रविवार, 3 अगस्त 2014

नेपाल में नरेंद्र मोदी को दी गई 21 तोपों की सलामी, प्रधानमंत्री कोईराला ने की अगवानी



भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काठमांडू पहुंचने पर उन्हें 21 तोपों की सलामी दी गई। भारतीय प्रधानमंत्री की अगवानी खुद नेपाल के प्रधानमंत्री सुशील कोइराला ने की। दोनों मुल्कों के बीच व्यापार, निवेश, पनबिजली, कृषि, एग्रो संसाधन, पर्यावरण, पर्यटन, शिक्षा, संस्कृति और खेल सहित महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है।
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क्षेत्रीय भागीदारी को बढ़ावा देने के उद्देश्य से नेपाल के साथ रिश्तों को नया आयाम देने और द्विपक्षीय संबंधों के एक नये अध्याय की शुरुआत करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को हिमालयी देश के दौरे पर रवाना हुए।

दो दिवसीय नेपाल यात्रा के दौरान मोदी अपने समकक्ष सुशील कोइराला के साथ बातचीत करेंगे और अन्य राजनीतिक नेताओं से मिलेंगे। उन्हें नेपाल की संविधान सभा को संबोधित करने का दुर्लभ सम्मान भी मिलेगा।

अपनी यात्रा से पहले मोदी ने कहा कि व्यापार, निवेश, पनबिजली, कृषि, एग्रो संसाधन, पर्यावरण, पर्यटन, शिक्षा, संस्कृति और खेल सहित महत्वपूर्ण क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने के लिए उपाय चिन्हित कर वह संबंधों को नया आयाम देने के उद्देश्य से नेपाली नेतृत्व के साथ काम करने के लिए उत्सुक हैं।

रवानगी से पहले, शनिवार को जारी किए गए एक बयान में मोदी ने कहा अपने दौरे को लेकर मैं उत्साहित हूं और इस बात पर खुश हूं कि प्रधानमंत्री बनने के कुछ ही सप्ताह बाद वहां जा रहा हूं।

उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि मेरी यात्रा भारत-नेपाल संबंधों का नया अध्याय शुरू करेगी जिसमें राजनीतिक बातचीत के साथ साथ करीबी भागीदारी होगी, जो समृद्धि की खातिर दक्षिण एशियाई भागीदारी के लिए महत्वपूर्ण होगी।

मोदी की नेपाल यात्रा एक युवक को उसके परिवार से भी मिलाएगी। अहमदाबाद में करीब एक दशक पहले 26 वर्षीय जीत बहादुर मोदी से मिला और तब से उसकी देखभाल मोदी करते रहे। इस बार वह भी प्रधानमंत्री के साथ काठमांडो जा रहा है जहां मोदी उसे उसकी मां और बड़े भाई के सुपुर्द करेंगे।

प्रधानमंत्री ने कहा निजी तौर पर मेरी नेपाल यात्रा बहुत विशेष है। इस यात्रा से कुछ निजी भावनाएं जुड़ी हैं। मोदी ने अपने टवीट्स की श्रृंखला में कहा है कि बरसों पहले, मैं जीत बहादुर नामक बच्चे से मिला, जो असहाय अवस्था में था। वह कुछ नहीं जानता था, कहां जाना है, क्या करना है। वह न किसी को पहचानता था और न ही भाषा समझता था।

उन्होंने लिखा है भगवान के मार्गदर्शन से मैंने उसके बारे में सोचना शुरू किया। धीरे धीरे उसने पढ़ने और खेलने में रुचि दिखाई। उसने गुजराती भाषा भी सीखी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि कुछ समय पहले, उन्होंने बहादुर के अभिभावकों को खोज निकाला। यह इसलिए संभव हुआ, क्योंकि उसके (बहादुर के) पैर में छह उंगलियां हैं।

उन्होंने टवीट में लिखा है कि मुझे इस बात की खुशी है कि अब उसके अभिभावकों को उनका बेटा मिल जाएगा। समझा जाता है कि मोदी की यात्रा के दौरान दोनों देश बिजली जैसे क्षेत्र में समझौतों पर हस्ताक्षर करेंगे। भारत नेपाल के लिए आर्थिक मदद का भी ऐलान कर सकता है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि उनका दौरा इस प्राथमिकता को रेखांकित करता है कि उनकी सरकार नेपाल के साथ संबंधों को महत्व देती है और भारत का इरादा इन रिश्तों को नयी ऊंचाई तक ले जाने का है।

मोदी ने कहा कि उन्हें द्विपक्षीय संबंधों के व्यापक परिदृश्य पर नेपाली नेतृत्व के साथ विस्तत चर्चा करने का अवसर मिलेगा।

नेपाल को अपना करीब मित्र और पड़ोसी बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें नेपाल के सामाजिक आर्थिक विकास में प्रमुख भागीदार होने का सौभाग्य मिला है। हम विकास के प्रयासों में नेपाल को अपना सहयोग जारी रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

उन्होंने कहा कि वह तेजी से बदलाव के दौर से गुजर रहे दो देशों के बीच नयी सदी में नये रिश्ते बनाने के लिए नेपाल के नेतृत्व के साथ काम करने की खातिर उत्सुक हैं।

कुल 23 साल के लंबे अंतराल के बाद भारत नेपाल संयुक्त आयोग की हाल ही में संपन्न बैठक का संदर्भ देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इसमें द्विपक्षीय संबंधों तथा सहयोग के व्यापक पहलू की आर्थिक संबंधों, व्यापार और संपर्क के मददेनजर समीक्षा की गई।

मोदी ने कहा सीमाई अवसंरचना के विकास के लिए हमारी जारी बड़ी परियोजनाएं सीमा के दोनों ओर रह रहे लोगों की आर्थिक समृद्धि के लिए अहम होंगी और इनसे संपर्क भी बढ़ेगा।

प्रधानमंत्री की इस यात्रा के दौरान दोनों पक्ष विकास आधारित सहयोग को मजबूत करने के उपायों पर चर्चा करें। मोदी ने 26 मई को प्रधानमंत्री पद की शपथ ग्रहण की थी और समारोह में कोइराला शामिल हुए थे। मोदी ने यह जिक्र करते हुए कहा कि इससे नेपाल के लोगों की भारत के साथ एकजुटता जाहिर होती है और लोकतंत्र के लिए साझा प्रतिबद्धता का पता चलता है।

समझा जाता है कि प्रधानमंत्री ने नेपाल की संसद को संबोधित करने का दुर्लभ अवसर स्वयं को दिए जाने के लिए वहां की जनता तथा निर्वाचित प्रतिनिधियों का आभार भी व्यक्त किया।

मोदी ने कहा कि मेरी इस यात्रा का एक और महत्व यह है कि मुझे सावन के सोमवार के मौके पर पशुपतिनाथ मंदिर में पूजा अर्चना करने का मौका मिलेगा।

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