बुधवार, 13 जुलाई 2011

मेडिकल स्टोरांे व नीम-हकीमों पर सख्त कार्रवाई के निर्देष

मेडिकल स्टोरांे व नीम-हकीमों पर सख्त कार्रवाई के निर्देष
-जिला ग्रामीण स्वास्थ्य समिति की बैठक में मलेरिया, टीबी सहित अन्य स्वास्थ्य सेवाओं पर गंभीर चर्चा

बाडमेर। ग्रामीण क्षेत्रों में जगह-जगह खुले मेडिकल स्टोरों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देष देते हुए जिला कलेक्टर गौरव गोयल ने कहा कि कार्रवाई के बाद औषधि निरीक्षण एक माह के भीतर इसकी रिपोर्ट पेष करें। जहां स्वास्थ्य संस्थान नहीं है और जो मेडिकल स्टोर संचालक अवैध रूप से उपचार दे रहे हैं, वहां पर आवष्यक रूप से कार्रवाई हो तथा फार्मासिस्ट नहीं होने पर भी तुंरत प्रभाव से लाइसेंस निलंबित करें। आवष्यक होने पर एफआईआर के आदेष भी दिए गए। नए लाइसेंस के मामले में बिना जांच के किसी भी मेडिकल स्टोर संचालक को लाइसेंस न देने के निर्देष दिए। जिला कलेक्टर बुधवार को जिला स्वास्थ्य भवन में आयोजित जिला ग्रामीण स्वास्थ्य समिति की मासिक बैठक को संबोधित कर रहे थे। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि नीम-हकीमों के विरूद्ध भी कार्रवाई की जाए। मेडिकल स्टोर के मामले में मुुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. गणपतसिंह राठौड़ ने जानकारी देते हुए बताया कि इस संबंध में षिकायतें मिल रही हैं, लिहाजा कार्रवाई करना जरूरी है। उन्होंने सभी ब्लॉक चिकित्सा अधिकारियों को आदेष दिया कि संदिग्ध स्थिति में संचालित मेडिकल स्टोरों को चिन्हित कर इसकी रिपोर्ट भिजवाएं। 
जिला आईईसी समन्वयक विनोद बिष्नोई ने बताया कि बैठक में बारिष के चलते मलेरिया में बढ़ोतरी की आषंका को देखते हुए सभी अधिकारियों को नियमित मोनिटरिंग और आवष्यक कार्रवाई के निर्देष दिए गए। टेमोफोस और डीडीटी की छिड़काव करने तथा मलेरिया रोगी को 14 दिन तक दी जाने वाली आरटी दवा देने के आदेष भी दिए गए। दवा छिड़काव में आ रही समस्या को देखते हुए जनप्रतिनिधियों से सहयोग लेने के सलाह दी गई। जिला कलेक्टर गौरव गोयल ने निर्देष दिए कि यदि मलेरिया को लेकर कोई अधिकारी-कर्मचारी लापरवाही बरतता है तो उसे नोटिस देकर जवाब तलब करें। टीबी कार्यक्रम पर चर्चा करते हुए जिला कलेक्टर एवं सीएमएचओ डॉ. गणपतसिंह राठौड़ ने सभी अधिकारियों को निर्देषित किया कि समय-समय पर टीबी जांच करें तथा इसकी रिपोर्ट भी भिजवाए। इसके साथ ही आईसीटीसी सेंटरों पर एचआईवी पॉजिटिव मरीजों की भी टीबी जांच आवष्यक रूप से करवाने के आदेष दिए गए। परिवार कल्याण कार्यक्रम पर विचार-विमर्ष करते हुए उच्चाधिकारियों ने आदेष दिए कि जनसंख्या पखवाड़े के दौरान आवंटित लक्ष्यों को शतप्रतिषत हासिल करें। वहीं राज्यस्तर से प्राप्त आईईसी सामग्री को भी ब्लॉक, सीएचसी, पीएचसी व उपसेंटर तक भिजवाएं ताकि योजनाओं को व्यापक प्रचार-प्रसार हो सके। बैठक में टीकाकरण, जननी सुरक्षा योजना, मुख्यमंत्री बीपीएल जीवन रक्षा कोष व मौसमी बीमारियों सहित अन्य स्वास्थ्य सेवाओं पर विस्तार से चर्चा की गई। राष्ट्रीय कार्यक्रमों की समीक्षा करते हुए उच्चाधिकारियों ने जिले को राज्यस्तर पर अव्वल बनाने के लिए अधिकारियों-कर्मचारियों को प्रेरित किया। बैठक में एडिषनल सीएमएचओ डॉ. जितेंद्रंिसंह, आरसीएचओ डॉ. एमएल मौर्य, डिप्टी सीएमएचओ डॉ. बीएस गहलोत, जिला आयुर्वेद अधिकारी, एमसीएच डिवीजनल कोर्डिनेटर उमेष कुमार, डीपीएम कमलेष बसंल, डीएनओ जयंत चटर्जी, आयुष अधिकारी डॉ. अनिल झा, आईईसी कोर्डिनेटर विनोद बिष्नोई, पीसीपीएनडीटी कोर्डिनेटर विक्रमसिंह चम्पावत, आईसीटीसी सुपरवाईजर सीताराम परिहार, एपिडेमोलोस्टि मुकेष कुमार, यूनिसेफ प्रतिनिधि डॉ. विषाल सहित सभी बीसीएमओ मौजूद थे।

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