रविवार, 17 जुलाई 2011

पांव से लिखकर कॉलेज तक आ गया सत्ताराम


जोधपुर। जयनारायण व्यास यूनिवर्सिटी में बी कॉम फस्र्ट ईयर में हाल ही एडमिशन लेने वाला सत्ताराम चार्टर्ड अकाउंटेंट बनना चाहता है। बावड़ी गांव के नजदीक केलावा के रहने वाले 19 वर्षीय सत्ताराम के दोनों हाथों में अंगुलियां नहीं हैं और कलाइयां मुड़ चुकी हैं। वह पांव से लिखता है फिर भी राइटिंग ऐसी कि देखते रह जाएं।
सत्ताराम महज 10 साल का था तब खेलते-खेलते बिजली के खुले पड़े तारों से हाथ छू गए। हादसे के बाद से उसके हाथों की अंगुलियां नहीं हैं। अस्पताल से घर लाए तो धीरे-धीरे कलाइयां भी मुड़ती चली गईं लेकिन इलाज कुछ नहीं था। तब पांचवीं में पढ़ता था। स्कूल जाना चाहा भी लेकिन जाकर करता क्या? किताब-कॉपी ही पकड़ में नहीं आती तो लिखता कैसे? मन में पढ़ने की ललक थी। एक दिन घर पर अकेला बैठा था तब ख्याल आया कि क्यों न पांव से ही लिखना सीखे। फिर क्या था। उसी क्षण कोशिश शुरू हो गई। सप्ताहभर में पेन को पांव से पकड़ना सीख गया। कुछ दिन में शब्द बनाना भी आ गया। महीनेभर के अभ्यास से तो वह पूरी लाइन लिखने लगा।
पढ़ाई में हमेशा अव्वल
सत्ताराम करीब छह महीने स्कूल नहीं जा सका। हादसा हुआ तब पांचवीं में था। सीधे वार्षिक परीक्षा दी। फस्र्ट डिविजन आया तो आत्मविश्वास बढ़ गया। इसके बाद हर क्लास में अव्वल रहा। दसवीं 80 प्रतिशत और बारहवीं 60.08 प्रतिशत अंकों से उत्तीर्ण की। बारहवीं में कॉमर्स विषय था। बी कॉम करने के बाद सीए करना चाहता है। सीपीटी की भी तैयारी कर रहा है। प्रज्ञा निकेतन हॉस्टल की वार्डन डॉ. कुसुमलता भंडारी कहती हैं कि सत्ताराम में गजब की जीवटता है। कॉलेज में क्लासेज नियमित नहीं हो पाई हैं फिर भी जल्दी सुबह उठ जाता है। तैयार होकर सीपीटी की पढ़ाई के लिए बैठ जाता है।
कोई दया दिखाए यह मंजूर नहीं
हादसे के बाद परिजन और दोस्त दया की दृष्टि से देखते। उसे लाचार समझते हुए व्यवहार करते। यह उसे गवारा नहीं था। उसने धीरे-धीरे स्वयं का काम करना शुरू किया। फिर लिखने का अभ्यास किया। पांव के अंगूठे और अंगुली के बीच पेन को पकड़े रखना और लिख लेना आसान नहीं था। पेन थोड़ी-थोड़ी देर में छूट जाता। कॉपी पैर के नीचे दबाए रखनी पड़ती थी। आखिरकार उसने इस मुश्किल को भी दूर कर लिया। पेन को पांव के अंगूठे व अंगुली की पकड़ में बनाए रखने के लिए उस पर कटे हाथ का केवल दबाव डालता। कॉपी को भी उसने अपने पांव के नीचे दबा दिया ताकि वह पकड़ में रहे।

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