बाड़मेर,33 प्रतिशत से अधिक नुकसान पर आदान-अनुदान सहायता राशिः राजस्व मंत्री
बाड़मेर, 17 फरवरी। राजस्व मंत्री हरीश चौधरी ने सोमवार को विधानसभा में बताया कि आपदा राहत प्रावधानों के तहत कृषक की खेत में खड़ी फसल में 33 प्रतिशत से अधिक नुकसान होने पर नियमानुसार आदान-अनुदान सहायता राशि वितरित की जाती है।
चौधरी ने प्रश्नकाल में विधायक गिरधारी लाल के मूूल प्रश्न के जवाब में बताया कि श्रीडूंगरगढ़ विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2019 में अक्टूबर-नवम्बर माह में बेमौसमी वर्षा से मूंगफली की कटी हुई फसल को नुकसान पहुंचा है एवं मोठ, बाजरा व ग्वार की फसलों में भी नुकसान हुआ है। माह नवम्बर में फसल पकने के पश्चात फसलों की कटाई हो चुकी थी। खेतों में जो फसल काट कर रखी गई थी उस पर वर्षा होने से फसलों में नुकसान हुआ है। उन्होंने बताया कि आपदा राहत प्रावधानों के तहत कृषक की खेत में खड़ी फसल में 33 प्रतिशत से अधिक नुकसान होने पर एनडीआरएफ,एसडीआरएफ नोर्मस के तहत आदान-अनुदान सहायता राशि वितरित की जाती है। फसल कटाई के पश्चात बीमित कृषकों के नुकसान बाबत प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसान द्वारा फसल खराब होने पर प्रतिवेदन,सूचित करने पर कृषि विभाग एवं अधिकृत बीमा कम्पनी के द्वारा संयुक्त रूप से सर्वे कार्यवाही की जाकर फसल खराबे का आंकलन किये जाने का प्रावधान है। चौधरी ने बताया कि कृषि विभाग से प्राप्त रिपोर्ट अनुसार तहसील श्रीडूंगरगढ़ के 6963 प्रतिवेदन, इन्टीमेशन प्राप्त हुए जिन पर सर्वे आंकलन अनुसार विधानसभा क्षेत्र श्रीडूंगरगढ़ के 45 पटवार मण्डलों की फसलों में 5 प्रतिशत से लेकर 40 प्रतिशत तक खराबा पाया गया। कटी हुई फसल की गिरदावरी का कोई प्रावधान नहीं है। उन्होंने फसल खराबे की सर्वे रिपोर्ट सदन के पटल पर रखी। उन्होेंने बताया कि फसल बीमा योजना में फसल कटाई प्रयोगों का सम्पादन राजस्व एवं कृषि विभाग के कार्मिकों के जरिए किया जाता है जिसमें कृषक व बीमा कम्पनी के प्रतिनिधि भी उपस्थित रहते हैं। यह कार्य मोबाइल एप के माध्यम से कराया गया है, जिसमें उपस्थित कार्मिकों एवं उपज की फोटोग्राफी भी होती है। बीमा कम्पनियों को लाभ पहुंचाए जाने संबंधित कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है।
बाड़मेर, 17 फरवरी। राजस्व मंत्री हरीश चौधरी ने सोमवार को विधानसभा में बताया कि आपदा राहत प्रावधानों के तहत कृषक की खेत में खड़ी फसल में 33 प्रतिशत से अधिक नुकसान होने पर नियमानुसार आदान-अनुदान सहायता राशि वितरित की जाती है।
चौधरी ने प्रश्नकाल में विधायक गिरधारी लाल के मूूल प्रश्न के जवाब में बताया कि श्रीडूंगरगढ़ विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2019 में अक्टूबर-नवम्बर माह में बेमौसमी वर्षा से मूंगफली की कटी हुई फसल को नुकसान पहुंचा है एवं मोठ, बाजरा व ग्वार की फसलों में भी नुकसान हुआ है। माह नवम्बर में फसल पकने के पश्चात फसलों की कटाई हो चुकी थी। खेतों में जो फसल काट कर रखी गई थी उस पर वर्षा होने से फसलों में नुकसान हुआ है। उन्होंने बताया कि आपदा राहत प्रावधानों के तहत कृषक की खेत में खड़ी फसल में 33 प्रतिशत से अधिक नुकसान होने पर एनडीआरएफ,एसडीआरएफ नोर्मस के तहत आदान-अनुदान सहायता राशि वितरित की जाती है। फसल कटाई के पश्चात बीमित कृषकों के नुकसान बाबत प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसान द्वारा फसल खराब होने पर प्रतिवेदन,सूचित करने पर कृषि विभाग एवं अधिकृत बीमा कम्पनी के द्वारा संयुक्त रूप से सर्वे कार्यवाही की जाकर फसल खराबे का आंकलन किये जाने का प्रावधान है। चौधरी ने बताया कि कृषि विभाग से प्राप्त रिपोर्ट अनुसार तहसील श्रीडूंगरगढ़ के 6963 प्रतिवेदन, इन्टीमेशन प्राप्त हुए जिन पर सर्वे आंकलन अनुसार विधानसभा क्षेत्र श्रीडूंगरगढ़ के 45 पटवार मण्डलों की फसलों में 5 प्रतिशत से लेकर 40 प्रतिशत तक खराबा पाया गया। कटी हुई फसल की गिरदावरी का कोई प्रावधान नहीं है। उन्होंने फसल खराबे की सर्वे रिपोर्ट सदन के पटल पर रखी। उन्होेंने बताया कि फसल बीमा योजना में फसल कटाई प्रयोगों का सम्पादन राजस्व एवं कृषि विभाग के कार्मिकों के जरिए किया जाता है जिसमें कृषक व बीमा कम्पनी के प्रतिनिधि भी उपस्थित रहते हैं। यह कार्य मोबाइल एप के माध्यम से कराया गया है, जिसमें उपस्थित कार्मिकों एवं उपज की फोटोग्राफी भी होती है। बीमा कम्पनियों को लाभ पहुंचाए जाने संबंधित कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है।
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