शुक्रवार, 20 मार्च 2015

बाड़मेर। बैंकों से महिलाओं को प्राथमिकता के निर्देश

बाड़मेर। बैंकों से महिलाओं को प्राथमिकता के निर्देश


बाडमेर, 20 मार्च। बैंकों से केवल वाण्जियिक दृष्टिकोण अपनाकर व्यवसाय करने की बजाय सामाजिक क्षेत्र में भी अपने दायित्वों के पालन पर जोर देते हुए जिला कलक्टर मधुसूदन शर्मा ने उन्हें महिलाओं तथा समाज के विभिन्न वर्गो के कल्याण के लिए कार्य करने के निर्देश दिए है। वे शुक्रवार को कलक्टेªट सभागार में जिला स्तरीय बैंकिग समीक्षा समिति की बैठक को संबोधित कर रहे थे।इस मौके पर जिला कलेक्टर शर्मा ने कहा कि अधिकांश बैंकों की सरकार द्वारा प्रेरित योजनाओं में उपलब्धि असन्तोष जनक है तथा वे आवंटित लक्ष्यों को हासिल करने में पीछे रह गये है। उन्होने कहा कि विभिन्न बैकों को सरकार प्रेरित योजनाओं में ऋण या अनुदान वितरण के लक्ष्य वितीय वर्ष के प्रारम्भ मे ही आवंटित कर दिये जाते है तथा समय समय पर उन्हें विभिन्न योजनाओं के आवेदन प्रेषित किये जाते है लेकिन बैंके उन्हें निर्धारित समय पर ऋण वितरण में विलम्ब करती है। 

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उन्होने जिले की स्थानीय जमाओं के अनुरूप साठ प्रतिशत ऋण स्थानीय क्षेत्र में ही वितरित करने को बैंकों को प्राथमिकता देने को कहा।शर्मा ने भामाशाह योजना में बैंक खाता खोलने की धीमी प्रगति पर नाराजगी जताई। उन्होनेें बैंको को तत्परता लाने के निर्देश दिए। उन्होंने प्रधानमन्त्री रोजगार सृजन योजना के लक्ष्यों तथा अर्जित उपलब्धियों की प्रगति की समीक्षा करते हुए धीमी प्रगति वाले बैको को अगले माह तक उन्हें आंवटित लक्ष्य पूरा करने के निर्देश दिए। इस अवसर पर उन्होने बैंकों की ऋण वितरण नीति में खामी बताते हुए इसे स्वयं सहायता समूहों के प्रति संवेदनशीलता बरतते हुए उन्हें प्राथमिकता देने को कहा। उन्होने कहा कि इससे जिले की ग्रामीण अर्थ व्यवस्था के सुदृढीकरण में मदद मिलेगी जिससे बैंकों की सूक्ष्य ऋण की नीति भी कारगर होगी। इससे पूर्व अग्रणी बैंक अधिकारी एस.डी. उज्जवल ने बैठक का एजेन्डा प्रस्तुत किया। वहीं नाबार्ड के जिला विकास प्रबन्धक माणक चन्द रैगर ने जिले की संभावयता क्षेत्रों के बारे में बताया। बैठक में मुख्य कार्यकारी अधिकारी गोपालराम बिरड़ा समेत जिले की सभी बैंकों के प्रतिनिधि तथा संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

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