बुधवार, 19 नवंबर 2014

अपनों से बिछड़ गए अपने, किसी का पति तो किसी का बच्चा लापता

हिसार. संत रामपाल के आश्रम से आए अनुयायी बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन पर कह रहे थे कि उन्हें ये नहीं पता था कि हम अपनों से बिछुड़ जाएंगे। कोई मां अपने बच्चे के लिए तो कोई बेटा अपने मां-बाप के बिछुड़ने के गम में बिलख-बिलख कर रो रहा था। उत्तर प्रदेश से आया अनुज बस स्टैंड पर माता-पिता के लापता होने के गम में आंसू बहा रहा था। सभी कह रहे थे अब नहीं आएंगे आश्रम में।

PIX: अपनों से बिछड़ गए अपने, किसी का पति तो किसी का बच्चा लापता

PIX: अपनों से बिछड़ गए अपने, किसी का पति तो किसी का बच्चा लापता

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सतलोक आश्रम में तमाम राज्यों से श्रद्धालुओं को सत्संग में बुलाया गया। गुरु के प्रति आस्था के कारण वह आश्रम में तो आ गए लेकिन, उनको ये नहीं मालूम था कि वह अपनों से ही बिछुड़ जाएंगे। मंगलवार को हिसार रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड पर तमाम बाबा के भक्तों ने भास्कर संवाददाता को आपबीती बताई। बाबा का कोई भक्त फफक-फफक कर रो रहा था तो किसी के अपने खो जाने के गम में चेहरे मुर्झाए हुए थे। एक महिला रो-रोकर बोल रही थी कि मेरा पति गायब हो गया, तो दूसरी महिला बोल रही थी कि मेरे दोनों बच्चे गायब हैं। अब मैं कैसे घर जाऊंगी। अब बाबा रामपाल के भक्तों को केवल पछतावा है।

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गुड़गांव के गुढ़ी से आई अनीता के पति रामदास, बच्चे भारती और अजय के न मिलने से उसके होश उड़े हुए हैं। उन्हीं के साथ आई मीराबाई का भी यही हाल है। जयपुर के आरोली से पहुंची पांची के देवर का बेटा मनीश, जोगिंद्र व बेटी खेमराज गायब हैं। रेवाड़ी से आई सविता पत्नी रामकिशन के बच्चे नीति, अर्चना और दीपक के गायब होने से वह घर नहीं जाना चाहती है। सभी पुलिस से मिन्नतें मांग रहे हैं कि पहले बच्चे मिल जाएं तो सब साथ में घर चले जाएंगे और कभी यहां नहीं आएंगे। अमलेटा जयपुर से पहुंची जमुना का बेटा कैलाश और पोते बालकृष्ण व राजू का भी पता नहीं। इसी गांव से पहुंची अंगूरी अपने बेटे सोनू बिना घर वापस जाने को तैयार नहीं।
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पति और बच्चे आश्रम में ही रह गए
पुलिस ने हम पर कार्रवाई की, हम तो ईश्वर के भरोसे भगवान का नाम जपते रहे। सदरतना बाबलपुर से पति रामबहादुर के साथ अपने बच्चों कपिल और अंजलि के साथ अाए थे। साड़ी के पल्लू से आंसू पोंछते हुए कहती हैं कि पति और बच्चे आश्रम में हैं। न जाने कैसे हाल में हैं, इसलिए घर परिवार के बिना न जाने का फैसला कर लिया है।
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भाई ने मना किया था पर मानी नहीं
मेरे भाई ने बार-बार मना किया कि कहीं मत जा, अब मुझे डांटेगा कि मेरी बात नहीं मानी और चली गई। सिविल अस्पताल में अपने पति कालीचरन की खोज में घायल बेटी प्रियंका के साथ मध्य प्रदेश के मुरैना जिले के कीचौल से पहुंची राजबेटी ने सहमे शब्दों में यह बात कही। उसने बताया कि मेरे साथ कई पड़ोसी भी आए थे। पति सहित पड़ोसियों का भी पता नहीं चल रहा। हां, आश्रम में पहली दफा आने पर मुसीबत में फंसने पर खुद को कोस रहीं हैं।

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