पाकिस्तान भेजने के मामले में हिंदू परिवार को बड़ी राहत, गृह मंत्रालय ने डिपोर्ट पर लगाई रोक
जैसलमेर देश में रह रहे 19 पाकिस्तानी विस्थापितों को गृह मंत्रालय ने बड़ी राहत प्रदान की है. 6 साल पहले भारत आए इस विस्थापित हिंदू परिवार को वापस पाकिस्तान भेजे जाने के आदेश पर मंत्रालय ने रोक लगा दी है. हिंदुस्तान आए इस परिवार के लिए उस समय विकट स्थिति बन गई जब उनके परिवार के 6 लोगों को वापस पाकिस्तान डिपोर्ट करने की बात सामने आई. दरअसल, यह परिवार पाकिस्तान में हो रहे जुल्मों से मुक्ति पाने के लिए पाकिस्तान से भागकर हिंदुस्तान आ गया था. उनको यह लगा था कि हिंदुस्तान आने के बाद उनकी सारी तकलीफ है खत्म हो जाएगी. लेकिन पिछले कुछ दिनों से सीबीआई ने इस परिवार के कुछ सदस्यों को वापस पाकिस्तान भेजने की बात कही तो परिवार पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा. गुरुवार को यह परिवार जिला कलेक्टर पहुंचा तो मीडियो के जरिए मामला गृह मंत्रालय तक पहुंचा था.
जानकारी के अनुसार पाकिस्तान से भारत आए इस परिवार के कुछ सदस्य खेती-किसानी के लिए जोधपुर से जैसलमेर इलाके में कथित पैतृक गांव में चले गए थे. इसके बाद वीजा नियमों के उल्लंघन के चलते परिवार के कुछ सदस्यों को पाकिस्तान वापस भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. परिवार की सदस्य और 4 बेटियों की मां परमेश्वरी कहती है कि जोधपुर बहुत महंगा शहर है और खेती-बाड़ी के काम से वे अपने पुराने गांव जहां से आजादी के बाद में पाकिस्तान गए थे वहां खेती करने चले गए थे. तब से ही उनके पति और अन्य सदस्य को पाकिस्तान डिपोर्ट करने की बात कही जा रही थी.
पाकिस्तान से विस्थापित परमेश्वरी ने दी आत्महत्या की चेतावनी
परमेश्वरी ने गुरुवार को अपने पति को पाकिस्तान भेजने के कलेक्टर के आदेश से दुखी होकर आत्महत्या तक की चेतावनी दे दी थी. उसने कहा, समस्या यह है कि वह अपने चार बच्चों को लेकर भारत में किसके सहारे रहेगी. परमेश्वरी का आरोप है कि मेरे पति को वापस पाकिस्तान भेज रहे हैं. यहां आने के बाद हमारे दो और बेटियों का जन्म हुआ है. अब चार बेटियों के साथ यहां क्या करूंगी? हमारे पास खुदकुशी करने के अलावा कोई चारा नहीं बचा, लेकिन कलेक्टर साहब कहते हैं कि जो करना कर लो, तुम्हारे पति को भेज कर रहेंगे.
जैसलमेर देश में रह रहे 19 पाकिस्तानी विस्थापितों को गृह मंत्रालय ने बड़ी राहत प्रदान की है. 6 साल पहले भारत आए इस विस्थापित हिंदू परिवार को वापस पाकिस्तान भेजे जाने के आदेश पर मंत्रालय ने रोक लगा दी है. हिंदुस्तान आए इस परिवार के लिए उस समय विकट स्थिति बन गई जब उनके परिवार के 6 लोगों को वापस पाकिस्तान डिपोर्ट करने की बात सामने आई. दरअसल, यह परिवार पाकिस्तान में हो रहे जुल्मों से मुक्ति पाने के लिए पाकिस्तान से भागकर हिंदुस्तान आ गया था. उनको यह लगा था कि हिंदुस्तान आने के बाद उनकी सारी तकलीफ है खत्म हो जाएगी. लेकिन पिछले कुछ दिनों से सीबीआई ने इस परिवार के कुछ सदस्यों को वापस पाकिस्तान भेजने की बात कही तो परिवार पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा. गुरुवार को यह परिवार जिला कलेक्टर पहुंचा तो मीडियो के जरिए मामला गृह मंत्रालय तक पहुंचा था.
जानकारी के अनुसार पाकिस्तान से भारत आए इस परिवार के कुछ सदस्य खेती-किसानी के लिए जोधपुर से जैसलमेर इलाके में कथित पैतृक गांव में चले गए थे. इसके बाद वीजा नियमों के उल्लंघन के चलते परिवार के कुछ सदस्यों को पाकिस्तान वापस भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. परिवार की सदस्य और 4 बेटियों की मां परमेश्वरी कहती है कि जोधपुर बहुत महंगा शहर है और खेती-बाड़ी के काम से वे अपने पुराने गांव जहां से आजादी के बाद में पाकिस्तान गए थे वहां खेती करने चले गए थे. तब से ही उनके पति और अन्य सदस्य को पाकिस्तान डिपोर्ट करने की बात कही जा रही थी.
पाकिस्तान से विस्थापित परमेश्वरी ने दी आत्महत्या की चेतावनी
परमेश्वरी ने गुरुवार को अपने पति को पाकिस्तान भेजने के कलेक्टर के आदेश से दुखी होकर आत्महत्या तक की चेतावनी दे दी थी. उसने कहा, समस्या यह है कि वह अपने चार बच्चों को लेकर भारत में किसके सहारे रहेगी. परमेश्वरी का आरोप है कि मेरे पति को वापस पाकिस्तान भेज रहे हैं. यहां आने के बाद हमारे दो और बेटियों का जन्म हुआ है. अब चार बेटियों के साथ यहां क्या करूंगी? हमारे पास खुदकुशी करने के अलावा कोई चारा नहीं बचा, लेकिन कलेक्टर साहब कहते हैं कि जो करना कर लो, तुम्हारे पति को भेज कर रहेंगे.
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