शुक्रवार, 13 मई 2016

झालावाड़ सफलता की कहानी प्रधान की समझाईश पर मिला बेवा तथा उसके पुत्र को न्याय

झालावाड़ सफलता की कहानी
प्रधान की समझाईश पर मिला बेवा तथा उसके पुत्र को न्याय


मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे की पहल पर चलाये जा रहे राजस्व लोक अदालत अभियान 2016 के अन्तर्गत 12 मई गुरुवार को पिड़ावा उपखण्ड की कनवाड़ी ग्राम पंचायत में एक बेवा तथा उसके पुत्र को पंचायत समिति प्रधान श्री कन्हैयालाल पाटीदार की समझाईश से न केवल उनका कानूनन हक मिला अपितु बेवा तथा उसके पुत्र को पेट भरने का जरिया भी मिल गया।
ज्ञातव्य है कि लगभग पांच साल पहले कनवाड़ी ग्राम पंचायत के गुणदी गांव के निवासी बाबूलाल की मृत्यु हो गई। उसने अपने पीछे अपनी पत्नी देवबाई तथा पुत्र लखन को छोड़ा। बाबूलाल का पिता अपने पुत्र की विधवा को अपनी पुश्तैनी जमीन में से हिस्सा देने को तैयार नहीं हुआ। इस कारण देवबाई तथा उसके पुत्र लखन के पास पेट भरने का जरिया भी नहीं बचा। देवबाई ने लगभग एक साल पहले उपखण्ड न्यायालय पिड़ावा में वाद प्रस्तुत करके पुश्तैनी आराजी में अपने हक की जमीन दिलवाने की मांग की। 12 मई 2016 को जब कनवाड़ी में राजस्व लोक अदालत का आयोजन किया गया तो उपखण्ड अधिकारी रामकिशन मीणा ने नोटिस भेजकर दोनों पक्षों को न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत होने के निर्देश दिये। देवबाई का ससुर अपनी पुश्तैनी जमीन में से अब भी अपनी विधवा बहु को हिस्सा देने को तैयार नहीं हुआ। इस पर अदालत में उपस्थित पंचायत समिति प्रधान पिड़ावा श्री कन्हैयालाल पाटीदार ने देवबाई के ससुर को समझाया कि पुश्तैनी आराजी में स्वर्गीय पुत्र की विधवा देवबाई तथा स्वर्गीय पुत्र के बेटे लखन का हक बनता है। उनके साथ अन्याय करना उचित नहीं है। काफी देर की समझाईश के बाद देवबाई का ससुर अपनी बहु तथा पोते को उनका हक देने को तैयार हुआ। इस पर पीठासीन अधिकारी रामकिशन मीणा ने पुश्तैनी आराजी में देवबाई बैरागी तथा उसके 10 वर्षीय पुत्र लखन बैरागी को उनके हिस्से की जमीन राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज करने का निर्णय पारित किया। अपने बेटे को उसका पुश्तैनी हक मिलने पर विधवा देवबाई की आंखों से खुशी के आंसू बह निकले। अदालत में उपस्थित ग्रामीणों ने भी इस प्रकरण के निपटारे पर न्यायालय एवं सरकार का धन्यवाद ज्ञापित किया।
- डॉ. मोहनलाल गुप्ता

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