खाप पंचायतों पर हाईकोर्ट की सख्ती:कमीशन बनाया, जहां फैसले सुनाए, वहां जाएगा; दौरा कर तैयार करेगा रिपोर्ट
खाप पंचायतों पर हाईकोर्ट की सख्ती:कमीशन बनाया, जहां फैसले सुनाए, वहां जाएगा; दौरा कर तैयार करेगा रिपोर्ट
जोधपुर ग्रामीण इलाकों में खाप पंचायतों के हस्तक्षेप को लेकर राजस्थान हाईकोर्ट ने 5 सदस्यीय आयोग (कमीशन) का गठन किया है। ये कमीशन ग्राउंड जीरो पर जाकर खाप पंचायतों के मुद्दे पर एक रिपोर्ट तैयार करेगा। इस कमेटी में 4 वकील और 1 सामाजिक कार्यकर्ता को शामिल किया गया है। कमीशन के सदस्य कोर्ट कमिश्नर के रूप में काम करते हुए पश्चिमी राजस्थान के विभिन्न गांवों में पहुंचकर ग्राउंड रिपोर्ट तैयार करेंगे और 14 मई तक हाईकोर्ट को सौंपेगे।
हाईकोर्ट ने जालोर और नागौर के याचिकाकर्ताओं की याचिका पर सुनवाई की थी। याचिकाकर्ता के वकील अर्जुन सिंह ने कोर्ट को बताया कि पश्चिमी राजस्थान के कई जिलों में खाप पंचायतों का हस्तक्षेप देखने को मिल रहा है। जो अपने स्तर पर ही सामाजिक बहिष्कार और जुर्माना लगाने का फैसला सुना रहे हैं।
ग्राउंड पर जाकर काम करेगा कमीशन
इन मामलों को गंभीरता से लेते हुए हाईकोर्ट ने जोधपुर, पाली, बाड़मेर, नागौर, जैसलमेर और जालोर जिलों में सच्चाई जानने के उद्देश्य से कमेटी का गठन किया है। कमेटी का उद्देश्य खाप पंचायतों और अन्य सामाजिक बुराइयों को खत्म करने जमीनी सच्चाई जाने और समाधान करने का काम रहेगा।
4 वकील 1 कार्यकर्ता को बनाया सदस्य
कमीशन सदस्य, एडवोकेट देवकीनंदन व्यास ने बताया कि हाईकोर्ट ने खाप पंचायतों के तुगलकी फरमान और ऐसी समस्या को जड़ से खत्म करने के मकसद से कमीशन का गठन किया। इसमें मेरे समेत 3 और रामावतार सिंह चौधरी, भागीरथ राय, शोभा प्रभाकर को शामिल किया गया है।
वहीं एक सामाजिक कार्यकर्ता महावीर कांकरिया को जोड़ा गया है। साथ ही संबंधित जिलों के एसपी को भी इन कोर्ट कमिश्नर को हरसंभव सहयोग करने और उनके दौरे के दौरान पुलिस सुरक्षा भी उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं।
रीति-रिवाजों के बारे में भी जानकारी जुटाएंगे
इस दौरान कमीशन के सदस्य विभिन्न थानों का निरीक्षण, गांव के सरपंच, ग्रामसेवक, सरकारी अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से भी बात करके गांवों के रीति-रिवाजों के बारे में भी जानकारी जुटाएंगे। बता दें कि जस्टिस फरजंद अली की कोर्ट में याचिकाकर्ता जालोर के भाकाराम, नागौर के जेठाराम, गोटन की पानी देवी की याचिकाओं पर 7 मार्च को संयुक्त सुनवाई हुई थी। इस सुनवाई के बाद कमीशन बनाने का आदेश दिया गया।
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