सोमवार, 27 जून 2011

एक ‘गुजरात’ पाकिस्तान में भी




अहमदाबाद। यह गुजरात, महात्मा गांधी का जन्मभूमि और कर्मभूमि नहीं। यहां के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी नहीं, यहां साबरमती नहीं, यहां रंगीला राजकोट नहीं, यहां सूरत और जामनगर भी नहीं, लेकिन फिर भी यह गुजरात ही है।

पूरे विश्व में विकास का परचम लहरा देने वाले गांधीजी के ‘गुजरात’ पर आज सबकी नजर है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत के इस ‘गुजरात’ के अलावा एक ‘गुजरात’ पाकिस्तान में भी है। जी हां, यह ‘गुजरात’ पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में स्थित है। हां इतना जरूर है कि भारत के ‘गुजरात’ और पाकिस्तान के ‘गुजरात’ में जमीन-आसमान का अंतर है, लेकिन इस क्षेत्र का नाम भी ‘गुजरात’ ही है। बस इन दोनों के नामो में अंग्रेजी के अक्षर ‘ए’ का ही फर्क है। भारत के गुजरात की अंग्रेजी स्पेलिंग में Gujarat है जबकि पाकिस्तान के गुजरात को Gujrat लिखा जाता है। यहां के लोगों की आय का मुख्य स्रोत खेती-किसानी और गृह उद्योग है।

पाकिस्तान का यह गुजरात चीनाब और झेलम नदियों के किनारे स्थित है और प्रेम करने वालों के ह्रदय में अटूट स्थान रखने वाले सोहनी-महिवाल का इस क्षेत्र से करीबी रिश्ता है, क्योंकि सोहनी इसी गुजरात की थी।

ब्रिटिश इतिहासकारों के अनुसार इस गुजरात की स्थापना 460 बीसी में राज बच्चन पाल गुर्जर द्वारा की गई थी। मोघलयुद्ध के दरमियान पाकिस्तान से कश्मीर जाने वालों को इसी गुजरात से होकर गुजरना पड़ता था। इतिहासकारों के अनुसार कश्मीर से लौटते समय राजा जहांगीर की मृत्यु भी यहीं पर हुई थी और उन्हें यहीं पर दफनाया गया था।

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