रविवार, 1 अप्रैल 2012

39 चैनलों पर 25 घंटे चलता है निर्मल बाबा का 'दरबार'

नई दिल्ली. लाखों भक्‍त होने और उनकी समस्‍याओं को चुटकियों में हल सुझाने का दावा करने वाले निर्मल बाबा को लेकर लोगों का कौतूहल लगातार बढ़ रहा है। सोशल साइट्स पर बाबा को लेकर खूब टिप्‍पणियां चल रही हैं। इनमें से कई उन पर सवाल खड़े कर रहे हैं तो कई उनका वंदन भी कर रहे हैं।
 
निर्मल बाबा को लेकर लोगों का सस्‍पेंस इसलिए भी बढ़ रहा है क्‍योंकि उनके बारे में कोई भी जानकारी सार्वजनिक तौर पर उपलब्ध नहीं है। इंटरनेट या मीडिया में भी उनके बारे में ज्‍यादा कुछ नहीं छपा है, लेकिन उनकी चर्चा जबरदस्‍त है। गूगल पर अंग्रेजी में निर्मल बाबा टाइप करने पर आधे मिनट में करीब 29 लाख सर्च रिजल्ट्स सामने आते हैं। पर गूगल न्‍यूज में यही टाइप करने पर मात्र आठ सर्च रिजल्‍ट्स ही दिखाई देते हैं। और, इन आठ में से एक में भी निर्मल बाबा के बारे में कोई खबर नहीं होती।

निर्मल बाबा ने लोगों तक पहुंचने के लिए सोशल साइट्स का भरपूर सहारा लिया है। फेसबुक पर निर्मल बाबा के प्रशंसकों का पेज है, जिसे करीब 318100 लोग पसंद करते हैं। इस पेज पर निर्मल बाबा के टीवी कार्यक्रमों का समय और उनकी तारीफ से जुड़ी टिप्पणियां हैं। ट्विटर पर 1 अप्रैल सुबह दस बजे तक उन्हें 39244 लोग फॉलो कर रहे हैं। लेकिन इन सोशल साइट्स पर निर्मल बाबा के बारे में कोई जानकारी नहीं है। केवल व्‍यावसायिक जानकारियां ही साझा की गई हैं।

निर्मल बाबा के जीवन या उनकी पृष्ठभूमि के बारे में उनकी आधिकारिक वेबसाइट निर्मलबाबा. कॉम पर कोई जानकारी नहीं दी गई है। इस वेबसाइट पर उनके कार्यक्रमों, उनके समागम में हिस्सा लेने के तरीकों के बारे में बताया गया है और उनसे जुड़ी प्रचार प्रसार की सामग्री उपलब्ध है। लेकिन एक अन्य वेबसाइट निर्मलबाबा.नेट.इन उनके बारे में कई दावे करती है। हालांकि, निर्मलबाबा.कॉम में बताया गया है कि निर्मलबाबा.नेट.इन एक फर्जी वेबसाइट है।

निर्मलबाबा.नेट.इन वेबसाइट के मुताबिक निर्मल बाबा आध्यात्मिक गुरु हैं और भारत में वे किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। इस वेबसाइट पर उन्हें दैवीय मनुष्य बताया गया है। उनकी शान में कसीदे गढ़ते हुए बताया गया है कि किसी भी इंसान का सबसे बड़ा गुण 'देना' होता है और निर्मल बाबा लंबे समय से लोगों को खुशियां दे रहे हैं। निर्मलबाबा.नेट.इन के मुताबिक निर्मल बाबा के पास छठी इंद्रिय (सिक्स्थ सेंस) है। कई लोग मानते हैं कि रहस्यमयी छठी इंद्रिय विकसित होने से मनुष्य को भविष्य में होने वाली घटना के बारे में पहले से ही पता चल जाता है। निर्मलबाबा.नेट.इन के मुताबिक निर्मल बाबा की छठी इंद्रिय विकसित है। शायद इसलिए उनके समागम का शीर्षक ही 'थर्ड आई ऑफ निर्मल बाबा' होता है।

निर्मलबाबा.नेट.इन के अनुसार, 'निर्मल बाबा नई दिल्ली में रहने वाले आध्यात्मिक गुरु हैं। वे 10 साल पहले साधारण व्यक्ति थे। लेकिन बाद में उन्होंने ईश्वर के प्रति समर्पण से अपने भीतर अद्वितीय शक्तियों का विकास किया। ध्यान के बल पर वह ट्रांस (भौतिक संसार से परे किसी और दुनिया में) में चले जाते हैं। ऐसा करने पर वह ईश्वर से मार्गदर्शन ग्रहण करते हैं, जिससे उन्हें लोगों के दुख दूर करने में मदद मिलती है। निर्मल बाबा के पास मुश्किलों का इलाज करने की शक्ति है। वे किसी भी मनुष्य के बारे में टेलीफोन पर बात करके पूरी जानकारी दे सकते हैं। यहां तक कि सिर्फ फोन पर बात करके वह किसी भी व्यक्ति की आलमारी में क्या रखा है, बता सकते हैं। उनकी रहस्मय शक्ति ने कई लोगों को कष्ट से मुक्ति दिलाई है।' जब दैनिकभास्कर.कॉम ने निर्मल बाबा के बारे में जानने के लिए उनकी आधिकारिक वेबसाइट पर दिए गए नंबरों पर संपर्क करने की कोशिश की तो नंबर लगातार व्यस्त रहे।

