सोमवार, 16 मार्च 2015

बाड़मेर बेहोश होकर गिर पड़ी, तब शुरू हुआ उपचार



बाड़मेर चिकित्सालय के आउटडोर में सुबह नौ बजे चौहटन से एक शिक्षक अपनी गर्भवती पत्नी के पेट दर्द का इलाज करवाने पहुंचा। एक घंटे तक इन्तजार के बाद महिला दर्द से छटपटाने लगी। शिक्षक ने इस दौरान कई बार चिकित्साकर्मियों से इलाज का अनुरोध किया। आखिरकार साढे दस बजे वह तेज दर्द के बाद बेहोश होकर स्टूल से नीचे गिर गई। कार्मिकों को जब इसका पता चला, तब उसे उठाकर महिला वार्ड में ले जाया गया। जहां चिकित्सकों ने उसका इलाज शुरू किया।



सार-सम्भाल नहीं

राजकीय चिकित्सालय में रात में गर्भवती महिलाओं के वार्ड में भर्ती होने के बाद घंटों तक नर्सिगकर्मी महिला मरीजों की सार-सम्भाल नहीं लेते। परिजन का आरोप है कि यदि कोई परिजन नर्सिगकर्मियों से इलाज के लिए अनुरोध करता है तो नर्सिगकर्मी उनके साथ उचित व्यवहार तक नहीं करते। यहां तक कि परिजन की ओर से मरीज की ड्रिप हटाने या अन्य समस्या बताने पर भी कोई ध्यान नहीं देते।




अव्यवस्थाओं का अम्बार

जननी केन्द्र मेंं दूसरे वार्ड की तुलना में दो नर्सिग प्रभारी के साथ करीब एक दर्जन नर्सिगकर्मी होने के बावजूद व्यवस्थाएं निम्न स्तर की है। लेबर रूम के पास महिलाओं को प्रसव होने से पहले व बाद में कम समय के लिए भर्ती करने के लिए दो छोटे वार्ड की सुविधा है। नर्सिगकर्मियों का ठहराव यहां पर नहीं होकर लेबर रूम में होता है। ऎसे में इन वार्डो में कोई भी बेरोकटोक आ-जा सकते हैं।




शौचालयों पर ताले

प्रसव कक्ष के पास बने वार्ड में दोनो शौचालयों पर ताला लगा होने से यहां पर गंभीर हालत में महिलाओं को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। महिला मरीज को दो अन्य महिलाओं के सहयोग से पीपीटीसीटी कक्ष के पास बने वार्ड में ले जाया जाता है। शौचालय बंद होने से यहां पर भर्ती मरीजों को परेशानियों को सामना करना पड़ रहा है।

-सेवादार




मुझे जानकारी नहीं

मैं यहां पर दवा वितरण व संधारण का कार्य देखता हूं। व्यवस्थाओं के बारे में मुझे कोई जानकारी नहींं है।

पुरूष्ाोत्तमदास सोनी, नर्सिग प्रभारी

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