बीकानेर गोली चलाने के आरोपित को दस साल की कैद
बीकानेर कोलायत क्षेत्र की खारिया मलीनाथ की रोही में करीब सात साल पहले नाकाबंदी के दौरान पुलिस पर गोली चला कर जानलेवा हमला करने व राजकार्य में बाधा डालने के मामले में आरोपित राजूसिंह को दोषी माना गया है।
इस आधार पर उसे आईपीसी की धारा 307 में दस साल के कारावास व दो हजार रुपए के अर्थदण्ड की सजा सुनाई गई है।
वहीं धारा 353 में दो साल की सजा व एक हजार का अर्थदण्ड, 332 में एक साल का कारावास और शस्त्र अधिनियम की धारा 3-25 व 27 में तीन-तीन साल के कारावास व एक-एक हजार के अर्थदण्ड की सजा सुनाई गई है।
विशिष्ट न्यायाधीश एनडीपीएस एक्ट मामलात हरीकुमार गोदारा ने प्रकरण पर निर्णय सुनाया। इसमें राजूसिंह को एनडीपीएस एक्ट में दोषमुक्त किया गया।
वहीं चार आरोपितों प्रदीप बिश्नोई, लालसिंह, राजाराम व ओमप्रकाश को समुचित साक्ष के अभाव में एनडीपीएस एक्ट व आईपीसी और शस्त्र अधिनियम की धाराओं में दोषमुक्त कर दिया गया।
अभियोजन पक्ष की ओर से लोक अभियोजक सत्यपालसिंह शेखावत ने पैरवी की। कोलायत एसएचओ बहादुरसिंह ने पांच जुलाई 2008 को यह मामला दर्ज कराया था।
रिपोर्ट में एसएचओ ने कहा कि सूचना मिली थी कि कुछ अपराधी खारियामली नाथ की रोही में हो सकते है। इस पर नाकाबंदी की गई।
तब एक वाहन में सवार लोग पुलिस पर जानलेवा हमला करने की नीयत से फायर कर भागने लगे। मौके पर भंवर सिंह व राजू सिंह को पकड़ा गया।
इनकी गाड़ी में दो बोरे डोडा -पोस्त मिला जबकि एक बारह बोर का पिस्टल राजूसिंह से मिला। अनुसंधान के दौरान एक आरोपित ांवरसिंह की मौत हो गई।
बीकानेर कोलायत क्षेत्र की खारिया मलीनाथ की रोही में करीब सात साल पहले नाकाबंदी के दौरान पुलिस पर गोली चला कर जानलेवा हमला करने व राजकार्य में बाधा डालने के मामले में आरोपित राजूसिंह को दोषी माना गया है।
इस आधार पर उसे आईपीसी की धारा 307 में दस साल के कारावास व दो हजार रुपए के अर्थदण्ड की सजा सुनाई गई है।
वहीं धारा 353 में दो साल की सजा व एक हजार का अर्थदण्ड, 332 में एक साल का कारावास और शस्त्र अधिनियम की धारा 3-25 व 27 में तीन-तीन साल के कारावास व एक-एक हजार के अर्थदण्ड की सजा सुनाई गई है।
विशिष्ट न्यायाधीश एनडीपीएस एक्ट मामलात हरीकुमार गोदारा ने प्रकरण पर निर्णय सुनाया। इसमें राजूसिंह को एनडीपीएस एक्ट में दोषमुक्त किया गया।
वहीं चार आरोपितों प्रदीप बिश्नोई, लालसिंह, राजाराम व ओमप्रकाश को समुचित साक्ष के अभाव में एनडीपीएस एक्ट व आईपीसी और शस्त्र अधिनियम की धाराओं में दोषमुक्त कर दिया गया।
अभियोजन पक्ष की ओर से लोक अभियोजक सत्यपालसिंह शेखावत ने पैरवी की। कोलायत एसएचओ बहादुरसिंह ने पांच जुलाई 2008 को यह मामला दर्ज कराया था।
रिपोर्ट में एसएचओ ने कहा कि सूचना मिली थी कि कुछ अपराधी खारियामली नाथ की रोही में हो सकते है। इस पर नाकाबंदी की गई।
तब एक वाहन में सवार लोग पुलिस पर जानलेवा हमला करने की नीयत से फायर कर भागने लगे। मौके पर भंवर सिंह व राजू सिंह को पकड़ा गया।
इनकी गाड़ी में दो बोरे डोडा -पोस्त मिला जबकि एक बारह बोर का पिस्टल राजूसिंह से मिला। अनुसंधान के दौरान एक आरोपित ांवरसिंह की मौत हो गई।
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