गिरनार की रंगत ,स्वर्ग से सुंदर श्री गोरखनाथ आश्रम
आप गुजरात के गिरनार जा रहे हे तो ठहरने की चिंता से मुक्त होकर जा सकते हैं ,आपको गिरनार में सर्वाधिक खूबसूरत ,शकुन और शनि प्रदान करने वाला श्री आश्रम मिल जायेगा ,सफ़ेद रंग का विशाल आश्रम मन को शांति प्रदान करता हैं ,आश्रम एक दम साफ़ सुथरा जिसकी मिसाल दी जा सकती हैं आश्रम में करीब 90 से अधिक कमरे हैं जो किसी भी फाइव स्टार होटल के मुकाबले कहीं कम नहीं ,एकदम साफ़ सुथरे ,आपको ए सी ,नॉन ए सी दोनों श्रेणी के कमरे उपलब्ध हो सकते हं। ए सी कमरा सौलह सौ ,नॉन ए सी बारह सौ में उपलब्ध हो जायेंगे ,आश्रम में बड़े हॉल भी हैं ,साथ ही बैठने के लिए शकुन भरा चौक हैं ,आश्रम की व्यवस्था गुरु महेन्द्रनाथ देखते हैं ,
आश्रम में चाय की निशुल्क व्यवस्था तो हे ही साथ ही आश्रम परिसर में भंडारा संचालित होता हे जंहा सात्विक और स्वादिष्ट भोजन यात्रियों को निशुल्क उपलब्ध होता हे ,आश्रम के सेवादार बड़े स्नेह के साथ आपको भोजन करवाते हे ,भोजन जितना भाये उतना ले नष्ट न करे यहाँ थाली में अन्न व्यर्थ न हो ख्याल रखे ,भोजन में सब्जी ,दाल ,कड़ी ,चावल ,भजिया ,मिठाई ,चपाती ,बाजरे की रोटी ,छाछ मिलती हैं ,साथ ही यहाँ सुबह अल्पाहार भी निशुल्क उपलब्ध होता हैं ,आश्रम में आप चप्पल ,जूतें पहनकर नहीं जा सकते ,उन्हें बाहर मुख्य द्वार के पास उतारे या पॉलीथिन में डालकर अपने कमरे में ले जा सकते हैं ,आश्रम में गुरु गोरखनाथ जी ,त्रिलोकनाथ का प्राचीन धूणा हे जंहा अखंड ज्योत अनवरत चल रही हैं ,आश्रम परिसर में भगवन शिव का मंदिर हे वही गोरखनाथ जी ,त्रिलोकनाथ जी के भी मंदिर बेहद खूबसूरत बने हुए हैं ,शाम सात बजे यहाँ आरती होती हे गुरु शेरनाथ बापू खुद आरती करते हैं ,करीब एक घंटे तक यह आरती चलती हैं,आश्रम प्रमुख गुरु शेरनाथ बापू के चेहरे पर अलौकिक तेज़ हैं ,जो हर किसी को प्रभावित करता हैं ,अमूमन शेरनाथ बापू आश्रम में अपने आसान पर ही विराजित रहते हैं ,दर्शार्थियों से बड़े आदर,प्रेमभाव और स्नेह के साथ मिलते हैं ,साथ ही आने वाले हर दर्शनार्थी के लिए चाय और प्रसाद की व्यवस्था रहती हैं ,मुखवास भी हर दरसनार्थी को उपलब्ध रहता हैं ,
गौशाला जंहा गिर नस्ल की गायों का होता सरंक्षण
आश्रम प्रमुख गुरु शेरनाथ बापू ने हमे आश्रम द्वारा संचालित गौ शाला के दर्शन करवाए ,बापू के साथ हमने गौ शाला देखि आश्चर्य हुआ की कोई गौ शाला इतनी साफ़ सुथरी कैसे हो सकती हैं ,करीं नब्बे गिर नस्ल की गाये इस गौशाला में उपब्ध थी साथ ही गिर नस्ल का नंदी भी गौ शाला में हे जिनके दर्शन करने प्रत्येक यात्री आता हैं ,गौ शाला के दर्शन कर धन्य हो गए ,गायों की सेवा निस्वार्थ भाव से होती हैं ,गंदगी का टुकड़ा तक नहीं मिला ,गुरु शेरनाथ बापू ने विस्तार से गौ शाला की जानकारी उपलब्ध कराई ,
भोजनशाला
आश्रम परिसर के सामने भोजनशाला कम भंडरा संचालित किया जाता हैं ,जंहा प्रतिदिन डेढ़ से दो हजार श्रद्धालु निशुल्क भोजन और अल्पाहार लेते हैं ,बापू शेरनाथ खुद भोजन शाला की व्यस्था देखने आते रहते हैं। भोजन में सात्विक प्रसाद आपकी थाली में परोसा जाता हैं भोजन के बाद आपको अपनी थाली खुद चार स्तरीय बर्तन साफ़ करने की व्यवस्था की राखी हैं ,
छोटे कपड़े पहन आश्रम में प्रवेश नहीं
श्री गोरखनाथ आश्रम में निकर ,हाफ पेण्ट ,कम कपड़े वालो को प्रवेश नहीं दिया जाता ,भारतीय संस्कृति और परम्पराओं का निर्वहन अच्छे से होते देख शकुन मिला गुरु शेरनाथ बापू भारतीय संस्कृति और परम्पराओ के हिमायती हैं ,
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें