शुक्रवार, 31 जुलाई 2020

बीकानेर, बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान में नवाचार किया जाए- मेहता म्हारे नाम सूं म्हारो घर’ नेमप्लेट पोस्टर का विमोचन

 बीकानेर,  बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान में नवाचार किया जाए- मेहता
म्हारे नाम सूं म्हारो घर’ नेमप्लेट पोस्टर का विमोचन



बीकानेर, 31 जुलाई। जिला कलक्टर नमित मेहता की अध्यक्षता में ’बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ के लिए गठित टास्क फोर्स की बैठक आयोजित हुई।
  कलेक्ट्रेट सभागार में शुक्रवार को हुई बैठक में कन्या भ्रूण हत्या रोकने और बच्चियों को शिक्षित करने और समाज में लिंगभेद पर अंकुश लगाने की दिशा में विभिन्न विभागों द्वारा किए गए प्रयासों की समीक्षा की गई। मेहता ने कहा कि समाज में बेटा-बेटी को लेकर बनी धारणा को बदलने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि आज बेटियां हर क्षेत्र में अपना और अपने परिवार का नाम रोशन कर रही है। ऐसे में बालक-बालिका में भेद नहीं करना चाहिए।
जिला कलक्टर ने कहा कि बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान को सफल बनाने में सामाजिक, धार्मिक और सरकारी विभागों की महत्वपूर्ण भूमिका हैं। सभी अपनी-अपनी जिम्मेदारी समझे तो यह भेद मिटाया जा सकता हैं। उन्होंने कहा कि इस अभियान को प्रभावी रूप से अमल में लाने के लिए ही टास्क फोर्स गठित करने का निर्णय लिया था। यह फोर्स नागरिकों को बालिका भू्रण हत्या रोकने और बच्चियों की शिक्षा के लिए समाज को जागरूक करने में योगदान दें।
जिला कलक्टर मेहता ने कहा कि कई लोगों की अब भी मानसिकता है कि लड़का ही वंश को बढ़ा सकता है, इसलिए देश में बड़ी संख्या में कन्या भू्रण हत्याएं होती है। लड़कों के अनुपात में लड़कियों की संख्या लगातार घट रही है। स्कूल नहीं जाने वालों में लड़कियों की संख्या अधिक है। इन्हीं बुराइयों को बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान के जरिए दूर किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि टास्क फोर्स में शामिल सामाजिक संस्था, डॉक्टर, शिक्षाविद और विभिन्न विभाग के अधिकारी समाज में जागरुकता के लिए कोविड-19 की एडवाइजरी के अनुसार नुक्कड नाटक कार्यक्रम रखें तथा वॉल पेंटिंग, सार्वजनिक स्थानों पर बैनर और पोस्टर लगाए जाएं। स्कूल और वार्ड स्तर चिकित्सा अधिकारियों द्वारा महिलाओं का मार्गदर्शन किया जाए।
जिला कलक्टर ने पीबीएम अस्पताल मंे संचालित सखी वन स्टाॅप सेन्टर और महिला सहायता केन्द्र में पहुंचने वाली पीड़ित महिलाओं को लीगल एड, चिकित्सा सुविधाओं के बारे में फीड बैक लिया और कहा कि यहां पहुंचने वाली पीड़ित महिलाओं के प्रति संवेदशीलता बरते और उन्हें समय पर राहत पहुंचाए। उन्होंने चाइल्ड हैल्प लाइन, सखी वन स्टाॅप सेन्टर और महिला सहायता केन्द्र में सुविधाएं बढ़ाने के लिए प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए।
सखी वन स्टाॅफ सेन्टर में स्टाॅफ की उपस्थिति को लेकर उन्होंने कहा कि सेन्टर के निरीक्षण के दौरान अगर कोई कार्मिक अनुपस्थित मिला तो संबंधित को एक माह का वेतन नहीं मिलेगा।
’म्हारे नाम सूं म्हारो घर’ -जिला कलक्टर ने महिला सशक्तीकरण की दिशा में नवाचार करते हुए ’म्हारे नाम सुं म्हारो घर’ नेमप्लेट पोस्टर का विमोचन किया। उन्होंने कहा कि पुरूष प्रधान समाज में प्रायः मकान पर पुरूष के नाम की नेमप्लेट लगाने का प्रचलन है। उन्होंने कहा कि अगर महिलाओं के नाम भी नेम प्लेट पर लिखे जाएं तो महिलाओं का आत्म विश्वास बढे़गा। देखने में यह मामूली बात है, लेकिन इसका महिलाओं पर सकारात्मक मनोवैज्ञानिक प्रभाव पडे़गा। उन्होंने कहा कि गांव-गांव तक इस नेम प्लेट पहुंचाना सुनिश्चित करते हुए लोगों को इसके लिए प्रेरित करे। उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिए छात्राओं में लीडरशिप की भावना विकसित हो इसके लिए बालिका विद्यालयों में कार्यक्रम आयोजित किए जाए।
बैठक में महिला अधिकारिता विभाग की उपनिदेशक अनुराधा सक्सेना ने बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ की वार्षिक कार्य योजना और नवाचारों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने वर्ष 2019-2020 के लिए ब्राण्ड एम्बेसेडर के लिए प्राप्त आवेदनोें के बारे में बताया। उन्होंने सखी वन स्टाॅप सेन्टर के बारे में कहा कि इसका अलग से भवन बनाया जाना है। जिसके लिए 300 वर्गगज भूमि की जरूरत रहेगी। वर्तमान में यह सेन्टर पीबीएम अस्पताल में संचालित किया जा रहा है। उन्होंने विभाग द्वारा लिंग भेद आधारित गतिविधियों को रोकने, बेटियों पर होने वाली हिंसा को रोकने तथा बेटियों को शिक्षा एवं समाज में बराबर की भागीदारी दिलाने में विभिन्न विभागों द्वारा की गई कार्यवाही के बारे में जानकारी दी।
उन्होंने महिला सुरक्षा एवं सलाह केन्द्र में पीड़ित महिलाओं राहत देने की जानकारी देते हुए कहा कि गत् वित्तीय वर्ष में 174 प्रकरण प्राप्त हुए थे, जिनमें से 159 का निस्तारण कर दिया गया है। इस वित्तीय वर्ष में कुल 38 प्रकरणों में 23 का निस्तारण कर दिया है और शेष में कार्यवाही की जा रही है।
बैठक में क्राई यूनिसेफ के जिला संयोजक अरूण बीठू ने बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओं और बाल अपराध रोकथाम का संयुक्त्त एक्शन प्लान की पावर प्रजेन्टेशन के माध्यम से जानकारी दी। उन्होंने इस प्लान में किशोरी सशक्तीकरण की विभिन्न योजनाओं और जागरूकता संबंधी गतिविधियों के बारे मे चर्चा की। जिसमें उन्होंने बताया कि विशेषकर बाल-विवाह रोकथाम, भू्रण हत्या तथा कोविड-19 को शामिल कर एक्शन प्लान बनाया गया है।
इस अवसर पर युवा भारत संस्थान की महिला सदस्यों द्वारा कोविड-19 के दौरान बनाए गए कपड़े के मास्क का जिला कलक्टर को भेंट किए। बैठक में अतिरिक्त जिला कलक्टर (प्रशासन) ए.एच.गौरी, जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी नरेन्द्र पाल सिंह, अतिरिक्त जिला पुलिस अधीक्षक पवन कुमार, उप निदेशक सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग एल.डी.पंवार, मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी राज कुमार शर्मा, जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक उमाशंकर किराडू, जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक शिक्षा प्रेमशंकर झा, सहायक निदेशक कविता स्वामी, वरिष्ठ प्रचेता विजय लक्ष्मी जोशी, समाज सेविका डाॅ. प्रभा भार्गव, महिला सलाह केन्द्र की मंजू नागल, युवा भारत संस्थान के दिनेश पाण्डे सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी व स्वयं सेवी संस्थाओं के पदाधिकारी उपस्थित थे।
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