मंगलवार, 7 जून 2011

फ्रांस में "फेसबुक" व "टि्वटर" पर रोक!

फ्रांस में "फेसबुक" व "टि्वटर" पर रोक!


पेरिस। यह तो खरी बात है कि वेब दुनिया में सैकड़ों सोशल नेटविर्कग साइट्स हैं, पर लोग अधिकतर फेसबुक और टि्वटर का ही गुणगान किए जाते हैं और उन्हीं का उपयोग अधिक करते हैं, जबकि कुछ अन्य साइट्स इनसे बेहतर सेवाएं और एप प्रदान करती हैं। एक विवादस्पद कदम बढ़ाते हुए फ्रांस की सरकार एक नए कानून को क्रियात्मक रूप से जारी करने जा रही है जिसमें फेसबुक और टि्वटर जैसे शब्द न तो किसी टेली शो में बोले जाएंगे और न ही रेडियो वार्ता में।

इस मसले पर प्रेसीडेंट निकोलस सरकोजी के सहयोगियों ने 1992 विधान को समर्थन दिया है। इस कानून में न्यूज प्रोग्राम्स के दौरान किसी भी कमर्शियल उद्यम के किसी भी प्रकार के प्रमोशन की आज्ञा नहीं होती है। इस कानून के जारी होने के बाद से टीवी एंकरों को किसी भी सोशल साइट्स के नाम का उल्लेख करने की स्वतंत्रता नहीं रह जाएगी। अगर बहुत ही जरूरी होगा, तो केवल खबर के परिपेक्ष्य में शब्दों का चयन किया जा सकेगा।

1992 डिक्री की वजह से फ्रेंच ब्रॉडकास्टिंग मीडिया से टि्वटर और फेसबुक जैसे शब्द सुनाई देना बंद हो जाएंगे। इस बारे में फ्रांस की ओडियो-विजुअल की कौंसिल सुपीरियर क्रिस्टीना केली ने कहा है कि फेसबुक को ही प्राथमिकता क्यों दें.. जब बहुत सारी सोशल नेटवर्क पहचान पाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। दीगर है कि फ्रांस सरकार ने यह कदम एक तरह से नागरिकों को टि्वटर और फेसबुक को फॉलो न करने के लिए उठाया है।

यूरोपीय देशों में न्यूज चैनल्स पर इन दोनों सोशल साइट के नाम एकाधिक बार देखे और सुने जाते हैं और खबर मेें भी अस्पष्ट निर्देशों के साथ इन साइट्स पर जाने के संकेत दिए जाते हैं

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