मंगलवार, 1 अप्रैल 2014

काशी में मोदी को टक्कर देने के लिए मैदान में उतरा किन्नर

बनारस। भाजपा के पीएम पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल को चुनौती देने के लिए वाराणसी से एक किन्नर चुनाव मैदान में उतरा है। 60 साल की कमला ने वाराणसी से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने की घोषणा की है। कमला ने कहा,अरविंद केजरीवाल दिल्ली की सत्ता छोड़कर भाग गए और 2002 के दंगे अभी भी मोदी का पीछा नहीं छोड़ रहे, लेकिन मुझ पर कोई दाग नहीं है। काशी में मोदी को टक्कर देने के लिए मैदान में उतरा किन्नर
बनारस भगवान शिव का शहर है। जिन्हें अर्धनारीश्वर कहा जाता है। शास्त्रों और पुराणों के मुताबिक किन्नर समुदाय को अर्धनारीश्वर कहा जाता है,इसलिए लोग मेरा समर्थन करें और वोट दें। मैं किन्नर हूं,इसलिए मेरा कोई परिवार नहीं है। पिछले 60 सालों में या तो पुरूषों या महिलाओं ने शासन किया। उन्होंने घोटाले पर घोटाले किए। अगर लोग मेरा समर्थन करते हैं तो थर्ड जेंडर भी चुनावी लड़ाई में शामिल हो जाएगा। लोगों को वंशवाद की राजनीति से मुक्ती मिलेगी। यह देश की बेहतरी के लिए नया उदाहरण पेश करेगा।

पूर्वाचल के सभी किन्नरों की प्रमुख कमला ने कहा,हमारे समुदाय के लोग खुशी के मौकों पर लोगों को आशीष देते हैं। अब वक्त है कि लोग हमें वोटों के जरिए आशीष दें। कमला के इलेक्शन ऑर्गेनाइजर विक्रम भारद्वाज ने कहा,10 अप्रेल को कमला के समर्थन में देश भर के दस हजार किन्नर वाराणसी में एकत्रित होंगे। अगर चुनाव आयोग ने अनुमति दी तो हम पदयात्रा निकालेंगे और लोगों से झोली में वोट डालने की अपील करेंगे।

भारद्वाज ने आरोप लगाया कि कई प्रभावी राजनीतिक दलों ने कमला को खरीदने की कोशिश की। उसे नाम वापस लेने के लिए लाखों रूपए का ऑफर दिया गया लेकिन कुछ हासिल नहीं ुहआ। भारद्वाज ने बताया कि गोरखपुर में किन्नरों की कांफ्रेंस हुई थी। इसमें यूपी,बिहार,मध्य प्रदेश,दिल्ली और झारखण्ड के किन्नर आए थे। सम्मेलन में कमला को बनारस से चुनाव लड़वाने का फैसला हुआ।

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