रविवार, 9 फ़रवरी 2020

ऎतिहासिक और पुरातात्विक महत्व के प्राचीन धाम कुलधरा को देख अभिभूत हो उठेदेशी-विदेशी सैलानी,

ऎतिहासिक और पुरातात्विक महत्व के प्राचीन धाम कुलधरा को देख
अभिभूत हो उठेदेशी-विदेशी सैलानी,
सुनहरे बिम्बों से साक्षात कराती रंगोलियों पर मुग्ध हो उठा हर कोई


जैसलमेर, 6 फरवरी/मरु महोत्सव के मद्देऩर प्राचीन और ऎतिहासिक महत्व के पुरातात्विक स्थल कुलधरा में रविवार को देशी और विदेशी सैलानियों का जमघट लगा रहा। इन सैलानियों ने कुलधरा की बस्तियों के अवशेषों के  साथ ही कुलधरा के पालीवालों की प्राचीन लोकसंस्कृति का दिग्दर्शन करवाने के लिए हुए कार्यो, संरचनाओं और विभिन्न् ऎतिहासिक स्थलों को देखा।
सैलानियों ने पालीवालों के इस समृद्ध और अत्यंत वैभवशाली कुलधरा नगर के ऎतिहासिक परिवेश, जनजीवन और लोकसंस्कृति की विलक्षण परम्पराओं व विरासत की जानकारीली तथा गौरवशाली इतिहास को सुनकर व पुरा महत्व के अवशेषों को देख कर बेहद अभिभूत हो उठे और प्राचीनकालीन कुलधरा के तत्कालीन वैभवशाली स्वर्णिम समय की कल्पना में खो गये।
कुलधरा भ्रमण के दौरान इन सैलानियों ने पूरे क्षेत्र में घूम-घूम कर प्राचीन खंडहर , इनके वास्तु, भवनों की पुरातन संरचना तथा लोक जीवन के तमाम पहलुओं के बारे में जानकारी ली।
रंगोली प्रतिस्पर्धा के सुनहरे बिम्बों ने किसी मुग्ध
सैलानियों ने कुलधरा में मरु महोत्सव के अन्तर्गतआयोजित रंगोली प्रतियोगिता को देखा तथा प्रतिभागियों की कल्पनाशीलता और सृजनात्मक प्रतिभाओं की सराहना की।
इस दौरान दो वर्गों में रंगोली प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। प्रथम वर्ग में किशनी देवी मगनीराम मोहता राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय जैसलमेर  की छात्राओं ने ने आठ समूहों में रंगोलियों का सृजन किया। जबकि दो समूह ओपन वर्ग के रहे। इन सभी से जुड़े हुए रंगोली कलाकारों ने कुलधरा की ऎतिहासिक धरा पर अपनी मौलिक सृजन क्षमता और कल्पनाशीलता का परिचय देते हुए पारम्परिक, सांस्कृतिक, ऎतिहासिक धरोहरों को रंगोली के माध्यम से प्रदर्शित किया।
राजस्थान की कला, संस्कृति, परंपरा एवं विरासत को प्रदर्शित करती रंगोली ‘पधारो म्हारे देश’, के अन्तर्गत ‘धरती धोरां री’की झिलमिलाती रेत एवं गूंजता सुरीला लोक संगीत, जैसलमेर किला, ऊँट, मूमल-महेन्द्र का सौ कोस का सफर, अद्वितीय सौन्दर्य की स्वामिनी राजकुमारी मूमल और अदम्य साहस, अमरकोट के राणा महेन्द्र आदि से संबंधित पूरे ऎतिहासिक कथानक को  लकड़ी के रंगीन बुरादे के माध्यम से दर्शाती रंगोली सैलानियों के आकर्षण का जबर्दस्त केन्द्र रही।
छात्राओं की रंगोली निर्माण कला, इसकी विषय वस्तु, बालिकाओं की कल्पना में जैसलमेर में मरु महोत्सव तथा बेटी बचाओ-बेटी बचाओ’’ अभियान और परिवेश सौंदर्य दर्शाने वाली रंगोलियों को देख हर कोई अभिभूत हुए बिना नहीं रह सका। सभी ने बालिकाओं की पीठ थपथपाई।

रहा क्रेज सेल्फि और फोटाग्राफी का
कुलधरा में हर तरफ फोटोग्राफी और सेल्फि का क्रेज रहा । जैसलमेर विकास समिति के सचिव चन्द्रप्रकाश व्यास ने बताया कि जिला प्रशासन की ओर से आयोजित की गई इस रंगोली प्रतियोगिता में 50 बालिकाओं ने हिस्सा लिया और उम्दा रंगोलियाँ बनाई। पूर्व पार्षद मीना भाटी व उनकी पुत्री सोनिया और अन्य महिलाओं ने भी रंगोलियों का सृजन कर अपनी सहभागिता निभाई।
कलाकारों ने मोहा विदेशियों का मन
 इसी प्रकार  आकर्षक परिधानों में नृत्य करते कलाकारों एवं लोक वाद्यों की धुनों पर विदेशी पर्यटक खासे मोहित हुए। पर्यटकों ने इनके नृत्यों को देखा तथा जी भर कर सराहा। इसके बाद देशी-विदेशी पर्यटकों ने कुलधरा में कच्छी घोड़ी नृत्य कलाकारों के मनोहरी रंगारंग कार्यक्रमों को भी बड़ी उत्सुकता के साथ देखा और लोक सांस्कृतिक प्रस्तुतियॉं पर मुग्ध हुए बिना नहीं रह सके। मरुश्री ओमप्रकाश वैष्णव ने भी कुलधरा में रंगोलियों को देखा।

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