जैसलमेर उष्ट्र विकास योजना में जमकर करोड़ो का फर्जीवाड़ा,एक ही अधिकारी ने सत्यापन और भुगतान कर दिया
जैसलमेर सरहदी जिले जेसलमेर के पशु पालन विभाग में सरहदी जिले में ऊँठ सरंक्षण के लिए संचालित उष्ट्र विकास योजना में करोड़ो रूपये की हेराफेरी का मामला सामने आया।जिस पर जिला कलेक्टर के आदेश पर तीन सदस्यीय जांच कमिटी बिताई गई है जो आवेदनों की भौतिक सत्यता की जांच करेगी।
जानकारी के अनुसार पिछले तीन सालों से जिले में उष्ट्र विकास योजना संचालित की जा रही है।इस योजना के तहत ऊंटनी के नवजात बच्चे के सरंक्षण के लिए केंद्र सरकार की तरफ से दस हजार रुपये तीन किस्तों में दिए जाते है। इस योजना में अब तक कोई ढाई करोड़ से तीन करोड़ तक का भुगतान किया जा चुका है।।इस योजना में सनसनी खेज खुलासा हुआ है कि जिले में जितने ऊँठ नहीं उससे अधिक का भुगतान अधिकारी की मिलीभगत से किया गया ।सूत्रानुसार एक ही ऊँठ के बच्चे के अलग अलग ऐंगल से फोटोग्राफ लिए गए।एक ही पशुपालक को एक ऊँठ के स्थान पर दस या अधिक ऊँठ दिखाकर फर्जी भुगतान किया गया।सबसे बड़ा फर्जी वाडा ऊँठ के लगने वाले टैग में किया गया।।एक टैग को दस बार इस्तेमाल किया गया।यहां तक कि दस्तावेज देखने और टैग पर कागज़ चिपका कर नम्बर बदलने के मामले भी सामने आए। इतना ही नही एक ही अधिकारी ने दस्तावेजों का सत्यापन किया उसी अधिकाती ने भुगतान स्वीकृत कर लिया। हमीरा ग्राम पंचायत में पशुधन सहायक द्वारा गांव में जितने ऊँठ नहीं उससे कही गुना अधिक दस्तावेजों के सत्यापन करवा लाखो रुपये का फर्जी भुगतान किया गया।।आश्चर्यजनक बात है कि तीन सालों से योजना में फर्जीवाड़ा चल रहा है किसी अधिकारी ने ध्यान नही दिया।इस बार जिला कलेक्टर नमित मेहता ने मामले की गंभीरता देखते हुए अब तक आये अनुदान के दस्तावेजों की भौतिक सत्यता जांचने के लिए तीन सदस्यीय कमिटी गठित कर दी है जो दस्तावेजों की जांच करेगी।आखिर ऊँटो की जिले में जनसंख्या से अधिक अनुदान भुगतान कैसे हो गया।।
जिला कलेक्टर नमित मेहता ने बताया कि उष्ट्र विकास योजना में अनियमितताओं की जानकारी मिलने पर अनुदान के लिए पशुपालकों द्वारा जमा कराए और उनके सत्यापन संबंधित दस्तावेजों की जांच तीन सदस्यीय कमिटी से करने के निर्देश उप निदेशक पशु पालन को दिए है ।
जिला कलेक्टर के निर्देश पर पशु पालन विभाग के संयुक्त निदेशक ने आदेश संख्या 10386 के तहत तीन सदस्यीय डॉ अनिल कुमार,डॉ संजीव भोंसले,और डॉ रंजीत सिंह की अगुवाई में उष्ट्र विकास योजना के दस्तावेजों में की गई अनियमितताओं और फर्जी भुगतान की जांच करेगी।
जैसलमेर सरहदी जिले जेसलमेर के पशु पालन विभाग में सरहदी जिले में ऊँठ सरंक्षण के लिए संचालित उष्ट्र विकास योजना में करोड़ो रूपये की हेराफेरी का मामला सामने आया।जिस पर जिला कलेक्टर के आदेश पर तीन सदस्यीय जांच कमिटी बिताई गई है जो आवेदनों की भौतिक सत्यता की जांच करेगी।
जानकारी के अनुसार पिछले तीन सालों से जिले में उष्ट्र विकास योजना संचालित की जा रही है।इस योजना के तहत ऊंटनी के नवजात बच्चे के सरंक्षण के लिए केंद्र सरकार की तरफ से दस हजार रुपये तीन किस्तों में दिए जाते है। इस योजना में अब तक कोई ढाई करोड़ से तीन करोड़ तक का भुगतान किया जा चुका है।।इस योजना में सनसनी खेज खुलासा हुआ है कि जिले में जितने ऊँठ नहीं उससे अधिक का भुगतान अधिकारी की मिलीभगत से किया गया ।सूत्रानुसार एक ही ऊँठ के बच्चे के अलग अलग ऐंगल से फोटोग्राफ लिए गए।एक ही पशुपालक को एक ऊँठ के स्थान पर दस या अधिक ऊँठ दिखाकर फर्जी भुगतान किया गया।सबसे बड़ा फर्जी वाडा ऊँठ के लगने वाले टैग में किया गया।।एक टैग को दस बार इस्तेमाल किया गया।यहां तक कि दस्तावेज देखने और टैग पर कागज़ चिपका कर नम्बर बदलने के मामले भी सामने आए। इतना ही नही एक ही अधिकारी ने दस्तावेजों का सत्यापन किया उसी अधिकाती ने भुगतान स्वीकृत कर लिया। हमीरा ग्राम पंचायत में पशुधन सहायक द्वारा गांव में जितने ऊँठ नहीं उससे कही गुना अधिक दस्तावेजों के सत्यापन करवा लाखो रुपये का फर्जी भुगतान किया गया।।आश्चर्यजनक बात है कि तीन सालों से योजना में फर्जीवाड़ा चल रहा है किसी अधिकारी ने ध्यान नही दिया।इस बार जिला कलेक्टर नमित मेहता ने मामले की गंभीरता देखते हुए अब तक आये अनुदान के दस्तावेजों की भौतिक सत्यता जांचने के लिए तीन सदस्यीय कमिटी गठित कर दी है जो दस्तावेजों की जांच करेगी।आखिर ऊँटो की जिले में जनसंख्या से अधिक अनुदान भुगतान कैसे हो गया।।
जिला कलेक्टर नमित मेहता ने बताया कि उष्ट्र विकास योजना में अनियमितताओं की जानकारी मिलने पर अनुदान के लिए पशुपालकों द्वारा जमा कराए और उनके सत्यापन संबंधित दस्तावेजों की जांच तीन सदस्यीय कमिटी से करने के निर्देश उप निदेशक पशु पालन को दिए है ।
जिला कलेक्टर के निर्देश पर पशु पालन विभाग के संयुक्त निदेशक ने आदेश संख्या 10386 के तहत तीन सदस्यीय डॉ अनिल कुमार,डॉ संजीव भोंसले,और डॉ रंजीत सिंह की अगुवाई में उष्ट्र विकास योजना के दस्तावेजों में की गई अनियमितताओं और फर्जी भुगतान की जांच करेगी।
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