बुधवार, 6 जुलाई 2011

आसान हुई सेहत की राह पूरे हुए ग्रामीणों के अरमान

आसान हुई सेहत की राह
 पूरे हुए ग्रामीणों के अरमान

                कहने को जैसलमेर जिला विकास के संसाधनों की दृष्टि से पिछड़ा रहा है लेकिन अब इस रेगिस्तानी जिले में राज्य एवं केन्द्र सरकार की योजनाओं का बेहतर क्रियान्वयन ग्रामीण विकास को नये रंग दे रहा है।
                ख़ासकर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य जैसी बुनियादी जरूरतों की आम ग्रामीणों तक पहुंच के मामले में जैसलमेर निरन्तर विकास की ओर है। जैसलमेर जिले में राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन योजना के कारण चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाआंे को नई गति मिली है। इस योजना के अन्तर्गत जहाँ ग्रामीण अंचलों में चिकित्सालय भवनों का निर्माण किया जा रहा है वहीं चिकित्सा संस्थानांे में आधारभूत संसाधन जुटाये जाने से ग्रामीणों के अपने गांव तथा आस-पास ही स्तरीय चिकित्सा सुविधाएँ मिलने के अरमान पूरे होने लगे हैं।
                जैसलमेर जिले के देवीकोट क्षेत्र के ग्रामीणांे के लिए तो यह योजना सचमुच में वरदान स्वरूप सिद्ध हो रही है। यहाँ राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के अन्तर्गत 28 लाख रुपए की  लागत से प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र भवन का निर्माण करवाया गया है।
                पालीवाल संस्कृति के प्राचीन मिथकों से भरे रहे देवीकोट गांव में तीन माह पहले तक छोटे-छोटे पांच कमरों में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र का संचालन किया जा रहा था। यहाँ मरीजांे की संख्या में बढ़ोतरी होने की स्थिति में क्षेत्रवासियों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ता था। पर्याप्त एवं उपयुक्त भवन के अभाव में गंभीर होने पर रोगियों को जैसलमेर रेफर करना पड़ता था।
                इस योजना के अन्तर्गत नवीन प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र का भवन तैयार हो जाने पर अब किसी रोगी को स्थान के अभाव अन्यत्र रेफर नहीं करना पडता। यहाँ आधुनिक सुविधायुक्त स्वागत कक्ष, ओपीडी, आयुर्वेद व  होम्योपैथिक चिकित्सकों के लिए आयुष, इन्जेक्शन एवं पट्टी बंधन कक्ष, सभी प्रकार की चिकित्सा पद्धतियों की औषधियों के लिए अलग-अलग भण्डार कक्ष आदि होने के साथ ही आयुर्वेदिक चिकित्सा में विश्वास रखने वाले मरीजों के लिए पृथक से ओपीड़ी का निर्माण करवाया गया है।
                चिकित्सा अधिकारी प्रभारी की सूझबूझ से पुराने भवन के पांचों कमरों को नवीन भवन से जोड़ा जाकर इनका उपयोग वार्डांे एवं स्टोर आदि के रूप में किया जा रहा हैं। महिलाआंे व पुरुषों के लिए पृथक-पृथक बैड़ की व्यवस्था है। चिकित्सालय में टीकाकरण, क्षय निवारण, प्रयोगशाला सेवाएँ आदि भी उपलब्ध कराई जा रही हैं।
                देवीकोट प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र जिले का प्रमुख स्वास्थ्य केन्द्र है जहाँ रोजाना 50 से अधिक मरीजांे का ओपीडी में उपचार किया जा रहा है। इसी प्रकार 8 रोगियों तक को भर्ती किया जाकर उन्हें चिकित्सा सुविधा सुलभ कराई जा रही है। यहाँ औसतन हर माह 25 से 30 प्रसूताआंे को जननी सुरक्षा योजना से लाभान्वित किया जा रहा है इसके साथ ही मलेरिया एवं मौसमी बीमारियों से पीड़ित व्यक्तियों के उपचार की समुचित व्यवस्था की गई है। राज्य सरकार की मंशा के अनुरूप इस अस्पताल में चौबीसों घण्टे  चिकित्सा सेवाएँ दी जा रही हैं। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र भवन के बन जाने से अब मरीजों को अपने उपचार के लिए न तो  धूप में प्रतीक्षा करनी पड़ती है और न ही कहीं दूर जाना पड़ता है। अब इस अस्पताल में अधिक से अधिक मरीजों तक के लिए सारी सुविधाएँ उपलब्ध हैं। इस भवन का लोकार्पण दो माह पहले ही प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री दुर्रु मियाँ के हाथों हो चुका है।
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