टीवी और इंटरनेट के जरिए निर्मल बाबा पूरे भारत ही नहीं, बल्कि दूसरे देशों में भी रोज लोगों तक पहुंचते हैं। निर्मल बाबा के समागम का प्रसारण देश-विदेश के तकरीबन 39 टीवी चैनलों पर सुबह से लेकर शाम तक रोजाना करीब 25 घंटे का प्रसारण अलग-अलग समय पर किया जा रहा है। भारत में विभिन्न समाचार, मनोरंजन और आध्यात्मिक चैनलों के अलावा विदेशों में टीवी एशिया, एएक्सएन जैसे चैनलों पर मध्य पूर्व, यूरोप से लेकर अमेरिका तक उनके समागम का प्रसारण हो रहा है।

सोशल साइटों पर टिप्पणियों की भरमार
बड़े पैमाने पर लोगों तक पहुंचने वाली शख्‍सीयत के बारे में सार्वजनिक तौर पर कोई जानकारी उपलब्‍ध नहीं होने से यह स्‍वाभाविक है कि लोग उनके बारे में चर्चा करें। झारखंड के एक प्रतिष्ठित अखबार के स्‍थानीय संपादक ने फेसबुक पर निर्मल बाबा की तस्वीर के साथ यह टिप्पणी की, 'ये निर्मल बाबा हैं। पहली बार टीवी पर उन्हें देखा। भक्तों की बात भी सुनी। पता चला..यह विज्ञापन है. आखिर बाबाओं को विज्ञापन देने की जरूरत क्यों पड़ती है? सुनने में आया है...ये बाबा पहले डाल्टनगंज (झारखंड) में ठेकेदारी करते थे?'

इस टिप्‍पणी पर कई लोगों की प्रतिक्रियाएं भी हैं। एक शख्स धर्मेंद्र सिंह बघेल ने फेसबुक पर टिप्पणी करते हुए निर्मल बाबा को पैसे लेने वाला बाबा बताया है। जुगनू शार्देय ने लिखा है, 'सिंपली फ्रॉड।' अनुराधा झा ने लिखा, 'बहुत चालाक आदमी है...आपको हाथ दिखाएगा तो आप पर ऊपर वाले की कृपा हो जाएगी...सिर्फ टीवी देखने से भी भला होता है।' वहीं, अरुण साठी ने लिखा, 'महाठग जो बुद्धू लोगों को चूना लगा रहा है और लोग हंस रहे है..पता नहीं लोग कब समझेंगे भगवान और आदमी का फर्क..?' केपी चौहान ने लिखा, 'निर्मल बाबा की दुकान बहुत जोर से चल रही है। जनता जिनके दरबार में जाकर सब भूल जाती है क्योंकि माया का ड्राफ्ट तो वे पहले ही ले लेते हैं।' दीपाली सांगवान ने निर्मल बाबा द्वारा समागम में लिए जाने वाले शुल्क के बारे में जानकारी दी है, 'निर्मल बाबा का प्रति व्यक्ति रजिस्ट्रेशन चार्ज 2 हजार रुपये है और 2 साल की उम्र से ज़्यादा के बच्चों को भी रजिस्ट्रेशन करवाना पड़ता है।'



उठ रहे हैं सवाल
निर्मल बाबा के दावों पर इंडीजॉब्स. हबपेजेस.कॉम वेबसाइट पर भी सवाल उठाया गया है। हबपेजेस.कॉम पर कोई भी व्यक्ति अपनी पसंद के आर्टिकल प्रकाशित कर सकता है और क्लिक के आधार पर पैसे भी कमा सकता है। इस वेबसाइट पर प्रकाशित लेख 'इज निर्मल बाबा अ फ्रॉड' में कहा गया है कि उनके इतिहास के बारे में बेहद कम जानकारी उपलब्ध है।

इस लेख में निर्मल बाबा को सवालों के घेरे में लाते हुए कहा गया है, 'वे वर्तमान में समागम के अलावा क्या करते हैं और अपने भक्तों से मिलने वाली करोड़ों रुपये की राशि से वे क्या कर रहे हैं, इसके बारे में कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है। अगर प्रकृति ने उन्हें दैवीय शक्ति दी है, तो वे लोगों से पैसे लेकर क्यों उनका भला कर रहे हैं? निर्मल बाबा के समागम में जाने के लिए किसी भी शख्स को बैंक चालान कटवाना पड़ता है। इसके बाद कई प्रक्रियाओं से गुजरते हुए अंत में उसे चालान की एक प्रति अपने फोटो पहचान पत्र के साथ ले जाने पर उसे समागम में जाने के लिए प्रवेश मिलता है। सवाल उठता है कि बड़े-बड़े दावे करने वाले किसी आध्यात्मिक गुरु को अपने भक्त को पहचानने के लिए क्या किसी फोटो पहचान पत्र की जरूरत है?' लेख के मुताबिक अगर आपके पास पैसे नहीं हैं, तो निर्मल बाबा आपका चेहरा तक नहीं देखेंगे।

यह एक तथ्‍य है कि बाबा के समागम में जाने के लिए रजिस्‍ट्रेशन फीस दो हजार रुपये प्रति व्‍यक्ति है। दो साल से ज्‍यादा उम्र के बच्‍चों से भी यह फीस वसूली जाती है। टीवी पर दिखाए जाने वाले समागमों में लोगों की जो भीड़ दिखाई जाती है, उसके आधार पर मोटा आकलन लगाया जाए तो हर समागम से करीब 20-25 लाख की रकम तो रजिस्‍ट्रेशन के तौर पर ही मिल जाती होगी। निर्मल बाबा के समागमों की मांग का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कि नई दिल्ली में 26 अगस्त तक समागम के लिए उनकी बुकिंग बंद है। निर्मल बाबा की आधिकारिक वेबसाइट पर यह जानकारी दी गई है। साथ में यह भी बताया गया है कि बाबा जी से निजी या फोन पर अप्वॉइंटमेंट बंद कर दिया गया है।

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