पेपर लीक के मास्टरमाइंड जगदीश विश्नोई को मिली जमानत:कोर्ट ने कहा- आरोपी के कब्जे से ऐसा कोई सामान नहीं मिला, सबूतों का भी अभाव

 पेपर लीक के मास्टरमाइंड जगदीश विश्नोई को मिली जमानत:कोर्ट ने कहा- आरोपी के कब्जे से ऐसा कोई सामान नहीं मिला, सबूतों का भी अभाव


जयपुर  पेपर लीक के मास्टरमाइंड जगदीश विश्नोई को हाईकोर्ट से जमानत मिल गई हैं। जस्टिस प्रवीर भटनागर की अदालत से जगदीश को जेईएन भर्ती 2020 के मामले में जमानत मिली है। लेकिन जमानत मिलने के बाद भी जगदीश फिलहाल जेल से बाहर नहीं आ सकेगा। वह एसआई भर्ती मामले में भी गिरफ्तार है।




आज अदालत ने उसे जमानत देते हुए कहा- एसओजी ने चार साल पुराने मामले में फरवरी 2024 में आरोपी की गिरफ्तारी की। उसकी गिरफ्तारी से पहले एसओजी मामले में चार चार्जशीट पेश कर चुकी थी। किसी भी चार्जशीट में उसके खिलाफ जांच लंबित नहीं रखी गई। वहीं, आरोपी के कब्जे से ऐसी कोई सामग्री बरामद नहीं हुई, जिससे यह पता चल सके कि वह जेईएन भर्ती का पेपर लीक करने और उसे मोबाइल के जरिए आगे भेजने में शामिल था। इस मामले में पर्याप्त सबूतों का भी अभाव हैं। केवल आरोपी की आपराधिक पृष्ठभूमि उसकी जमानत खारिज करने का एकमात्र आधार नहीं हो सकती है।

मामले में झूठा फंसाया गया

आरोपी की ओर से पैरवी करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता वीआर बाजवा ने कहा- इस मामले में चार साल तक जांच जारी रही। अन्य आरोपियों के खिलाफ जांच एजेंसी ने पांच चार्जशीट पेश की। सभी चार्जशीट याचिकाकर्ता की गिरफ्तारी से पहले पेश कर दी गई।

इनमें से किसी में भी याचिकाकर्ता का नाम नहीं था। वहीं, एसओजी के पास मामले में कोई ठोस सबूत नहीं है। एसओजी का यह कहना कि याचिकाकर्ता ने स्वयं उस स्थान की पुष्टि की है, जहां पेपर लीक हुआ था। इस बात को स्वीकार नहीं किया जा सकता हैं। क्योंकि एफआईआर दर्ज करते समय यह जानकारी पहले से पुलिस के पास थी। मामले में याचिकाकर्ता को झूठा फंसाया गया हैं। आरोपी 29 फरवरी 2024 से जेल में है। ट्रायल में लंबा समय लगेगा। ऐसे में जमानत का लाभ दिया जाए।

सरकार ने कहा-आरोपी का आपराधिक रिकॉर्ड

जमानत का विरोध करते हुए सरकारी अधिवक्ता ने कहा कि आरोपी ने अन्य सह-आरोपियों के साथ मिलकर जेईएन भर्ती का पेपर लीक किया है। उसने पेपर में शामिल होने वाल अभ्यर्थियों तक परीक्षा से पहले पेपर पहुंचाया है। आरोपी की आपराधिक पृष्ठभूमि रही है। वह एसआई भर्ती सहित अन्य मामलों में शामिल रहा हैं। ऐसे में उसे जमानत नही दी जानी चाहिए।

सांचौर जिले के दांता निवासी जगदीश विश्नोई को गिरोह के लोग मास्टरमाइंड गुरुजी या गुरुजी नाम से पुकारते हैं। सबसे पहले उसने साल 2005 में बीएड की फर्जी डिग्री खरीदी। फिर साल 2007 पेपर लीक करके थर्ड ग्रेड का टीचर बन गया। टीचर बनने के बाद जगदीश का सबसे पहले कॉन्स्टेबल भर्ती परीक्षा 2007 में नकल करवाने में नाम सामने आया था।

टिप्पणियाँ