शनिवार, 16 मई 2015

जयपुर| स्पाशियल प्लानिंग एंड डवलपमेंट बिल पर अब तक आया महज एक सुझाव

जयपुर| स्पाशियल प्लानिंग एंड डवलपमेंट बिल पर अब तक आया महज एक सुझाव


— टाउन एंड कंट्री प्लानिंग बिल को नाम बदलकर लाया जा रहा है
— 20 दिन में आया महज एक सुझाव, वह भी बिल पर नहीं
— 23 मई को खत्म हो रही है सुझाव देने की अवधि
— एक सुझाव आया वह भी बिल पर नहीं समस्याओं पर आया
— यूडीएच ने सुझाव लेने के नाम पर की महज खानापूर्ति, वेबसाइट पर डालने के अलावा नहीं किया प्रचार प्रसार
— डवलपमेंट बिल में किया जा रहा है रीजनल डवलपमेंट प्लान बनाने बका प्रावधान
— बिल में जमीन अधिग्रहण की बजाय लैंड पूल बनाने का किया जा रहा है प्रावधान
— लैंड पूलिंग में खातेदारों की सहमति से जमीन ली जाएगी, बदले में 33 फीसदी विकसित जमीन देने का प्रावधान होगा



जयपुर| सरकार स्पाशियल प्लानिंग एंड डवलपमेंट बिल लेकर आ रही है, पहले इस बिल का नाम टाउन एंड कंट्री प्लानिंग बिल था, जिसे नए नाम से लाया जा रहा है। इस बिल में टाउनिंग प्लानिंग विभाग को ताकतवर बनाने का प्रावधान किया जा रहा है। 23 मई तक बिल पर आम जनता से सुझाव मांगे गए हैं, बिल का ड्राफ्ट जारी ​किए 20 दिन से ज्यादा का वक्त् गुजर गया, लेकिन जनता की तरफ से महज एक सुझाव आया है। भरतपुर से यह एकमात्र सुझाव आया है और वह भी स्थानीय समस्याओं पर है बिल पर नहीं।

just-a-suggestion-come-yet-on-spatial-planning-and-development-bill-54541

स्पाशियल प्लानिंग एंड डवलपमेंट बिल पर अब तक जिस तरह जनता की बेरुखी सामने आई है, उसके पीछे यूडीएच का रवैया भी कम जिम्मेदार नहीं है। विभाग ने बिल का ड्राफ्ट केवल यूडीएच की बेसाइट पर डालकर इतिश्री कर ली, बिल पर सुझाव मांगने पर इसके अलावा कोई प्रचार प्रसार तक नहीं किया। इसकी वजह से आम आदमी को तो पता ही नहीं लगा कि सरकार नए बिल पर सुझाव मांग रही है। विभाग के इस रवैये के चलते इतने अहम बिल पर जनता के सुझाव ही नहीं आ सकेंगे। इस बिल में जिस तरह के प्रावधान किए जा रहे हैं उसमें जनता की राय आना बहुत जरूरी था।


बिल में भूमि अधिग्रहण का तोड निकालते हुए लैंड पूलिंग से खातेदारों की जमीन लेने का प्रावधान किया जा रहा है। शहरी निकाय जहां भी कॉलोनी या कोई प्रोजेक्ट बनाएंगे तो उस पूरे इलाके की जमीन खातेदारों की सहमति से लेंगे, और इसका लैंड पूल बना लेंगे। बदले में खातेदारों को उसी इलाके में 33 फीसदी विकसित जमीन दे देंगे। बिल के ये प्रावधान ऐसे हैं जिन पर जनता की राय नहीं आई तो भविष्य में विवाद होना तय है।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें