शुक्रवार, 30 मार्च 2012

नैनी बाई रो मायरो कथा एक से


नैनी बाई रो मायरो कथा एक से

बाड़मेर गौ माता की रक्षार्थ बाड़मेर में 'नानी बाई रो मायरो' का आयोजन गौ सेवा के लिए साधन नहीं बल्कि साध्य है।' यह बात कथा आयोजन समिति के आलोक सिंहल ने गुरूवार को पत्रकार वार्ता में कही। श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा की ओर से निराश्रित व पीडि़त गोवंश की सेवार्थ एक से तीन अप्रैल तक होने वाली कथा के आयोजन के बारे में जानकारी देते हुए सिंहल ने बताया कि गाय हमारी संस्कृति की प्रतीक है, इसके संरक्षण एवं संवद्र्धन के लिए समाज को आगे आने की आवश्यकता है। इसी को लेकर बाड़मेर शहर में पहली बार गोसेवार्थ कार्यक्रम का आयोजन करवाया जा रहा है। इसके लिए शहर समेत ग्रामीण इलाकों में अब तक पंद्रह हजार निमंत्रण-पत्र भेजे जा चुके हैं। कार्यक्रमों की कड़ी में प्रतिदिन शहर के प्रमुख मार्गों से प्रभात फेरी निकाली जाएगी। दोपहर 2:30 से शाम 6 बजे तक गोवत्स बालव्यास राधाकृष्ण महाराज मधुर वाणी से मायरे की कथा का वाचन करेंगे। सिंहल ने बताया कि कथा का संस्कार चैनल पर सीधा प्रसारण किया जाएगा। कथा के आयोजन को लेकर सभी तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। स्वामी रामकिशोराचार्य महाराज ने कहा कि गोमाता की सेवार्थ बाड़मेर में होने वाला कार्यक्रम हजारों निराश्रित गायों को जीवन प्रदान करेगा। इस दौरान अमरचंद सिंहल, रणवीर भादू, हनुमानाराम डऊकिया, दिलीप तिवाड़ी, मोहनलाल गोयल समेत आयोजन समिति से जुड़े कई पदाधिकारी भी मौजूद थे। इसी प्रकार गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा शाखा की ओर से निराश्रित एवं पीडि़त गोवंश सेवार्थ तीन दिवसीय नैनी बाई रो मायरो कथा का आयोजन एक से तीन अप्रेल तक वृंदावन धाम में होगा। कथा का वाचन राधा कृष्ण महाराज करेंगे। कथा के सफल आयोजन को लेकर गुरुवार को समिति के संयोजक स्वामी राम किशोराचार्य गुड़ामालानी, सह संयोजक ब्रज भारती मठ सिणधरी के स्वामी रुघनाथ भारती महाराज के सान्निध्य में बैठक आयोजित हुई। बैठक में सफल आयोजन को लेकर स्वागत समिति, व्यवस्था समिति मंच सजावट सहित कई समितियों का गठन कर जिम्मेवारी सौंपी गईं।

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