शुक्रवार, 12 सितंबर 2014

आबूरोड की नवली आस्ट्रेलिया में बांटेगी अनुभव



आबूरोड (सिरोही)। बारहवीं तक पढ़ी वार्डपंच सुश्री नवली कुमारी गरासिया खुशी से झूमती नजर आई। झूमे भी क्यों नहीं, ब्रिटिश सरकार की ओर से विश्व के विभिन्न देशों में संचालित "हंगर प्रोजेक्ट" के तहत आस्ट्रेलिया के दौरे के लिए देश से एकमात्र उसका चयन जो हुआ है।

Nvli of Aburod Bantegi experience in Australia

आस्ट्रेलिया दौरे पर जाने के लिए वह गुरूवार रात राजधानी एक्सप्रेस से दिल्ली के लिए रवाना हुई। रवाना होने से पूर्व जनचेतना संस्थान कार्यालय में उसने बताया कि वह आस्ट्रेलिया जाने, वहां ब्रिटिश उच्चायुक्त से भेंट कर अपने अनुभव बांटने तथा शिक्षा के क्षेत्र में कुछ नया सीखकर उसे आदिवासी ब्लॉक में लागू करने के लिए उत्साहित है।

आत्मविश्वास से लबरेज नवली ने बताया कि जैसे वह यहां अधिकाधिक बच्चों को स्कूल से जोड़ने के लिए जी जान से लगी हुई है, वहां से आने के बाद शिक्षा के क्षेत्र में कुछ न कुछ नयापन जरूर लाएगी। नवलीकुमारी विदेश दौरे पर जाने वाली ब्लॉक की तीसरी महिला होगी। इससे पूर्व निचलागढ़ सरपंच श्रीमती शरमीबाई गरासिया व सियावा में कला केन्द्र चलाने वाली श्रीमती टीपूबाई गरासिया विदेश दौरा कर चुकी है। - यह है कार्यक्रम
राजधानी एक्सप्रेस से शुक्रवार को दिल्ली पहुंचेगी। शनिवार को आस्ट्रेलिया के लिए उड़ान भरेगी। 28 सितम्बर तक आस्ट्रेलिया में रूकेगी। फिर दिल्ली होते हुए वापस आबूरोड लौट आएगी।

जोड़ने में अहम भूमिका

सीनियर सैकण्डरी पास करने के बाद सुश्री नवली वार्ड पंच चुनी गई। कुछ समय बाद जब पता चला कि उसके पैतृक गांव धांगिया फली (रेडवाकलां) का स्कूल अन्य स्कूल में विलीन करने से आसपास की फलियों के करीब पांच दर्जन बच्चे शिक्षा से वंचित रहने का खतरा पैदा हो गया है।

अन्य स्कूल तीन किलोमीटर दूर होने व रास्ते में बरसाती नाला पड़ने से बच्चों के लिए स्कूल जाना मुमकीन नहीं है तो बतौर जनप्रतिनिधि उसने स्कूल खुलवाने का मुद्दा उठाया। वह इसकी लड़ाई लड़ती रही। अंतत: वर्ष 2013 में स्कूल खुलवाकर ही दम लिया। बच्चे स्कूल से जुड़ते ही उसकी खुशी का पार नहीं रहा।

प्रोजेक्ट के लिए प्रतिबद्ध

एनजीओ जनचेतना संस्थान के प्रोजेक्ट को-ऑर्डिनेटर अशोक यादव व को-ऑर्डिनेटर श्रीमती मंजू कहार ने बताया कि "द हंगर प्रोजेक्ट" देश में पंचायत स्तर पर चुनी हुई महिला जनप्रतिनिधियों के सशक्तीकरण के लिए चलाया जा रहा है।



देश के भविष्य के निर्माण में महिला जनप्रतिनिधि भूखमरी, गरीबी, शोषण, असमानता व हिंसा को समाप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है। प्रदेश में महिला पंच सरपंचों के क्षमतावर्द्धन का कार्य स्वयंसेवी संस्थाओं के साथ मिलकर किया जा रहा है। -

 

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