जैसलमेर को शासन की काळा पानी की सज़ा ,सात दिन तक पानी बंदी का तुगलकी फरमान विभाग का

 जैसलमेर को शासन की काळा पानी की सज़ा ,सात दिन तक पानी बंदी का तुगलकी फरमान विभाग का


जलदाय विभाग की लापरवाहियों से त्रस्त हुई जनता ,स्थाई समाधान करने में प्रशासन फेल


चन्दन सिंह भाटी



जैसलमेर पर्यटन नगरी में पीने के पानी को लेकर हाहाकार मचना आम हो गया ,जलदाय विभाग द्वारा कभी बिजली आपूर्ति न होने कभी पाइपलाइन क्षतिग्रस्त होने तो  ठीक करने के नाम पर एक सप्ताह से दस दिनों तक शहर और गांवों में पानी बंदी की घोषणा कर  देता हैं ,अभी गर्मी ने दस्तक दी नहीं की जलदाय विभाग में तुगलकी फरमान निकल दिया जैसलमेर की जनता को अगले  पेयजल आपूर्ति नहीं की जाएगी कारन लीकेज दुरुस्त किये जायेंगे ,साल भर मस्ती मरने वाले अधिकारी लीकेज समय पर दुरुस्त क्यों नहीं करते बड़ा सवाल हैं ,जैसलमेर में पानी की कोई कमी नहीं हैं ,मगर जलदाय विभाग में मैनेजमेंट और कार्य करने की इच्छा शक्ति में कमी की चलते आमजनता पेयजल के लिए बार बार परेशान रहती हैं ,सात दिनों तक पानी आपूर्ति नहीं होने का फरमान सामान्य फरमान नहीं हैं ,वैसे भी शहर में तीन से चार दिन में पेयजल आपूर्ति होती हैं ,पर्यटन नगरी होने का खामियाज़ा जनता को भुगतना पड़ रहा हैं ,जैसलमेर दार्जिलिंग की राह पर हैं ,जानका पानी की कृत्रिम समस्या पानी का महकमा ही बार बार पैदा कर रहा हैं ,इस पर न तो जिला प्रशासन के अधिकारीयों की कमान हे न ही जन प्रतिनिधियों की ,जनता अपना दुखड़ा किसके आगे रोये


जिला कलेक्टर के निर्देश मीटिंग हॉल तक सिमित


जिला कलेक्टर प्रति सप्ताह सोमवार को पानी को लेकर मीटिंग लेते हैं ,अधिकारीयों को नियमति पेयजल आपूर्ति के कड़े निर्देश  दिए जाते हैं ,जिला कलेक्टर हर मीटिंग में कहते हे पेयजल आपूर्ति सुचारु हो ,लापरवाही बर्दास्त नहीं होगी ,लापरवाह कार्मिको के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी ,कलेक्टर के इन आदेशों का जलदाय विभाग के अधिकारीयों पर कोई असर नहीं होता ,कलेक्टर के आदेश मीटिंग हॉल में ही गम हो जाते हैं , कलेक्टर चैंबर से बाहर जनता का दुःख दर्द सुनने या जनता से रूबरू होने आज तक नहीं निकले ,जनता ज्ञापन देकर इतिश्री कर लेती हैं ,जिला प्रशासन अपने कर्तव्य की पलना सही तरीके से नहीं कर रहा जिसका खामियाजा जनता भुगत रही हैं ,अधिकारीयों को जनता के दुःख दर्द से कोई मतलब नहीं ,सरकारी बैठकों में ठोस निर्णय नहीं लिए जाते


विभाग के अधिकारी बेपरवाह


जैसलमेर जलदाय विभाग हर माह पानी बंदी की घोषणा करते हैं ,इसके लिए कभी बिजली आपूर्ति कभी पाइपलाइन क्षतिग्रस्त होना ,कभी लीकेज ठीक करने से फिक्स बहाने हैं,अब जलदाय विभाग ने लीकेज ठीक करने के लिए सप्ताह भर का टाइम लेते हुए पानी बंदी की घोषणा की हैं ,जो व्यावहारिक नहीं हैं ,सात दिनों तक जैसलमेर के घरों में पानी नहीं आएगा ,जैसलमेर शहर में पानी स्टोरेज की परम्परा नहीं हैं ,अधिकांश घरों में टाँके नहीं हैं ,सात दिन तक बिना पानी के रहना काले पानी की सज़ा से कम नहीं हैं ,जिस तरह दार्जिलिंग में पानी की कृत्रिम समस्या पैदा की गयी हे ठीक उसी तर्ज पर जैसलमेर का जलदाय विभाग चल रहा हैं


जैसलमेर में जलदाय विभाग का पानी बंदी का तमाशा रोज का हो गया ,हर महीने  में दो तीन बार पानी बंदी क्र दी जाती हैं ,जब विभाग को लीकेज की जानकारी हे तो उन्हें समय पर दुरुस्त क्यों नहीं करवाते ,सभी लीकेज एक साथ दुरुस्त करने का कोई तुक समझ नहीं आता ,जनता परेशान हैं ,सात दिन पानी नहीं आएगा तो जनता के क्या हाल होंगे आप समझ सकते हैं ,जिला प्रशासन से कोई उम्मीद नहीं हैं , चौहान ,निवर्तमान पार्षद वार्ड 11


मोहनगढ़ से गजरुप सागर फिल्टर प्लांट तक 600 एमएम डीआई पाइप लाइन के लीकेज को ठीक करने के लिए 3 दिन का शटडाउन लिया जाएगा। इस वजह से शहर की जलापूर्ति 19 मार्च से 24 मार्च तक पूर्ण रूप से बाधित रहेगी।जैसलमेर शहरी जोन की जलापूर्ति 25 मार्च से नियमित अंतराल से अधिक अंतराल से किया जाएगा। उन्होंने शहरवासियों से अपील की है कि जल का उपयोग सीमित मात्रा में कर सहयोग करें। निरंजन मीना,अधिशाषी अभियंता,जलदाय विभाग


टिप्पणियाँ