छासठ बम निष्क्रिय किये बाड़मेर में बरामद हुए
66 बमों को डिफ्यूज करने का काम पूरा
राहत की सांस ली प्रशसन और नागरिको ने
बाड़मेर -- करीब तीन महीने पहले बाड़मेर में बरामद हुए 66 बमों को डिफ्यूज करने का काम सेना के बम निरोधक दस्ते ने शुक्रवार शाम साढ़े चार बजे जालिपा स्थित आर्मी फायरिंग रेंज में सावधानी पूर्वक कर दिया . बड़ोदा से आई सेना के करीब 12 सदस्यों की टीम ने इस काम को अंजाम दिया । एहतियात के तौर पर आसपास के इलाके को खाली करा लिया गया था ।इस काम में करीब दो घंटे लग गए .बमों को निष्क्रिय करने के बाद अधिकारियो और नागरिको ने राहत की सांस ली पंद्रह पंद्रह बमों को एक साथ चार चक्रों में निष्क्रिय किया .बम डिफ्यूज के धमाको से आस पास का क्षेत्र दहल गया .पूर्व में सूचना देने के कारन अफरा तफरी नहीं फेली .छह चरणों में बमों को डिफ्यूज किया गया
तीन माह से बमों के ढेर पर बैठा था बाड़मेर का बॉर्डर होमगार्ड परिसर। पुणे से यहां पहुंचा सेना का बम निरोधक दस्ता भी इतने सारे बम देख सकते में था । परिसर में मिले 66 जिंदा बमों को डिफ्यूज करने का काम शुक्रवार को कर दिया । पूरी एहतियात के साथ इस काम को अंजाम दिया गया । आसपास के दो गांवों को खाली कर पुलिस ने लोगों को भी सावधानी बरतने के आदेश दिए हैं।
इन बमों को डिफ्यूज करने के लिए बाड़मेर के होमगार्ड परिसर से छह ट्रकों में लादकर 15 किलोमीटर दूर आर्मी की फायरिंग रेंज जालिपा में लाया गया था इसके लिए नेशनल हाइवे 15 को शुक्रवार तड़के 4 बजे से बंद कर दिया गया था क्योंकि जरा सी चूक किसी बड़े हादसे को अंजाम दे सकतीथी । यह बम इतने खतरनाक थे कि इनके फटने से करीब आठ किलोमीटर के इलाके में असर पड़ सकता था । बमों के मिलने के बाद से ही इलाके के लोग दहशत में थे ।
फिलहाल बाड़मेर जिला प्रशासन, पुलिस और सेना पूरी सतर्कता के साथ बमों को डिफ्यूज करने का काम पूर्ण कर हें । सेना के सामने सबसे बड़ी चुनौती थी कि बिना किसी लापरवाही के इस काम को सफलतापूर्वक अंजाम दिया जा सके।जिसमे वो सफल रहे .मौके पर पुलिस अधीक्षक राहुल बारहट ,उप अधीक्षक नाजिम अली ,अतिरिक्त जिला कलेक्टर अरुण पुरोहित ,उप खंड अधिकारी विनीता सिंह सहित कई प्रशासनिक और पुलिस के अधिकारी मौजूद थे ,
राहत की सांस ली प्रशसन और नागरिको ने
बाड़मेर -- करीब तीन महीने पहले बाड़मेर में बरामद हुए 66 बमों को डिफ्यूज करने का काम सेना के बम निरोधक दस्ते ने शुक्रवार शाम साढ़े चार बजे जालिपा स्थित आर्मी फायरिंग रेंज में सावधानी पूर्वक कर दिया . बड़ोदा से आई सेना के करीब 12 सदस्यों की टीम ने इस काम को अंजाम दिया । एहतियात के तौर पर आसपास के इलाके को खाली करा लिया गया था ।इस काम में करीब दो घंटे लग गए .बमों को निष्क्रिय करने के बाद अधिकारियो और नागरिको ने राहत की सांस ली पंद्रह पंद्रह बमों को एक साथ चार चक्रों में निष्क्रिय किया .बम डिफ्यूज के धमाको से आस पास का क्षेत्र दहल गया .पूर्व में सूचना देने के कारन अफरा तफरी नहीं फेली .छह चरणों में बमों को डिफ्यूज किया गया
तीन माह से बमों के ढेर पर बैठा था बाड़मेर का बॉर्डर होमगार्ड परिसर। पुणे से यहां पहुंचा सेना का बम निरोधक दस्ता भी इतने सारे बम देख सकते में था । परिसर में मिले 66 जिंदा बमों को डिफ्यूज करने का काम शुक्रवार को कर दिया । पूरी एहतियात के साथ इस काम को अंजाम दिया गया । आसपास के दो गांवों को खाली कर पुलिस ने लोगों को भी सावधानी बरतने के आदेश दिए हैं।
इन बमों को डिफ्यूज करने के लिए बाड़मेर के होमगार्ड परिसर से छह ट्रकों में लादकर 15 किलोमीटर दूर आर्मी की फायरिंग रेंज जालिपा में लाया गया था इसके लिए नेशनल हाइवे 15 को शुक्रवार तड़के 4 बजे से बंद कर दिया गया था क्योंकि जरा सी चूक किसी बड़े हादसे को अंजाम दे सकतीथी । यह बम इतने खतरनाक थे कि इनके फटने से करीब आठ किलोमीटर के इलाके में असर पड़ सकता था । बमों के मिलने के बाद से ही इलाके के लोग दहशत में थे ।
फिलहाल बाड़मेर जिला प्रशासन, पुलिस और सेना पूरी सतर्कता के साथ बमों को डिफ्यूज करने का काम पूर्ण कर हें । सेना के सामने सबसे बड़ी चुनौती थी कि बिना किसी लापरवाही के इस काम को सफलतापूर्वक अंजाम दिया जा सके।जिसमे वो सफल रहे .मौके पर पुलिस अधीक्षक राहुल बारहट ,उप अधीक्षक नाजिम अली ,अतिरिक्त जिला कलेक्टर अरुण पुरोहित ,उप खंड अधिकारी विनीता सिंह सहित कई प्रशासनिक और पुलिस के अधिकारी मौजूद थे ,
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