सोमवार, 8 दिसंबर 2014

फिर मांझे ने मासूम का चेहरा चीरा,लगाने पड़े 22 टांके

फिर मांझे ने मासूम का चेहरा चीरा,लगाने पड़े 22 टांके

जयपुर। राजधानी में रविवार को एक और मासूम का चेहरा चाइनीज मांझे ने चीर डाला। 22 टांके लगाकर चिकित्सकों ने उसकी जान बचाई।

मांझे का शिकार हुआ मासूस ढाई साल का है। पिता उसे मोटरसाइकिल पर बैठाकर जलमहल में मछलियों को दाना डालने जा रहा था। रास्ते में बच्चे का होठ, गाल और गले पर गहरा लंबा चीरा लग गया। लहूलुहान मासूम को परिजनों ने तुरंत एसएमएस अस्पताल पहुंचाया।

child injured from Chinese Manja in Jaipur

ढाई वर्षीय  रूहान दिल्ली रोड स्थित ईदगाह निवासी रफत हुसैन का बेटा है। एसएमएस अस्पताल के आरआरसी विभाग में कार्यरत रफत ने बताया कि बाइक से जाते समय रामगढ़ मोड़ के पास उनके हाथ पर जलन हुई।

देखा तो मांझा हाथ पर था। मांझा हटाने के बाद देखा तो बाइक पर खून फैला था। बच्चे का चेहरा देख उनकी आंखें फटी रह गई। वह घायल बेटे को लेकर तुरंत अस्पताल पहुंचा।

पत्रिका ने चेताया
राजस्थान पत्रिका 29 नवंबर से लगातार खबरें प्रकाशित कर चाइनीज मांझे पर प्रशासन को अलर्ट कर रहा है। इसके आधार पर जिला कलक्टर ने चाइनीज मांझे की बिक्री पर रोक लगाई है। लेकिन अब भी चोरी छिपे मांझा बेचा जा रहा है।

पत्रिका व्यू

आदेश नहीं, रोक लगाओ
जब भी कोई मामला चर्चा में आता है तो सरकारी अधिकारी कार्रवाई के आदेश देकर शांत बैठ जाते हैं। चाइनीज मांझे पर रोक के मामले में भी ऎसा ही हो रहा है। जिला कलक्टर ने आदेश तो दे दिए, लेकिन मांझा तो फिर भी बेचा जा रहा है।

जिम्मेदार थानेदारों की नाक के नीचे यह सब चल रहा है। उसी का नतीजा है कि हर रोज कहीं न कहीं यह मांझा किसी की जान का दुश्मन बन रहा है। प्रशासन को कागजी आदेश देकर खानापूर्ति की बजाय चाइनीज मांझे पर रोक का पुख्ता इंतजाम करना चाहिए।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें