शनिवार, 30 जून 2012

दुनियां में परम मंगल धर्म है:महाश्रमण

दुनियां में परम मंगल धर्म है:महाश्रमण

बालोतरा। जसोल कस्बे का कण कण धर्म की भावना से भर गया। स्वागत में उमड़े सैकड़ों लोगों ने पलक पांवड़े बिछा दिए। जहां से आचार्य महाश्रमण गुजरे वहां वहां लोगों का हुजूम दर्शन पूजन को तैयार था। छत्तीस कौम के लोगों ने जसोल में उनके चातुर्मास के लिए प्रवेश पर अभिनंदन करते हुए आगामी पांच माह तक धर्म की गंगा बहाने का शुक्रिया अदा किया। तेरापंथ धर्मसंघ के ग्यारहवें अधिशास्ता आचार्य महाश्रमण ने भी जसोल नगरी में चातुर्मास को ऎतिहासिक बताया।

आचार्य महाश्रमण ने शुक्रवार को जसोल में प्रथम दिन श्रद्धालुओ को संबोधित करते हुए कहा कि दुनिया में प्रत्येक व्यक्ति द्वारा मंगल की कामना की जाती है। प्रत्येक व्यक्ति यह सोचता कि उसका काम निर्विघ्न व सफलता के साथ पूरा हो। इसके लिए वह मंत्रोच्चार के साथ मांगलिक द्रव्यों का आसेवन करता है। मुहुर्त, शकुन देखता है मगर इस दुनिया में परम मंगल धर्म है।

धर्म से बड़ा मंगल इस दुनिया में कोई नहीं है।अहिंसा, संयम व तप धर्म है। तेरापंथ के प्रारंभ से आज तक जसोल में अब तक एक भी आचार्य का चातुर्मास नहीं हुआ है। ढाई सौ वर्षो के बाद पहली बार चातुर्मास हुआ है। उन्होंने साध्वी प्रमुखा कनकप्रभा व मंत्री मुनि सुमेरमल का वंदन किया। उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है कि मुनि विश्रुत व मुनि कीर्तिकुमार के सांसारिक गांव जसोल में चातुर्मास करने का अवसर प्राप्त हुआ है।

इसके अलावा जसोल के अनेक दीक्षित संतवृंद साथ है। जसोल के मुनि पृथ्वीराज, मुनि कीर्तिकुमार, मुनि दिनेश, मुनि विश्रुत कुमार, मुनि यशवंत कुमार सभी विद्वान संत है। ये सभी पूर्ण मनोभाव धर्मसंघ की सेवा कर रहे हंै। साध्वी अमितरेखा, साध्वी स्मिथप्रभा, साध्वी गौरवप्रभा, साध्वी उदित यशा, साध्वी मलयश्री, साध्वी चरित्रप्रभा, साध्वी प्रसन्नप्रभा, साध्वी संगीतप्रभा, साध्वी संभवश्री, साध्वी अखिलयशा, साध्वी तरूणप्रभा, साध्वी मृदुप्रभा, साध्वी ऋतुयशा भी सेवाएं दे रही है।

उन्होंने मुनि पूनमचंद प्रथम, मुनि सिरेमल, मुनि जीवनमल, मुनि गणेशमल, मुनि हस्तीमल, साध्वी धनाजी को याद किया। उन्होंने कहा कि टापरा मर्यादा महोत्सव के बाद वे कच्छ की ओर विहार करेंगे। कच्छ की यात्रा में भुज व गांधीधाम को स्पर्श करने का भाव है। 23 से 25 जून 2013 को जोधपुर में प्रवास करेंगे।

साध्वी प्रमुखा कनकप्रभा, मंत्री मुनि सुमेरमल व मुख्य नियोजिका साध्वी विश्रुतविभा ने भी विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर जसोल मेला मंडल ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया। जिला प्रमुख श्रीमती मदनकौर, विधायक मदन प्रजापत, नगरपालिका अध्यक्ष महेश बी. चौहान , चातुर्मास आयोजन व्यवस्था समिति के संयोजक गौतम सालेचा, अध्यक्ष जसराज बूरड़, महामंत्री शांतिलाल भंसाली, सभाध्यक्ष बाबूलाल लूंकड़ ने भी विचार व्यक्त किए। स्वागत अध्यक्ष गणपतलाल कोठारी ने स्वागत भाषण दिया। कार्यक्रम में आचार्य ने अखिल भारतीय अणुव्रत न्यास नई दिल्ली के प्रबंध न्यासी धनराज बोथरा, विजयवर्द्धन डागा, सुनील जैन द्वारा लिखित सफल अणुव्रत संकल्पों का लोकार्पण किया। विभिन्न सामाजिक संस्थाओं ने आचार्य को अभिनंदन पत्र भेंट किया। संचालन मुनि हिमांश कुमार ने किया। इस अवसर पर महासभा अध्यक्ष हीरालाल मालू, अखिल भारतीय तेरापंथ युवक अध्यक्ष संजय खाटेड़, महिला मंडल अध्यक्ष सूरज बटडिया, सह मंत्री हनुमान लूंकड़, लघु उद्योग मंडल जसोल अध्यक्ष डूंगरचंद सालेचा, धनराज ओस्तवाल मौजूद थे।

स्वागत में उमड़ा जन सैलाब
चातुर्मास आयोजन को लेकर तेरापंथ धर्मसंघ के ग्यारहवें आचार्य महाश्रमण के शुक्रवार को ध्वल सेना के साथ जसोल में प्रवेश करने पर उनके स्वागत के लिए जन समुदाय उमड़ पड़ा। भैरव सर्किल से गांव जसोल तक की दो किमी की दूरी में दोनों ओर दर्शन के लिए लालायित खड़े हजारों श्रद्धालुओं से यहां लघु कुंभ सा नजारा नजर आया। मार्ग में स्वागत में जगह जगह तोरणद्वार लगाए गए थे। आचार्य महाश्रमण सहित संतवृंदों ने माता राणी भटियाणी मंदिर पहुंचकर देश में खुशहाली की कामना की। यहां से महाश्रमण संतवृंदों व श्रद्धालुओं के साथ मुख्य मार्गो से होते हुए चातुर्मास आयोजन स्थल पर पहुंचे। श्रद्धालुओं ने जयकारों से उनका स्वागत किया। जिला प्रमुख श्रीमती मदन कौर, विधायक मदन प्रजापत, जोधपुर शहर विधायक कैलाश भंसाली, नगरपालिका अध्यक्ष महेश बी चौहान, गंगासिंह जसोल, उपप्रधान श्रीमती राजश्री कंवर इत्यादि बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे।

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