बुधवार, 24 सितंबर 2014

मिलिए पाकिस्तान की इस चैंपियन से जिसे खेलने के लिए बनना पड़ा लड़का -

इंचियोन। चुनौतियों के सामने आने के बाद ही मनुष्य के चरित्र और उसकी लगन की पहचान होती है। जो इन से पार पा लेता है वो विजेता और नायक बनकर उभरता है। पाकिस्तान की स्क्वैश खिलाड़ी मारिया तुरपाकई वजीर की दास्तां भी कुछ ऎसी ही है। पाकिस्तान अफगानिस्तान बोर्डर पर दक्षिणी वजीरिस्तान की रहने वाली मारिया को खेल को जारी रखने के लिए लड़के का भेष बदलना पड़ा और उनके साथ ही खेलना पड़ा। यह इलाका तालिबान प्रभावित है और लड़कियों के खेलने पर सख्त पाबंदी है। 
Pakistan`s number one Woman squash player Maria who start carrer as boy
पाकिस्तान की नंबर वन स्क्वॉश प्लेयर हैं
मारिया के पिता शम उल वजीर एक कबीलाई नेता और कॉलेज लेक्चरर है। उन्होंने भी अपनी बेटी की पहचान छुपाए रखने में मदद की। एक दशक पहले मारिया ने चंगेज खान के नाम से वेट लिफ्टिंग टूर्नामेंट में हिस्सा लिया और जीत भी लिया। आज मारिया पाकिस्तान की नंबर वन और वर्ल्ड की 64वें नंबर की स्क्वॉश खिलाड़ी हैं। 2007 में मारिया को सलाम पाकिस्तान अवार्ड से भी नवाजा जा चुका है। 

बर्थ सर्टिफिकेट मांगने पर खुला भेद
संघर्ष के दिनों को याद करते हुए मारिया कहती हैं कि मैं लड़कों के साथ खेलना चाहती थी क्योंकि उनके साथ खेलने से मुझे और आजादी मिलती। उनके पिता ने भी उनकी मदद की। उन्होंने मारिया के बाल छोटे कर दिए और लड़कों के टूर्नामेंट में प्रवेश दिलाया। जूनियर वेटलिफ्टिंग टूर्नामेंट जीतने के बाद मारिया ने जूनियर स्क्वॉश में खेलने का निर्णय लिया। लेकिन टूर्नामेंट में प्रवेश के नियमों ने मारिया की पहचान उजागर कर दी। रजिस्ट्रेशन डेस्क पर उनसे बर्थ सर्टिफिकेट मांगा गया और मामला खुल गया। 15 साल की उम्र में मारिया स्क्वॉश की नेशनल चैंपियन बन गई और इसी के साथ समस्याएं शुरू हो गई। 

तालिबान से मिली धमकी तो छोड़ना पड़ा देश
तालिबान को पता चल गया कि उनके क्षेत्र की लड़की पहचान बदलकर स्क्वॉश खेलती है। उन्होंने मारिया और उसके परिवार को धमकी दी। उन्होंने कहाकि, यदि मैंने खेलना नहीं छोड़ा तो इसका हमें बुरा अंजाम भुगतना होगा। मैं बुरी तरह से डर गई। इसके बाद मारिया ने सार्वजनिक रूप से नहीं खेलने का निर्णय लिया और अपनी सुरक्षा के लिए बंदूक मांगी। उनके परिवार ने दक्षिणी वजीरिस्तान छोड़ दिया और पेशावर जाकर बस गए। लेकिन तालिबान ने उनका पीछा नहीं छोड़ा। इसके बाद मारिया ने दुनियाभर की कई अकादमियों को पत्र लिखे और खेलने की इच्छा जताई। पूर्व नंबर वन जोनाथन पावर ने उन्हें बुला लिया और मारिया टोरंटो शिफ्ट हो गई। 

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