मरू महोत्सव २०२० में विश्व की एकमात्र कैमल माउंटेन बैंड जिसकी धुनें राष्ट्रभक्ति और लोक संगीत की स्वर लहरियां बिखेरेगी
चन्दन सिंह भाटी
जैसलमेर फरवरी छह से नो तक आयोजित होने वाले अंतराष्ट्रीय मरू महोत्सव २०२० में एक बार फिर पर्यटकों के लिए सीमा सुरक्षा बल के जवानो से सज्जी कमल माउंटेन बैंड लोक गीत संगीत और राष्ट्रभक्ति गीतों की स्वर लहरियां ख़ास आकर्षण का केंद्र होगी ,भारतीय सरहदों की निगेहबान सीमा सुरक्षा बल के जवान देश की सुरक्षा के साथ देश की लोक संस्कृति के सरंक्षण के प्रयासों में जुटी ,हें सीमा सुरक्षा बल के जवानों ने कमल टेटू शो और कैमल बैंड के विश्व में ना केवल अपनी अलग पहचान बने अपितु कैमल बैंड को गिनीज बुक्स ऑफ़ वर्ड्स रिकोर्ड में दर्ज करा लिया .देश की सुरक्षा में जुटे सीमा सुरक्षा बल के जवान राजस्थान की संस्कृति को भी विश्व पटल पर ले आये हें ,जवानों ने देश की सुरक्षा और संस्कृति के सरंक्षण का अनूठा प्रयोग किया जो गिनीज बुक ऑफ़ वर्ड रिकोर्ड्स तक पहुंचा , चटख राजस्थानी रंगों से सजे धजे और गिनीज बुक ऑफ रिकार्डस में स्थान बनाने वाले दुनिया के एक मात्रा ऊंट बैंड (कैमल बैंड) की छटा देखते ही बनी। 1986-87 में स्थापित हुआ यह ऊंट बैंड दस्ता सीमा सुरक्षा बल (बी.एस.एफ.) के जवानों से सुसज्जित था। दुनिया के इस अनूठे और अद्वितीय कैमल बैंड द्वारा राजपथ पर छोड़ी जाने वाली राष्ट्रभक्ति की शिहरण पैदा करती हें ,देशभक्ति का ज़ज्बा भी । कैमल बैंड दस्ते के साथ ही रेगिस्तान का जहाज माने जाने वाले ऊॅंटों पर राजस्थान-गुजरात के परिवेश में सुसज्जित उॅंट परेड दस्ता’ शामिल होता हें । कैमल माउंटेन बैंड में एक बैंड मास्टर और 34 अन्य कार्मिक होते हैं, जो ऊंटों पर सवारी करते हुए वाद्ययंत्र पर धुन बजाते हैं।सीमा सुरक्षा बल के विश्व के एक मात्र केमल माउंटेन बैंड की धुन पर उप समादेष्टा अमोल सिंह राठौड़ के निर्देशन में सीमा सुरक्षा बल के प्रहरियों ने राजस्थानी गीतों की सुमधुर धुनों पर विभिन्न रोमांचकारी करतब प्रस्तुत कर देशी-विदेशी सैलानियों को अचंभित कर देते हें ।राजस्थानी लोक संस्कृति की पहचान बने इस बैंड ने राजपथ पर अपनी भागीदारी हर साल निभाई ,राजपथ से राजस्थानी संस्कृति का जलवा पुरे विश्व में दिखाया प्रती वर्ष मरू मेला में अपनी सुखद उपस्थिति का अहसास करते हें सीमा सुरक्षा बल के जवान .
चन्दन सिंह भाटी
जैसलमेर फरवरी छह से नो तक आयोजित होने वाले अंतराष्ट्रीय मरू महोत्सव २०२० में एक बार फिर पर्यटकों के लिए सीमा सुरक्षा बल के जवानो से सज्जी कमल माउंटेन बैंड लोक गीत संगीत और राष्ट्रभक्ति गीतों की स्वर लहरियां ख़ास आकर्षण का केंद्र होगी ,भारतीय सरहदों की निगेहबान सीमा सुरक्षा बल के जवान देश की सुरक्षा के साथ देश की लोक संस्कृति के सरंक्षण के प्रयासों में जुटी ,हें सीमा सुरक्षा बल के जवानों ने कमल टेटू शो और कैमल बैंड के विश्व में ना केवल अपनी अलग पहचान बने अपितु कैमल बैंड को गिनीज बुक्स ऑफ़ वर्ड्स रिकोर्ड में दर्ज करा लिया .देश की सुरक्षा में जुटे सीमा सुरक्षा बल के जवान राजस्थान की संस्कृति को भी विश्व पटल पर ले आये हें ,जवानों ने देश की सुरक्षा और संस्कृति के सरंक्षण का अनूठा प्रयोग किया जो गिनीज बुक ऑफ़ वर्ड रिकोर्ड्स तक पहुंचा , चटख राजस्थानी रंगों से सजे धजे और गिनीज बुक ऑफ रिकार्डस में स्थान बनाने वाले दुनिया के एक मात्रा ऊंट बैंड (कैमल बैंड) की छटा देखते ही बनी। 1986-87 में स्थापित हुआ यह ऊंट बैंड दस्ता सीमा सुरक्षा बल (बी.एस.एफ.) के जवानों से सुसज्जित था। दुनिया के इस अनूठे और अद्वितीय कैमल बैंड द्वारा राजपथ पर छोड़ी जाने वाली राष्ट्रभक्ति की शिहरण पैदा करती हें ,देशभक्ति का ज़ज्बा भी । कैमल बैंड दस्ते के साथ ही रेगिस्तान का जहाज माने जाने वाले ऊॅंटों पर राजस्थान-गुजरात के परिवेश में सुसज्जित उॅंट परेड दस्ता’ शामिल होता हें । कैमल माउंटेन बैंड में एक बैंड मास्टर और 34 अन्य कार्मिक होते हैं, जो ऊंटों पर सवारी करते हुए वाद्ययंत्र पर धुन बजाते हैं।सीमा सुरक्षा बल के विश्व के एक मात्र केमल माउंटेन बैंड की धुन पर उप समादेष्टा अमोल सिंह राठौड़ के निर्देशन में सीमा सुरक्षा बल के प्रहरियों ने राजस्थानी गीतों की सुमधुर धुनों पर विभिन्न रोमांचकारी करतब प्रस्तुत कर देशी-विदेशी सैलानियों को अचंभित कर देते हें ।राजस्थानी लोक संस्कृति की पहचान बने इस बैंड ने राजपथ पर अपनी भागीदारी हर साल निभाई ,राजपथ से राजस्थानी संस्कृति का जलवा पुरे विश्व में दिखाया प्रती वर्ष मरू मेला में अपनी सुखद उपस्थिति का अहसास करते हें सीमा सुरक्षा बल के जवान .
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें