश देव सारण ,दिनेश दवे ,छोटू सिंह पंवार ,अनिल सुखानी ,रघुवीर सिंह तामलोर ,अनवर सिंह बन्धडा ,जीतेन्द्र छंगानी ,अनिल सुखानी ,दुर्जन सिंह गुडीसर ,पार्षद सुलतान सिंह देवड़ा ,अशोक दरजी ,दीपक माली ,बलबीर माली ,मान सिंह दुधोडा ,पहाड़ सिंह तिबनियार ,अशरफ अली तेली ,बाबु भाई शेख ,मुबारक खान ,रमेश सिंह इन्दा , दीप सिंह रणधा ,जीतेन्द्र फुलवरिया ,ओम सिंह दोहट ,चतुर सिंह दोहट , युसूफ खान ,कबूल खान ,सादिक खान ,सवाई चावड़ा ,दिग्विजय सिंह चुली ,ऑम प्रकाश त्रिवेदी ,सहित सेकड़ो की तादाद में मायड़ भाषा प्रेमी उपस्थित थे। रैली में ढोल थाली बजकर सरकार को सन्देश दिया की अब मान्यता में देरी बर्दास्त के बहार हें। देरी होती हें तो परिणाम भुगतने को तैयार रहे। कलेक्ट्रेट परिसर के आगे ढोल थाली बजा कर राजस्थानी भाषा को जन जन तक पहुँचाने की सार्थक पहल की जिसकी हर किसी ने सराहना की। राजस्थानी भाषा समिति के प्रतिनिधि मंडल ने जिला कलेक्टर भानु प्रकाश एटूरू से मुलाक़ात कर उन्हें इक्यावन सूत्री ज्ञापन ऐ चेयर पर्सन श्रीमती गांधी और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ज्ञापन सुपुर्द किया।
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