गुरुवार, 7 जुलाई 2011

बाड़मेर.मुनाबाव सड़क मार्ग को डबल लेन करने की योजना गृह मंत्रालय में अटक गई

बाड़मेर से सटी भारत.पाकिसतान अंतरराष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा के लिए तैनात जवानों और सरहदी इलाको में बसे ग्रामीणों की सुविधा के लिहाज से 76 करोड़ की लागत से बाड़मेर.मुनाबाव सड़क मार्ग को डबल लेन करने की योजना गृह मंत्रालय में अटक गई है। इस योजना की स्वीकृति को लेकर जनप्रतिनिधि उदासीनता बरत रहे हैं। नतीजतन सरहद पर दूरदराज के इलाकों में बसी गांव.ढाणियों के लोगों को संकरे मार्गों से लंबी दूरी तय करके बाड़मेर पहुंचने को मजबूर होना पड़ रहा है।

करीब डेढ़ वर्ष पूर्व बाड़मेर से मुनाबाव मार्ग पर 127 किलोमीटर तक की सड़क को डबल लेन करने की योजना बनाई गई थी। इसके तहत मौजूदा समय में ग्रीफ के अधीन इस मार्ग को पीडब्ल्यूडी को हैंडओवर किया जाना था। तत्पश्चात इस मार्ग को डबल लेन करने की प्रक्रिया शुरू होनी थीए मगर इस योजना का खाका गृह मंत्रालय को भेजने के बाद अभी तक इसकी फाइल इसी मंत्रालय में अटकी हुई है। इससे इस मार्ग को अभी तक डबल लेन नहीं किया जा सका है। उधर ग्रीफ के अधिकारियों का तर्क है कि बाड़मेर.मुनाबाव मार्ग को पीडब्ल्यूडी को हैंडओवर करने को लेकर लिखित रूप में किसी तरह के आदेश नहीं मिले हैं। अतरू पीडब्ल्यूडी को सड़क हैंडओवर नहीं की गई हैए जबकि पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों की मानें तो गृह मंत्रालय से हरी झंडी मिलने की स्थिति में ही यह योजना गति पकड़ पाएगी।

बाड़मेर.मुनाबाव मार्ग को डबल लेन करने के फायदे

बाड़मेर में प्रतिवर्ष सरहदी इलाकों में होने वाले युद्धाभ्यास में शामिल होने के लिए मुनाबाव मार्ग से बड़ी संख्या में सेना व बीएसएफ के वाहन आवागमन करते हैं। इसके साथ ही आम दिनों में यहां से सवारी व मालवाहक वाहनों का आवागमन रहता है। इस मार्ग के डबल लेन होने से मारूड़ीए जसाईए देरासर खड़ीनए हाथमाए भाचभरए रामसर और गागरिया व गडरा समेत मुनाबाव के ग्रामीणों को भी काफी फायदा होगा।



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