शनिवार, 4 जून 2011

जैसलमेर , आज की ताजा खबर.


दो वर्षीय बेटे के साथ मां ने टांके में कूद की आत्महत्या
भीखोड़ाई  ग्राम पंचायत दांतल स्थित गडेली कुंआ ढाणी में शुक्रवार को माता ने अपने पुत्र सहित टांके में कूदकर आत्महत्या कर ली। पुलिस थानाधिकारी मांगीलाल ने बताया कि गड़ेली कुंआ ढाणी में रहने वाली श्रीमती सकी पत्नी लाखे खां (25) ने अपने पुत्र रफीक पुत्र लाखे खां (2) को लेकर शुक्रवार सुबह 11 बजे टांके में कूदकर आत्महत्या कर ली। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर टांके से माता तथा पुत्र के शव को निकाला। पुलिस द्वारा मामले की जांच की जा रही है लेकिन अभी तक आत्महत्या करने का कारण नहीं मिल पाया है।



जल संरक्षण के लिए एकजुट होने का आह्वान
प्रादेशिक सेना की जल चेतना यात्रा के सुल्ताना पहुंचने पर ग्रामीणों ने किया भव्य स्वागत

जैसलमेर ग्रामीण क्षेत्रों में जल संरक्षण के लिए आमजन में जागरूकता लाने के लिए ईटीएफ की ओर से आयोजित जल चेतना यात्रा का शुक्रवार को सुल्ताना पहुंचने पर ग्रामीणों ने भव्य स्वागत किया। यात्रा के दौरान जल संरक्षण के क्षेत्र में ग्रामीणों के सहयोग एवं पानी की कमी की समस्या के निवारण सहित अन्य महत्वपूर्ण जानकारियां ग्रामीणों को दी गई 

इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता सम समिति प्रधान लक्ष्मीकंवर ने की। मुख्य अतिथि रिटायर्ड कैप्टन करणसिंह, जुगतसिंह, भूमि विकास बैंक के अध्यक्ष पूरणसिंह भाटी, भंवररूराम, प्रेमसिंह आदि उपस्थित थे। समारोह को संबोधित करते हुए करणसिंह ने कहा कि हमारा जिला विकास की दृष्टि से पिछड़ा हुआ तथा केवल खेती और पशुपालन पर ही निर्भर है। हमें जल के महत्व को जानना होगा और उसके संरक्षण के प्रयास करने होंगे। जुगतसिंह ने कहा कि जिले को और अधिक खुशहाल बनाने के लिए हमें एक जुट होकर जल संरक्षण के विषय पर ध्यान देना होगा।

ईटीएफ के उप कमान अधिकारी मेजर मोहनसिंह ने कहा कि अगर यहां उपस्थित हर व्यक्ति एक प्रण करें कि हर रोज एक बाल्टी पानी बचाना है तो हम अपनी आने वाली पीढिय़ों के सामने आने वाली पानी की समस्या का समाधान कर सकते है। उन्होंने उपस्थित लोगों को मॉडल के माध्यम से समझाया कि पानी का संरक्षण किस प्रकार किया जा सकता है। पूरणसिंह भाटी ने कहा कि हमारे पुराणों में भी नदियों की पूजा की जाना इसी बात का प्रमाण है कि हमारे पूर्वज जल संरक्षण के प्रति कितने सजग थे। हमें भी उसी सजगता से इसे बचाना है। अंत में सूबेदार मेजर रिडमलसिंह ने उपस्थित अतिथियों का आभार प्रकट करते हुए जल संवर्धन के लिए कर्तव्यबद्ध होकर कार्य करने तथा राज्य में कहीं भी जल का अभाव नहीं होने देेने की आवश्यकता जताई। समारोह का संचालन सूबेदार महिपालसिंह ने किया

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