बुधवार, 28 दिसंबर 2016

बाड़मेर ह्दय परिवर्तन, विचार परिवर्तन से ही जीवन परिवर्तन संभव- आचार्यश्री



बाड़मेर ह्दय परिवर्तन, विचार परिवर्तन से ही जीवन परिवर्तन संभव- आचार्यश्री
मुनिश्री का उद्बोधन- प्रखर प्रवचनकार मुनि सम्यकरत्नसागर म.सा. ने उपस्थिति धर्म समुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि पानी को फ्रिज में रखा बर्फ बना, बर्फ को धूप में रखा को पुनः पानी बना व पानी को गर्म किया तो भाप बना एवं पानी को वापिस ठंडा किया तो पुनः पानी बन गया ये भौतिक परिवर्तन है उसी प्रकार दूध से दही, दही से नवनीत एवं नवनीत से घी बना लेकिन घी कभी वापस दूध नहीं बन सकता है वैसे ही हमारी आत्मा को उध्र्वगामी बनाना उसे वापस नीचे नहीं जाने देना है। देव गुरू धर्म के नजदीक रहने से विषय कषाय समाप्त होते है। वैचारिक परिवर्तन कभी भी आत्मा के उत्थान में सहायक नहीं बना सकता है। उन्होंने कहा कि गुणों का विकास बाद में करना उससे पहले गुणग्राही बनना आवश्यक है। मुनि श्री ने भगवान महावीर के शासन की चली आ रही सुधर्मास्वामी की पट्ट परम्परा का विस्तृत विवेचन करते हुए कहा कि जब संवत् 1080 में जिनेश्वरसूरि ने अणहिलपुर पाटन में दुर्लभराज की सभा में चैत्यवासियों को परास्त कर खरतर विरूद्ध प्राप्त किया था तब खरतरगच्छ की राजधानी पाटन थी लेकिन आज हम डंके की चोट के साथ कह सकते है कि खरतरगच्छ की वर्तमान में राजधानी बाड़मेर नगर है। मुनि संवेगरत्नसागर ने महोपाध्याय क्षमाकल्याण महाराज के जीवन पर विशेष रूप से प्रकाश डाला।

सभा को उद्बोधित करते हुए वक्ता बी0डी0 तातेड़ ने कहा कि आत्मा अजर अमर है, हम जहां आज जी रहे है वो हमारा अंतिम स्टेशन है। दूनिया में हर कोई अपने आपको हीरो समझता है लेकिन जिसकी फिल्म रिलीज होती है वास्तविक हीरो वही होता है। उन्होनें का कहा क्षमाकल्याण महाराज ने अपने जीवन त्याग-तप-संयम के द्वारा जगत में अलौकिक प्रकाश किया है जिस वजह से हम आज 73 वर्ष की छोटी उम्र वाले को 200 वर्ष बाद भी याद कर रहे है। तातेड़ कहा कि वर्तमान में अगर किसी में क्षमाकल्याण का प्रतिबिम्ब नजर आता है तो वो है मुनि सम्यकरत्न सागर म.सा. जिनका ज्ञानबल-तपोबल क्षमाकल्याण महाराज से कम नहीं है।

शांतिलाल छाजेड़ ने कहा कि खरतरगच्छ में एक से बढ़कर एक हीरे नीपजे है, जिन्होनें संघ, समाज, राष्ट्र के लिए एक नहीं अनेकों उपकार किए है उनमें से महोपाध्याय क्षमाकल्याण महाराज भी है। उन्होनें कहा कि क्षमाकल्याण महाराज के चित्र कों हम एका्रग चित से देखेगें तो हमें उस चित्र में वर्तमान आचार्य जिनपीयूषसागरसूरिश्वर म.सा. नजर आते है। चातुर्मास समिति अध्यक्ष रतनलाल संखलेचा ने क्षमाकल्याण महाराज के जीवन परिचय करवाते हुए उनसे प्ररेणा लेकर उनके मार्ग पर चलने की बात कही।

खरतरगच्छ संघ चातुर्मास समिति के अध्यक्ष रतनलाल संखलेचा ने बताया कि कार्यक्रम से पूर्व मुख्य अतिथि बाड़मेर विधायक मेवाराम जैन, वरिष्ठ अधिवक्ता जेठमल जैन, ओमप्रकाश, कैलाश मेहता ने महोपाध्याय क्षमाकल्याण महाराज के चित्र के समक्ष दीप प्रवज्लन कर एवं पुष्प अर्पित किए।

ये हुए आयोजन -खरतरगच्छ संघ चातुर्मास समिति के महामंत्री केवलचंद छाजेड़ ने बताया कि सामुहिक आयंबिल की आराधना में सैकेड़ों तपस्वियों ने आयंबिल तप किया एवं दोपहर को 2 बजे सामुहिक सामयिक का आयोजन किया गया जिसमें 500 आराधकों ने भाग लिया। रात्रि में स्थानीय कलाकारों द्वारा भजनों की प्रस्तुति दी गई।

ये होगें गुरूवार को आयोजनः- खरतरगच्छ संघ चातुर्मास समिति के मगराज संखलेचा ने बताया कि महोपाध्याय क्षमाकल्याण महाराज के द्विशताब्दी महाप्रयाण वर्ष निमित आयोजित त्रिदिवसीय कार्यक्रम के अन्तर्गत 29 दिसम्बर को प्रातः 9.15 बजे प्रवचन, दोपहर में दादा गुरूदेव की बड़ी पूजा एवं रात्रि में भजन संध्या का आयोजन किया गया है।

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